40 हजार रुपए घूस लेते दो दरोगा विजिलेंस टीम ने रंगे हाथों पकड़े
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40 हजार रुपए घूस लेते दो दरोगा विजिलेंस टीम ने रंगे हाथों पकड़े, भभुआ के भगवानपुर थाना में सनसनीखेज खुलासा
सारांश :
कैमूर के भगवानपुर थाना में दो दरोगा लकी आनंद और राशीद कमल को 40 हजार रुपए रिश्वत लेते विजिलेंस टीम ने रंगे हाथ पकड़ा। मामला परमालपुर गांव निवासी प्रिंस सिंह की गिरफ्तारी टालने के लिए रिश्वत मांगने का है। जांच के बाद दोनों के खिलाफ कार्रवाई जारी है।
हाईलाइट :
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कैमूर के भगवानपुर थाना में दो दरोगा 40 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए।
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रिश्वत की मांग परमालपुर गांव निवासी प्रिंस सिंह की गिरफ्तारी टालने को लेकर थी।
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विजिलेंस टीम ने मामले की जांच कर दोनों दरोगाओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।
Report By : Rupesh kumar Dubey (News Era) || Date : 04 June 2025 ||
कैमूर जिले के भगवानपुर थाना क्षेत्र से एक बेहद ही गंभीर और चौकाने वाली खबर सामने आई है। यहां दो पुलिस दरोगा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए रिश्वत मांगने और 40 हजार रुपए घूस लेते हुए विजिलेंस टीम के हत्थे चढ़ गए हैं। इस भ्रष्टाचार की घटना ने जिले में प्रशासनिक सख्ती और पुलिस पर जनता का भरोसा सवालों के घेरे में ला दिया है।
मामला : गिरफ्तारी से इनकार के नाम पर रिश्वत की मांग
भगवानपुर थाना क्षेत्र के परमालपुर गांव निवासी प्रिंस सिंह से जुड़े एक मामले में यह रिश्वत मांगने का आरोप लगा है। बताया गया कि पुलिस ने प्रिंस सिंह को गिरफ्तार करने के निर्देश थे, लेकिन पुलिस के दो दरोगा लकी आनंद और राशीद कमल ने गिरफ्तारी न करने के एवज में 40 हजार रुपए की मांग की। जब प्रिंस सिंह के परिवार वालों ने पुलिस में शिकायत की, तो मामला विजिलेंस की संज्ञान में आया और विशेष टीम गठित कर जांच शुरू की गई।
विजिलेंस टीम ने किया जांच का दायित्व
इस घूसखोरी की शिकायत मिलने के बाद विजिलेंस की टीम ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत कार्रवाई की। टीम में दो डीएसपी, एसआई रमनिकांत सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। विजिलेंस ने संपूर्ण सत्यापन किया और छिपे हुए तथ्यों को उजागर करते हुए दोनों दरोगाओं को रंगे हाथों घूस लेते हुए दबोच लिया।
गिरफ्तारी और अब तक की कार्रवाई
विजिलेंस ने भगवानपुर थाना परिसर में ही दोनों आरोपित दरोगाओं को गिरफ्तार कर लिया। घूसखोरी की वारदात का मामला थाना कांड संख्या 128/25 में दर्ज किया गया है। दोनों दरोगा लकी आनंद और राशीद कमल फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं और विजिलेंस आगे की कानूनी कार्रवाई कर रही है।
इस मामले ने प्रशासन के अंदर व्याप्त भ्रष्टाचार और पुलिस तंत्र में मिलीभगत की सच्चाई को बेनकाब कर दिया है।
जनता में उबाल, पुलिस की छवि पर गंभीर प्रभाव
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। लोग पुलिस की छवि खराब होने और भ्रष्टाचार के मामलों में शामिल होने पर चिंता जता रहे हैं। आम जनता का कहना है कि पुलिस की यही सच्ची भूमिका होनी चाहिए कि वह कानून का पालन कर सभी के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करे न कि अपने स्वार्थ के लिए जनता को परेशान करे।
प्रशासन का संकल्प – भ्रष्टाचार को नहीं बख्शा जाएगा
कैमूर जिले के प्रशासनिक अधिकारीयों ने इस घटना को अत्यंत गंभीरता से लिया है। डीएम और पुलिस कप्तान ने साफ कर दिया है कि जिले में भ्रष्टाचार और किसी भी प्रकार की गलत कार्रवाई को बख्शा नहीं जाएगा। भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी ताकि जनता का पुलिस प्रशासन पर भरोसा बनाए रखा जा सके।
विजिलेंस की भूमिका महत्वपूर्ण
विजिलेंस टीम की यह कार्रवाई दर्शाती है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान कितनी मजबूती से चल रहा है। विजिलेंस ने अपनी चौकसी से यह साबित कर दिया कि कोई भी अधिकारी कानून से ऊपर नहीं है। विजिलेंस की सतर्कता ही भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने का सबसे बड़ा हथियार है।
आगे क्या होगा?
अब दोनों दरोगाओं के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा। जांच पूरी होने के बाद आरोपितों को सख्त सजा दिलाने के लिए प्रशासन गंभीर है। साथ ही इस मामले की गहनता से पड़ताल की जा रही है ताकि अन्य संबंधित लोगों को भी उजागर किया जा सके।
भ्रष्टाचार और घूसखोरी जैसी घटनाएं पुलिस व्यवस्था और प्रशासन की विश्वसनीयता को कमजोर करती हैं। भगवानपुर थाना में दो दरोगाओं का रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा जाना एक संदेश है कि भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी। जनता के प्रति जिम्मेदारी निभाने वाले अधिकारी भ्रष्टाचार से ऊपर नहीं हैं। विजिलेंस की इस कार्रवाई से उम्मीद है कि कैमूर जिले में ईमानदारी और पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा और जनता को पुलिस सेवा में सुधार देखने को मिलेगा।