भाकपा माले का संपतचक प्रखंड सम्मेलन सफलतापूर्वक संपन्न
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भाकपा माले का संपतचक प्रखंड सम्मेलन सफलतापूर्वक संपन्न: लाल परचम थामकर फासीवादी ताकतों को चुनौती देने का संकल्प
भाकपा माले का छठवां प्रखंड सम्मेलन 15 जून 2025 को संपतचक, पटना में आयोजित हुआ। सम्मेलन में शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई और 17 सदस्यीय नई कमेटी का गठन हुआ। सत्यानंद कुमार को पुनः सचिव चुना गया। नेताओं ने केंद्र-राज्य सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए भाजपा के खिलाफ गांव-गांव संघर्ष का आह्वान किया।
हाइलाइट न्यूज :
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भाकपा माले का छठवां प्रखंड सम्मेलन 15 जून को संपतचक पटना में संपन्न हुआ।
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शहीदों को श्रद्धांजलि के साथ सम्मेलन की शुरुआत की गई।
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17 सदस्यीय नई कमेटी गठित, सत्यानंद कुमार पुनः सचिव निर्वाचित।
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नेताओं ने केंद्र और राज्य सरकार की विफलताओं को लेकर तीखा हमला बोला।
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गांव-गांव लाल झंडा फहराकर भाजपा को चुनौती देने का संकल्प लिया गया।
Report By : Bipin Kumar || Date : 15 June 2025 ||
भाकपा (माले) संपतचक पटना सदर संयुक्त प्रखंड कमेटी की ओर से आज दिनांक 15 जून 2025 को संपतचक प्रखंड कार्यालय स्थित लालू-नीतीश सभागार सामुदायिक भवन में भाकपा माले का छठवां प्रखंड सम्मेलन अत्यंत उत्साहपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ। इस सम्मेलन में माले कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों, मीडिया प्रतिनिधियों और ग्रामीण समाज के जागरूक नागरिकों की व्यापक भागीदारी देखने को मिली।
सम्मेलन की शुरुआत 2 मिनट के मौन श्रद्धांजलि से की गई। श्रद्धांजलि उन शहीद नागरिकों के लिए थी, जो हाल ही में कश्मीर के पहलगाम में आतंकवाद की घटनाओं में मारे गए। इसके साथ ही, भारतीय सेना के शहीद जवानों और भाकपा माले के दिवंगत साथियों को भी याद करते हुए श्रद्धांजलि दी गई। सभा स्थल में शहीद वेदी पर पुष्प अर्पित कर यह श्रद्धा-सुमन अर्पित किए गए।
उद्घाटन भाषण और कार्यक्रम संचालन
सम्मेलन का उद्घाटन भाषण भाकपा माले राज्य कमेटी सदस्य और अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य सचिव उमेश सिंह ने दिया। उन्होंने अपने संबोधन में देश और राज्य में चल रही साम्प्रदायिक और फासीवादी प्रवृत्तियों के खिलाफ माले की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि आज जब देश की संवैधानिक संस्थाएं कमजोर हो रही हैं, तब जनता की गोलबंदी और वैचारिक संघर्ष ही इन ताकतों को जवाब दे सकते हैं।
सम्मेलन का संचालन परमानंद प्रियदर्शी, रसमणि देवी और सुरेश सिंह ने संयुक्त रूप से किया। उन्होंने अनुशासित तरीके से कार्यक्रम की रूपरेखा को आगे बढ़ाते हुए वक्ताओं को मंच पर आमंत्रित किया।
मुख्य अतिथि और पर्यवेक्षक का संबोधन
इस मौके पर सम्मेलन के पर्यवेक्षक के रूप में उपस्थित थे भाकपा माले जिला कमेटी सदस्य और फतुहा प्रखंड सचिव शैलेंद्र यादव। उन्होंने अपने संबोधन में सम्मेलन की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि यह आयोजन केवल संगठनात्मक नहीं बल्कि जनप्रतिरोध की नींव मजबूत करने का माध्यम है।
उन्होंने यह भी बताया कि यह सम्मेलन आने वाले विधानसभा चुनावों की दिशा में भी संगठन को गति देगा, जिससे माले की नीतियों को गांव-गांव तक पहुंचाया जा सकेगा।
नई 17 सदस्यीय कमेटी का गठन
सम्मेलन में सर्वसम्मति से भाकपा माले की 17 सदस्यीय प्रखंड कमेटी का गठन किया गया, जिसमें प्रखंड सचिव पद के लिए सत्यानंद कुमार को पुनः निर्वाचित किया गया। यह चुनाव प्रतिनिधि सत्र में भाग लेने वाले सदस्यों की उपस्थिति में पारदर्शी तरीके से सम्पन्न हुआ।
चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने वाले प्रमुख प्रतिनिधियों में रामावतार दास, संदीप कुमार यादव, वीरेंद्र दास, सुरेंद्र दास, संजय दास, केवल राम, धनराज पासवान, लक्ष्मी कुमार, सरोज रविदास शामिल रहे। इसके अतिरिक्त, जो अन्य कमेटी सदस्य चुने गए उनमें शामिल हैं – शंकर राय, धनपत दास, सुधीर पासवान, सुकेश कुमार, कलु दास, सुरेश चंद्र ठाकुर, शिवजी सिंह, और विजय कुमार।
गरीबों के संघर्ष और सरकार पर तीखा हमला
सम्मेलन को संबोधित करते हुए वरिष्ठ नेता जगदीश आर्य और राम कुमार अकेला ने वर्तमान राज्य और केंद्र सरकार की नीतियों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि विकास, शासन, सुरक्षा और स्वास्थ्य जैसे हर महत्वपूर्ण क्षेत्र में सरकारें बुरी तरह असफल साबित हुई हैं। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन इस बात का संकेत है कि जनता अब इन फेल नीतियों के खिलाफ एकजुट हो रही है।
जगदीश आर्य ने अपने संबोधन में यह भी कहा,
“यह सम्मेलन केवल संगठनात्मक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक दस्तावेज की तरह है जो आने वाले समय में गांव-गांव में लाल परचम फहराकर भाजपा जैसी फासीवादी ताकतों को परास्त करने का संकल्प दोहराता है।”
लाल झंडे के नीचे एकता और संघर्ष की पुकार
सभी वक्ताओं ने एक सुर में यह कहा कि भाकपा माले आम जनता के संघर्षों की सच्ची प्रतिनिधि है। यह पार्टी न केवल खेत-खलिहान से लेकर फैक्ट्री-मजदूरों तक की आवाज बन चुकी है, बल्कि इसके संगठनात्मक ढांचे से स्पष्ट है कि यह जमीनी आंदोलन की पार्टी है।
सम्मेलन में शामिल सुमा देवी, वरती देवी, मुन्ना कुमार, मंटू दास, वीरेंद्र राम, अखिलेश कुमार, बिजेंदर पंडित जैसे लोगों ने भी अपनी बातों में माले के साथ जुड़ने के अनुभव साझा किए और इस लड़ाई को और आगे ले जाने का संकल्प दोहराया।
मीडिया और बुद्धिजीवियों को आमंत्रण
भाकपा माले की ओर से इस सम्मेलन में मीडिया कर्मियों, बुद्धिजीवियों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के सभी प्रतिनिधियों को सादर आमंत्रित किया गया था। सम्मेलन में अनेक स्थानीय पत्रकारों की उपस्थिति भी रही जिन्होंने इस आयोजन को गंभीरता से कवर किया।
सत्यानंद कुमार की प्रतिक्रिया
इस सम्मेलन की जानकारी भाकपा माले प्रखंड सचिव सत्यानंद कुमार ने दी। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन पार्टी के संगठनात्मक विकास और राजनीतिक संकल्प का सशक्त उदाहरण है। उन्होंने कहा:
“हमारा उद्देश्य केवल सत्ता परिवर्तन नहीं है, बल्कि समाज को सामंती, जातिवादी और पूंजीवादी शोषण से मुक्त कराना है। यह सम्मेलन उसी दिशा में एक संगठित प्रयास है।”
भाकपा माले का छठवां संपतचक प्रखंड सम्मेलन जनसरोकार, वैचारिक प्रतिबद्धता और संगठनात्मक मजबूती का प्रतीक बनकर उभरा। इसमें न केवल मौजूदा राजनीतिक हालातों की तीखी समीक्षा की गई, बल्कि आने वाले संघर्षों की रूपरेखा भी तय की गई।
जहाँ देश की मुख्यधारा की राजनीति में नैतिकता और वैचारिक स्पष्टता का अभाव दिखता है, वहीं भाकपा माले जैसे संगठन गांव-कस्बों में लोकतंत्र को जीवंत बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं।
यह सम्मेलन उस लाल परचम का प्रतीक बन गया, जो गरीब, मजदूर, किसान और आम आदमी के हाथों में उठेगा, और हर तरह की तानाशाही को चुनौती देगा।
रिपोर्ट: न्यूज़ इरा, संपतचक ब्यूरो
तारीख: 15 जून 2025
स्थान: लालू-नीतीश सभागार, संपतचक प्रखंड कार्यालय, पटना