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अवैध चिकन-मटन दुकान पर चला प्रशासन का बुलडोजर

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अवैध चिकन-मटन दुकान पर चला प्रशासन का बुलडोजर, पत्रकार को धमकियों के बावजूद हुई बड़ी कार्रवाई

सारांश :

भभुआ के रामगढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत सिसौड़ा गांव में प्रशासन ने सोमवार को अवैध चिकन-मटन दुकानों पर बुलडोजर चलाया। बिना लाइसेंस संचालित दुकानों को अंचलाधिकारी व पुलिस ने ध्वस्त किया। पत्रकार को धमकियों के बावजूद खबर उजागर करने पर यह कार्रवाई हुई। प्रशासन ने आगे भी सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।

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Report By : Rupesh Kumar Dubey (News Era, Kaimur) || Date : 17 June 2025 ||
भभुआ जिले के रामगढ़ थाना अंतर्गत सिसौड़ा गांव में सोमवार को प्रशासन ने अवैध तरीके से संचालित चिकन और मटन दुकानों पर बड़ी कार्रवाई की। अंचल प्रशासन व पुलिस की संयुक्त टीम ने बुलडोजर चलाकर सड़क किनारे अवैध रूप से बनी दुकानों को ध्वस्त कर दिया और अतिक्रमण मुक्त कराया। इस पूरी कार्रवाई के दौरान अवैध दुकानदार मौके से फरार हो गए। प्रशासन द्वारा यह कार्रवाई न सिर्फ कानून व्यवस्था कायम रखने के लिहाज से महत्वपूर्ण मानी जा रही है बल्कि इसे पत्रकारिता की एक बड़ी जीत के तौर पर भी देखा जा रहा है।

अंचलाधिकारी (सीओ) रश्मि कुमारी और थानाध्यक्ष राजू कुमार

प्रशासन का स्पष्ट संदेश- अवैध कारोबार नहीं होगा बर्दाश्त

कार्रवाई का नेतृत्व कर रहीं अंचलाधिकारी (सीओ) रश्मि कुमारी और थानाध्यक्ष राजू कुमार ने मौके पर मौजूद मीडिया से बातचीत में साफ कहा कि अवैध रूप से संचालित दुकानों और अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि “अवैध कार्यों पर अंकुश लगाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है ताकि कानून का भय बना रहे और सामाजिक सौहार्द भी कायम रहे।”

अधिकारियों ने बताया कि सिसौड़ा गांव के बीचोंबीच सड़क किनारे अवैध रूप से बनी इन दुकानों को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थीं। बिना किसी लाइसेंस के मांस बेचने के साथ-साथ दुकानदारों द्वारा अतिक्रमण कर सड़क को बाधित किया जा रहा था, जिससे यातायात में भी परेशानी हो रही थी।

विशेष जांच दल ने की पुष्टि

प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रशासन को कुछ दिनों पहले शिकायत मिली थी कि सिसौड़ा गांव में कुछ लोग बिना लाइसेंस के चिकन-मटन की दुकानें चला रहे हैं। शिकायत की गंभीरता को देखते हुए अंचल प्रशासन ने एक विशेष जांच दल गठित कर मौके पर भेजा। जांच दल की रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि दुकानदारों के पास न तो कोई वैध लाइसेंस था और न ही स्वास्थ्य विभाग की कोई स्वीकृति।

गांव के ही ग्राम पंचायत सिसौड़ा वार्ड-2 की वार्ड सदस्य निशा देवी ने इस अवैध गतिविधि को लेकर थाना में लिखित आवेदन भी दिया था। साथ ही, इस मुद्दे को लेकर स्थानीय अखबारों में भी खबरें प्रकाशित हुईं। प्रशासन ने इन्हीं रिपोर्टों और आवेदन के आधार पर कार्रवाई को अंतिम रूप दिया।

पत्रकार को मिली धमकियां, फिर भी जारी रखा मोर्चा

इस पूरी घटना में एक और अहम पहलू यह रहा कि इस अवैध कारोबार की खबर को सबसे पहले उजागर करने वाले स्थानीय मीडिया संस्थान ‘न्यूज ईरा’ के पत्रकार को दुकान संचालक, उनके परिजनों और एक स्थानीय मुर्गा फार्म के व्यापारी द्वारा गंभीर जानलेवा धमकियां दी जा रही थीं।

पत्रकार को लगातार फोन कॉल, सोशल मीडिया और स्थानीय लोगों के माध्यम से धमकाया गया कि अगर वह इस मामले में और खबरें छापेगा तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। धमकियों के बावजूद पत्रकार ने निडरता के साथ अपना काम जारी रखा और प्रशासन पर उचित कार्रवाई करने का दबाव बनाए रखा। आखिरकार, पत्रकार की साहसिक पत्रकारिता और प्रशासनिक तत्परता के कारण सोमवार को बुलडोजर चलाकर इस अवैध दुकान को ध्वस्त किया गया।

बुलडोजर कार्रवाई के दौरान माहौल रहा तनावपूर्ण

सोमवार सुबह जब अंचलाधिकारी रश्मि कुमारी के नेतृत्व में बुलडोजर लेकर प्रशासनिक अमला सिसौड़ा गांव पहुंचा, तो पूरे गांव में हलचल मच गई। दुकानदारों को जैसे ही इसकी भनक लगी, वे मौके से फरार हो गए। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात था ताकि किसी भी अप्रिय घटना से निपटा जा सके।

करीब दो घंटे चली इस कार्रवाई के दौरान अवैध दुकान को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि भविष्य में इस स्थान पर दोबारा अवैध दुकानें न लगाई जाएं। अगर इसके बावजूद कोई ऐसा करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

गांव में मिला मिला-जुला समर्थन

कार्रवाई के बाद गांव में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली। कुछ लोग प्रशासन की इस कार्रवाई का समर्थन कर रहे थे, जबकि कुछ लोग दुकानदारों के पक्ष में खड़े नजर आए। गांव के बुजुर्ग रामलखन सिंह ने कहा, “अवैध दुकानें हटना चाहिए थीं। सड़क पर अतिक्रमण हो गया था, जिससे आवाजाही में दिक्कत होती थी।”

वहीं, कुछ स्थानीय युवकों ने यह भी कहा कि गांव में रोजगार के अवसर कम हैं, इसलिए प्रशासन को दुकानदारों को वैध लाइसेंस दिलवाकर फिर से काम करने का मौका देना चाहिए।

प्रशासन का रुख सख्त

अंचलाधिकारी रश्मि कुमारी ने कहा कि यह कार्रवाई सिर्फ सिसौड़ा गांव तक सीमित नहीं रहेगी। जिन-जिन गांवों और बाजारों में अवैध तरीके से बिना लाइसेंस के मांस-मछली की दुकानें चल रही हैं, वहां भी इसी प्रकार की कार्रवाई होगी।

उन्होंने कहा कि “कानून का पालन सभी को करना चाहिए। बिना लाइसेंस के मांस का व्यवसाय न सिर्फ अवैध है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक हो सकता है। भविष्य में इस तरह के मामलों में किसी को बख्शा नहीं जाएगा।”

पत्रकार संगठन ने दी सराहना

इस कार्रवाई के बाद स्थानीय पत्रकार संगठनों ने प्रशासन की तत्परता की सराहना की है और धमकियों के बावजूद खबर को प्रमुखता से उजागर करने वाले ‘न्यूज ईरा’ के पत्रकार के साहस की प्रशंसा की है।

पत्रकार संघ के अध्यक्ष अरुणेश सिंह ने कहा कि “पत्रकारिता का काम ही यही है कि समाज में व्याप्त अव्यवस्थाओं को उजागर किया जाए। हम उस पत्रकार को बधाई देते हैं जिसने अपनी जान की परवाह किए बिना सच्चाई सामने रखी। प्रशासन से हमारी मांग है कि पत्रकार को दी गई धमकियों की भी गहराई से जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।”

सिसौड़ा गांव में अवैध तरीके से संचालित चिकन-मटन दुकानों पर बुलडोजर चलना न केवल एक प्रशासनिक कार्रवाई है, बल्कि यह दिखाता है कि अगर पत्रकारिता निष्पक्ष और निर्भीकता से की जाए तो समाज में सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं। साथ ही यह घटना यह भी बताती है कि प्रशासन अब अवैध गतिविधियों पर सख्त रुख अपनाने को तैयार है।

अगर यही सिलसिला आगे भी जारी रहा तो निश्चित तौर पर कैमूर जिला और आसपास के ग्रामीण इलाकों में कानून का राज और सामाजिक सौहार्द मजबूत होगा।

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