दर्दनाक हादसा: तिलक समारोह से लौटते वक्त मैजिक पलटने से युवक की मौत, चार घायल; गांव में मचा कोहराम

दर्दनाक हादसा: तिलक समारोह से लौटते वक्त मैजिक पलटने से युवक की मौत, चार घायल; गांव में मचा कोहराम
एक खुशहाल तिलक समारोह से लौटते वक्त शुक्रवार की सुबह विशुनपुरा मोड़ के समीप हुए एक सड़क हादसे ने पूरे गांव को मातम में डुबो दिया। कैमूर जिले के भभुआ थाना क्षेत्र अंतर्गत विशुनपुरा मोड़ के पास एक मैजिक वाहन के पलटने से उसमें सवार 41 वर्षीय विक्रमा राम की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि अन्य चार सवारी गंभीर रूप से घायल हो गए। इनमें से दो की हालत चिंताजनक बताई जा रही है, जिन्हें बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है।
तिलक से लौट रही थी सवारी, हादसे ने छीन ली ज़िंदगी
यह घटना उस समय घटी जब पंछी गांव के कुछ लोग एक लड़की का तिलक चढ़ाकर उगहनी से वापस अपने गांव लौट रहे थे। जैसे ही वाहन विशुनपुरा के तीखे मोड़ पर पहुंचा, चालक का संतुलन बिगड़ गया और मैजिक अनियंत्रित होकर सड़क किनारे पलट गई। इस हादसे में वाहन के नीचे दबकर विक्रमा राम की मौके पर ही मौत हो गई।
मृतक की पहचान जय श्री राम के पुत्र विक्रमा राम (उम्र 41 वर्ष) के रूप में हुई है, जो पंछी गांव के निवासी थे। वे परिवार के साथ एक सामाजिक खुशी में शामिल होने के बाद लौट रहे थे, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।
परिजनों की करुण चीत्कार, गांव में पसरा मातम
इस दर्दनाक हादसे की खबर जैसे ही गांव में फैली, हर तरफ शोक की लहर दौड़ गई। तिलक की खुशियों से गूंज रहा गांव अब मातम में बदल चुका है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। मृतक के बड़े पिता के पुत्र रामावतार राम ने बताया कि विक्रमा परिवार के कमाऊ सदस्य थे और उनके ऊपर पूरे घर की जिम्मेदारी थी। अब उनके जाने के बाद घर में भरण-पोषण की चिंता खड़ी हो गई है।
सदर अस्पताल में प्राथमिक इलाज, दो घायल रेफर
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से घायलों को फौरन सदर अस्पताल, भभुआ लाया गया। यहां चारों घायलों का प्राथमिक इलाज किया गया। इनमें से दो की हालत नाजुक बताई जा रही है, जिन्हें बेहतर इलाज के लिए वाराणसी रेफर कर दिया गया है। वहीं, मृतक विक्रमा राम के शव का अंत्य परीक्षण सदर अस्पताल में किया गया, जिसके बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया।
जिप सदस्य विकास सिंह पहुंचे गांव, दी सांत्वना
घटना की जानकारी मिलते ही भभुआ जिला परिषद सदस्य विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल मृतक के गांव पंछी पहुंचे। उन्होंने परिवार को ढांढस बंधाया और इस दुख की घड़ी में हर संभव मदद का आश्वासन दिया। विकास सिंह ने कहा कि विक्रमा राम अत्यंत ही गरीब परिवार से थे और उनके निधन से उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उन्होंने जिला प्रशासन और राज्य सरकार से मांग की कि नियमों के तहत मिलने वाली मुआवजा राशि पीड़ित परिवार को तत्काल उपलब्ध कराई जाए।
“सरकार को चाहिए कि इस गरीब परिवार को तुरंत सहायता राशि दे, ताकि परिवार को कुछ राहत मिल सके। मृतक की माली हालत बहुत ही खराब है, ऐसे में देरी घातक हो सकती है।” — विकास सिंह, जिला परिषद सदस्य
अनियंत्रित वाहन बना हादसे की वजह
स्थानीय लोगों का कहना है कि विशुनपुरा मोड़ पर अक्सर ऐसे हादसे होते रहते हैं, क्योंकि मोड़ बहुत ही तीखा है और वहां कोई चेतावनी बोर्ड या ब्रेकर नहीं है। शुक्रवार की सुबह भी मैजिक वाहन तेज रफ्तार में था, जिससे चालक ने अपना संतुलन खो दिया और हादसा हो गया। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इस मोड़ पर दुर्घटना रोकने के लिए उचित इंतजाम किए जाएं, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
गांव के सामाजिक ताने-बाने पर गहरी चोट
विक्रमा राम की मौत सिर्फ उनके परिवार के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे गांव के लिए एक असहनीय क्षति है। वे गांव के सामाजिक आयोजनों में सक्रिय रहते थे और हर किसी की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते थे। अब उनका यूं अचानक चले जाना गांव की सामाजिक व्यवस्था पर भी असर डाल रहा है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मुआवजे के साथ-साथ घायलों के इलाज में मदद की मांग की है।
स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता पर उठे सवाल
इस घटना ने एक बार फिर स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां गांववाले लगातार उस मोड़ की खतरनाक स्थिति की शिकायत करते रहे हैं, वहीं प्रशासन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठा सका है। अगर समय रहते वहां ब्रेकर या चेतावनी बोर्ड लगाया गया होता, तो शायद विक्रमा राम की जान बचाई जा सकती थी।
संवेदना के साथ सहायता की प्रतीक्षा
इस हादसे ने साबित कर दिया है कि कैसे एक छोटी सी लापरवाही पूरे परिवार की खुशियों को छीन सकती है। अब विक्रमा राम के परिवार को शासन-प्रशासन से सहायता की आवश्यकता है। ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन से अपील की है कि जल्द से जल्द पीड़ित परिवार को मुआवजा उपलब्ध कराया जाए और घायलों के इलाज में कोई कसर न छोड़ी जाए।
भभुआ थाना क्षेत्र के विशुनपुरा मोड़ पर हुआ यह हादसा सिर्फ एक सड़क दुर्घटना नहीं, बल्कि एक परिवार की पूरी जिंदगी का बिखर जाना है। यह घटना ना सिर्फ सरकारी व्यवस्थाओं की पोल खोलती है, बल्कि यह भी बताती है कि अब वक्त है कि सड़क सुरक्षा को लेकर गांवों में भी गंभीरता से काम हो। प्रशासन को चाहिए कि इस घटना से सबक लेते हुए ऐसे मोड़ों पर उचित संकेतक और सुरक्षा उपाय तत्काल स्थापित करे।