मदनपुर NH-19 पर दर्दनाक सड़क हादसा: महिला की मौत, ओवरब्रिज निर्माण की उठी मांग

मदनपुर NH-19 पर दर्दनाक सड़क हादसा: महिला की मौत, ओवरब्रिज निर्माण की उठी मांग
Report By : Chitranjan Kumar (News Era) || Date : 05 June 2025 ||
औरंगाबाद जिले के मदनपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत बुधवार की देर शाम एक दर्दनाक सड़क हादसे ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 19 (NH-19) पर बनिया घटराईन मोड़ के पास तेज रफ्तार ट्रक की चपेट में आने से एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसका पति गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना के बाद पूरे क्षेत्र में आक्रोश फैल गया और स्थानीय ग्रामीणों ने मुख्य मार्ग को जाम कर दिया। लगभग चार घंटे तक यातायात पूरी तरह बाधित रहा।
मृतका की पहचान और हादसे का घटनाक्रम
घटना में मृतक महिला की पहचान बनिया गांव निवासी अर्जुन पासवान की पत्नी, 50 वर्षीय गीता देवी के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार, गीता देवी अपने पति अर्जुन पासवान के साथ बाइक पर सवार होकर मदनपुर बाजार से अपने गांव बनिया लौट रही थीं। रास्ते में जैसे ही वे बनिया घटराईन मोड़ के पास पहुंचे, अचानक एक तेज रफ्तार ट्रक ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी।
टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि गीता देवी ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। वहीं, उनके पति अर्जुन पासवान गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने घायल अर्जुन को उठाकर मदनपुर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया, जहां उनका इलाज चल रहा है।
ग्रामीणों का आक्रोश और चार घंटे तक जाम
घटना की सूचना मिलते ही क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया। गीता देवी की दर्दनाक मौत से आक्रोशित स्थानीय ग्रामीणों ने NH-19 की दोनों लेनों को जाम कर दिया। सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। घंटों तक यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
ग्रामीणों की मांग थी कि जहां यह हादसा हुआ, वहां वर्षों से ओवरब्रिज की आवश्यकता है लेकिन सरकार और प्रशासन ने अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उनका कहना था कि इस स्थान पर हर वर्ष कई लोग सड़क हादसों में जान गंवा चुके हैं, लेकिन सरकार की नींद अब तक नहीं खुली।
प्रशासन की पहल और समझौता वार्ता
घटना की जानकारी मिलते ही मदनपुर थाना अध्यक्ष राजेश कुमार अपने दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे और आक्रोशित भीड़ को समझाने की कोशिश की, लेकिन भीड़ तब तक शांत नहीं हुई जब तक प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे।
कुछ ही देर में बीडीओ डॉक्टर अवतुल्य कुमार आर्य, सीओ अकबर हुसैन और औरंगाबाद सदर के एसडीपीओ चंदन कुमार मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने ग्रामीणों से संवाद कर उन्हें शांत करने का प्रयास किया। बीडीओ ने मृतक के परिजनों को पारिवारिक लाभ योजना के तहत बीस हजार रुपये का चेक प्रदान किया और साथ ही हरसंभव सहायता का भरोसा दिया।
स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि डॉक्टर रामानंद रविदास, मनोज पाठक, सत्येंद्र पासवान, प्रदीप पासवान, भुनेश्वर राम समेत कई ग्रामीण और स्थानीय नेता भी मौके पर मौजूद थे। उन्होंने भी लोगों से संयम बरतने की अपील की।
ओवरब्रिज निर्माण की मांग तेज
ग्रामीणों और पंचायत प्रतिनिधियों ने एक सुर में सरकार से घटराईन मोड़ और बनिया मोड़ पर ओवरब्रिज निर्माण की पुरजोर मांग की है। उनका कहना है कि इन दोनों स्थानों पर दुर्घटनाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। बनिया और घटराईन पंचायतों की संयुक्त आबादी लगभग 15,000 से अधिक है, और यह क्षेत्र एनएच-19 से होकर गुजरता है।
ग्रामीणों का कहना है कि रोड पार करते समय अक्सर महिलाएं, बुजुर्ग, बच्चे और बाइक सवार लोग तेज रफ्तार वाहनों की चपेट में आ जाते हैं। ओवरब्रिज नहीं होने की वजह से हर महीने कोई न कोई जान गंवा देता है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाया गया तो वे सामूहिक आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
पुलिस की कार्रवाई और शव का पोस्टमार्टम
घटना स्थल से भीड़ के हटने के बाद पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए औरंगाबाद सदर अस्पताल भेजा। पोस्टमार्टम की औपचारिकता पूरी होने के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया। गमगीन माहौल में गीता देवी का अंतिम संस्कार किया गया।
पुलिस द्वारा घटना में शामिल ट्रक की पहचान करने और चालक को गिरफ्तार करने की प्रक्रिया जारी है। थानाध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया कि ट्रक को जब्त करने और चालक की गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग टीमों को लगाया गया है।
मृतका की अंतिम विदाई में उमड़ा गांव
गुरुवार की सुबह गीता देवी का अंतिम संस्कार बनिया गांव के श्मशान घाट पर किया गया। उनकी अंतिम यात्रा में सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए। पूरा गांव शोक में डूबा हुआ था। गीता देवी अपने पीछे पति और चार बच्चों को छोड़ गई हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वे एक मिलनसार और धार्मिक स्वभाव की महिला थीं और इस तरह अचानक उनका जाना पूरे गांव के लिए गहरा आघात है।
सरकार से अपेक्षा: सिर्फ मुआवजा नहीं, स्थायी समाधान चाहिए
स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार और प्रशासन हादसे के बाद सिर्फ मुआवजा देकर अपने कर्तव्य की इतिश्री मान लेते हैं। लेकिन जमीनी सच्चाई यह है कि जब तक बुनियादी सुविधाएं नहीं दी जाएंगी, तब तक हादसे रुकने वाले नहीं हैं।
मुखिया प्रतिनिधि डॉ. रामानंद रविदास ने बताया कि बनिया और घटराईन के बीच की यह सड़क वर्षों से दुर्घटनाओं का हॉटस्पॉट बनी हुई है। इसके बावजूद कोई ब्रेकर, सिग्नल, पुलिस बूथ या ओवरब्रिज अब तक नहीं बनाया गया है।
यातायात बहाल, लेकिन असुरक्षा बरकरार
जाम समाप्त होने के बाद पुलिस ने मार्ग को सामान्य कराया और वाहनों का आवागमन बहाल हुआ। लेकिन एक बार फिर से वही सवाल खड़ा हो गया—क्या आने वाले दिनों में फिर कोई जान जाएगी इस सड़क पर?
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर अगले एक महीने के भीतर सरकार ओवरब्रिज निर्माण पर कोई ठोस कार्य योजना सार्वजनिक नहीं करती है, तो वे जन आंदोलन करेंगे और एनएच-19 को अनिश्चितकाल के लिए जाम करेंगे।
गीता देवी की मौत सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि एक बार फिर से यह चेतावनी है कि ग्रामीण भारत में सड़क सुरक्षा को लेकर सरकार और प्रशासन कितने लापरवाह हैं। केवल मुआवजा और प्रशासनिक कार्रवाई इस पीड़ा को खत्म नहीं कर सकती। जब तक सड़कों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए जाएंगे, तब तक हर परिवार इस तरह की त्रासदी का शिकार होता रहेगा।
क्या सरकार जागेगी? या एक और गीता देवी को कुचले जाने का इंतजार किया जाएगा?