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अवैध संबंध का किया विरोध, तो छिन गई जिंदगी

Aurangabad Crime News

अवैध संबंध का किया विरोध, तो छिन गई जिंदगी – औरंगाबाद में विवाहिता की गला दबाकर हत्या, ससुराल पक्ष पर गंभीर आरोप

सारांश :

औरंगाबाद के ओबरा थाना क्षेत्र में विवाहिता जॉली की गला दबाकर हत्या कर दी गई। मृतका के पिता ने पति और ससुरालवालों पर हत्या और दहेज प्रताड़ना का आरोप लगाया है। जॉली ने पति के अवैध संबंध का विरोध किया था। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर जांच शुरू कर दी है।

हाईलाइट्स:

  • औरंगाबाद के रथदुर्गा मुहल्ले में विवाहिता जॉली की संदिग्ध हालात में मौत।
  • मायके वालों ने पति और ससुराल पक्ष पर गला दबाकर हत्या का लगाया आरोप।
  • मृतका ने पति के अवैध संबंध का विरोध किया था, लगातार मिल रही थी प्रताड़ना।
  • दहेज में 14 लाख और गाड़ी की मांग को लेकर भी होता था उत्पीड़न।
  • पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा, मामले की जांच शुरू।

Report By : Chitranjan Kumar (News Era) || Date : 04 June 2025 ||

बिहार के औरंगाबाद जिले से एक बार फिर रिश्तों को कलंकित कर देने वाली वारदात सामने आई है। ओबरा थाना क्षेत्र के रथदुर्गा मुहल्ले में एक नवविवाहिता की गला दबाकर हत्या कर दी गई। परिवार वालों का आरोप है कि बेटी की हत्या ससुराल पक्ष के लोगों ने मिलकर इसलिए कर दी क्योंकि वह अपने पति के अवैध संबंध का विरोध करती थी। साथ ही दहेज की मांग और प्रताड़ना की शिकायतें भी पहले से मिलती रही थीं।

इस घटना ने न सिर्फ इलाके में सनसनी फैला दी है, बल्कि एक बार फिर समाज के उस कटु सत्य को उजागर किया है जहां शादी के बाद भी महिलाएं अपने ही घर में असुरक्षित हैं। पुलिस मामले की जांच में जुटी है, वहीं मृतका के मायके वाले इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं।

घटना का पूरा विवरण

घटना बुधवार को दोपहर करीब दो बजे की है। मृतका की पहचान रथदुर्गा मुहल्ला निवासी मनीष गुप्ता की पत्नी जॉली कुमारी के रूप में हुई है। मृतका के पिता संतोष कुमार गुप्ता, जो दाउदनगर थाना क्षेत्र के अरई गांव के निवासी हैं, ने आरोप लगाया है कि उनकी बेटी की हत्या सुनियोजित तरीके से की गई है।

उन्होंने बताया कि दिसंबर 2024 में अपनी बेटी की शादी बड़े ही धूमधाम से मनीष गुप्ता के साथ की थी। इस विवाह में उन्होंने लगभग एक लाख रूपये नगद और डेढ़ लाख रूपये का अन्य खर्च किया था। शादी के कुछ ही महीनों बाद ससुराल पक्ष ने 14 लाख रूपये और एक चार पहिया वाहन की मांग शुरू कर दी। इनकार करने पर जॉली को लगातार प्रताड़ित किया जाने लगा।

पति के अवैध संबंध का किया था विरोध

संतोष गुप्ता ने सबसे गंभीर आरोप यह लगाया कि जॉली को उसके पति के अवैध प्रेम संबंधों की जानकारी हो गई थी। उसने इसका विरोध किया और यह बात अपने मायके में भी साझा की थी। इसके बाद ससुराल वालों का रवैया और भी हिंसक हो गया।

परिजनों के अनुसार, जॉली को न सिर्फ मानसिक बल्कि शारीरिक रूप से भी प्रताड़ित किया जाने लगा था। वह कई बार फोन पर रोते हुए बताती थी कि अब वह बर्दाश्त नहीं कर पा रही है। लेकिन एक मां-बाप कर भी क्या सकते थे, ससुराल में बेटी की जिंदगी को बचाने की हर कोशिश की गई।

मौत या हत्या – ससुराल पक्ष का बचाव

जॉली की मौत के बाद ससुराल पक्ष की ओर से यह दावा किया गया कि जॉली की तबियत अचानक खराब हो गई थी। उन्होंने बताया कि उसे तुरंत इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी हालत बिगड़ती चली गई और अंततः उसकी मौत हो गई।

हालांकि यह तर्क परिजनों को गले नहीं उतरा। संतोष गुप्ता ने साफ कहा कि यह महज एक बहाना और साजिश है ताकि हत्या को छुपाया जा सके।

थाने में दर्ज हुआ मामला, सात लोगों पर नामजद एफआईआर

घटना की सूचना मिलते ही ओबरा थाना पुलिस मौके पर पहुंची। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए औरंगाबाद सदर अस्पताल भेजा गया। इधर, मृतका के पिता की तहरीर पर ओबरा थाना में हत्या की प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।

नामजद आरोपियों में शामिल हैं:

  1. मनीष गुप्ता (पति)

  2. सास

  3. ससुर

  4. देवर

  5. ननद

  6. नंदोसी

  7. अन्य सहयोगी

इन सभी पर हत्या, दहेज उत्पीड़न और साजिश रचने का आरोप लगाया गया है।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार

पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। रिपोर्ट आने के बाद स्थिति और स्पष्ट होगी कि जॉली की मौत कैसे हुई। फिलहाल पुलिस ने ससुराल पक्ष के कुछ लोगों से पूछताछ की है और जांच तेज कर दी गई है।

ओबरा थानाध्यक्ष ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मामले को गंभीरता से लिया गया है और त्वरित कार्रवाई की जाएगी। अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा।

स्थानीय लोगों में आक्रोश

घटना के बाद पूरे रथदुर्गा मोहल्ले में आक्रोश का माहौल है। आसपास के लोग भी इस निर्मम हत्या से स्तब्ध हैं। मोहल्ले की महिलाओं ने कहा कि जॉली अक्सर चुपचाप रहती थी, लेकिन उसके चेहरे पर कभी-कभी डर झलकता था।

महिला आयोग से हस्तक्षेप की मांग

मृतका के परिजनों ने बिहार राज्य महिला आयोग से भी हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि जॉली को न्याय तभी मिलेगा जब आरोपी सलाखों के पीछे होंगे और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सरकार सख्त कानूनों को जमीन पर उतारे।

पृष्ठभूमि में दहेज और सामाजिक मानसिकता

यह मामला न सिर्फ अवैध संबंधों के खिलाफ आवाज उठाने वाली एक महिला की हत्या का है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे दहेज प्रथा आज भी महिलाओं की जिंदगी निगल रही है।
शादी के बाद महिला को दहेज की मांग, शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न और फिर हत्या – यह त्रासदी का चक्र बन चुका है।

औरंगाबाद का यह मामला महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और अधिकारों पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। जॉली ने न सिर्फ अपने पति की गलत हरकतों का विरोध किया, बल्कि वह अपने सम्मान की लड़ाई लड़ रही थी। लेकिन इस लड़ाई की कीमत उसे अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।

अब देखना यह है कि प्रशासन और न्यायिक व्यवस्था कितनी जल्दी और कितनी सख्ती से इस हत्याकांड में शामिल दोषियों को सजा दिलाती है।

क्या कहता है कानून?

भारतीय दंड संहिता की धारा 498A (दहेज प्रताड़ना), 304B (दहेज हत्या), 302 (हत्या) के तहत इस मामले में सख्त कार्रवाई संभव है। यदि साक्ष्य पर्याप्त हैं, तो आरोपियों को कड़ी सजा मिल सकती है।

आगे क्या?

  • पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने का इंतजार

  • पुलिस द्वारा गिरफ्तारी और पूछताछ की प्रक्रिया

  • मामले की न्यायिक निगरानी की मांग

  • महिला संगठनों द्वारा प्रदर्शन और न्याय की मांग

नोट: यह खबर संवेदनशील विषय पर आधारित है। किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले पुलिस जांच और न्यायिक प्रक्रिया का इंतजार जरूरी है।

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