breking Newskaimur Newsक्राइमटॉप न्यूज़पटना न्यूज़बिहारबिहार न्यूज़सासाराम न्यूज़

कैमूर में बड़ा फर्जीवाड़ा: 11 साल से सरकारी स्कूल में पढ़ा रहा था फर्जी शिक्षक, पुलिस ने किया गिरफ्तार

Kaimur News

कैमूर में बड़ा फर्जीवाड़ा: 11 साल से सरकारी स्कूल में पढ़ा रहा था फर्जी शिक्षक, पुलिस ने किया गिरफ्तार

Report By : Rupesh Kumar Dubey (News Era) || Date : 26 june 2025 ||

कैमूर, बिहार — जिले के मोहनिया प्रखंड अंतर्गत मिडिल स्कूल बघिनी से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां पिछले 11 वर्षों से फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए बच्चों को पढ़ा रहे एक शिक्षक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी शिक्षक का नाम अविनाश कुमार है, जो बघिनी कला गांव का निवासी है। पुलिस और निगरानी विभाग की संयुक्त कार्रवाई में यह फर्जीवाड़ा सामने आया है।

बताया जा रहा है कि अविनाश वर्ष 2014 से मिडिल स्कूल बघिनी में कार्यरत था और अपने कागजात के आधार पर सरकार से वेतन भी उठा रहा था। लेकिन हाल ही में जब उसके शैक्षिक प्रमाण पत्रों की जांच की गई तो पूरा मामला खुलकर सामने आया।

सिक्किम यूनिवर्सिटी का फर्जी प्रमाण पत्र

अविनाश ने नौकरी के लिए जो डिग्री और शैक्षिक प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए थे, वह सिक्किम यूनिवर्सिटी गंगटोक के थे। जांच के दौरान यह पाया गया कि वह प्रमाण पत्र फर्जी है और उसे वैध तरीके से जारी नहीं किया गया था। यह जानकारी मिलते ही निगरानी विभाग ने मोहनिया थाना में केस दर्ज कराया।

फिर क्या था — पुलिस ने अविलंब कार्रवाई करते हुए अविनाश कुमार को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के समय उसके पास से संदिग्ध दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं, जिन्हें अब जांच के लिए भेजा गया है।

पुलिस ने दी पूरी जानकारी

मोहनिया एसडीपीओ प्रदीप कुमार ने मीडिया से बातचीत में बताया —
“बघिनी कला गांव निवासी अविनाश कुमार को फर्जी शिक्षक प्रमाणित होने के बाद गिरफ्तार किया गया है। वह 2014 से मिडिल स्कूल बघिनी में पढ़ा रहा था। निगरानी विभाग की ओर से पहले से जांच चल रही थी। जांच के बाद फर्जी प्रमाण पत्र की पुष्टि हुई, जिसके आधार पर एफआईआर दर्ज की गई और आज उसे गिरफ्तार कर लिया गया।”

11 साल से कर रहा था बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़

सोचने वाली बात यह है कि अविनाश 11 वर्षों से सैकड़ों बच्चों को पढ़ा चुका है। यानी एक लंबे समय तक उसने शिक्षा विभाग और सरकार को धोखा दिया। इस दौरान वह हजारों-लाखों रुपये का वेतन भी ले चुका है। यह रकम भी अब वसूली के दायरे में आ सकती है।

स्थानीय लोगों के अनुसार —
“हमलोगों को कभी यह अंदाजा भी नहीं था कि हमारे गांव का शिक्षक फर्जी प्रमाण पत्र से नौकरी कर रहा है। यह तो सरकार और पुलिस की सख्ती से पकड़ में आया।”

विजिलेंस विभाग ने किया पर्दाफाश

इस पूरे मामले में विजिलेंस विभाग (निगरानी विभाग) ने अहम भूमिका निभाई। दरअसल विभाग को गुप्त सूचना मिली थी कि मिडिल स्कूल बघिनी में कार्यरत एक शिक्षक के प्रमाण पत्रों में गड़बड़ी है। इसी आधार पर विभाग ने बकायदा आवेदन देकर मोहनिया थाना में केस दर्ज कराया और आगे की कार्रवाई शुरू हुई।

जांच में कांड सत्य पाया गया और फिर अविनाश की गिरफ्तारी हुई। अब इस बात पर विचार किया जा रहा है कि उस पर कौन-कौन सी धाराएं लगाई जाएं और आगे की क्या कार्रवाई हो।

क्या होगी आगे की कार्रवाई?

फिलहाल अविनाश कुमार पुलिस हिरासत में है और पूछताछ की जा रही है। निगरानी विभाग और शिक्षा विभाग दोनों स्तरों पर यह जांच जारी है कि —

  1. इस फर्जी शिक्षक को नौकरी कैसे मिली?

  2. नियुक्ति प्रक्रिया में किन-किन लोगों की मिलीभगत रही?

  3. अब तक सरकार को कितनी आर्थिक हानि हुई?

  4. क्या इस तरह के अन्य फर्जी शिक्षक भी सिस्टम में मौजूद हैं?

वहीं स्थानीय प्रशासन की ओर से यह भी आश्वासन दिया गया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।

शिक्षा व्यवस्था पर सवाल

यह मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगे हैं। जब नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान इतनी बड़ी चूक हुई, तो निश्चित तौर पर सिस्टम में कहीं न कहीं गंभीर खामी है।

सवाल यह भी उठ रहा है कि आखिर 11 वर्षों तक किसी को शक क्यों नहीं हुआ? क्या शिक्षा विभाग के अधिकारी नियुक्ति के बाद नियमित सत्यापन नहीं करते?

फिलहाल यह मामला पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। लोगों में यह चिंता है कि यदि ऐसे फर्जी शिक्षक सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाएंगे तो शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर असर पड़ेगा।

आने वाले दिनों में निगरानी विभाग की ओर से और गहन जांच हो सकती है और अन्य दोषियों की भी गिरफ्तारी संभव है। शिक्षा विभाग ने भी संकेत दिए हैं कि सभी शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की दोबारा जांच कराई जाएगी ताकि कोई अन्य फर्जी शिक्षक सिस्टम में न बच पाए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!