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कैमूर: स्कूल में पढ़ाई की जगह चिकन पार्टी, शिक्षा विभाग ने की बड़ी कार्रवाई, 11 शिक्षक सस्पेंड

कैमूर न्यूज़

कैमूर: स्कूल में पढ़ाई की जगह चिकन पार्टी, शिक्षा विभाग ने की बड़ी कार्रवाई, 11 शिक्षक सस्पेंड

संक्षिप्त न्यूज़ :
बिहार के कैमूर जिले में स्कूल समय के दौरान चिकन पार्टी करने पर 11 शिक्षक निलंबित कर दिए गए। घटना रामपुर प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय झाली की है, जहां वायरल वीडियो के बाद कार्रवाई हुई। दो अन्य शिक्षकों के खिलाफ अनुशंसा की गई है। डीईओ ने इसे गंभीर अनुशासनहीनता मानते हुए विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।

हाइलाइट:

  • कैमूर जिले के स्कूल में शिक्षकों ने कक्षा समय में चिकन पार्टी की।

  • वायरल वीडियो के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया।

  • डीईओ अक्षय पांडेय ने 11 शिक्षकों को तत्काल सस्पेंड किया।

  • दो शिक्षकों के निलंबन की अनुशंसा की गई है।

  • निलंबित शिक्षकों को अन्य प्रखंडों में सेवा देने का आदेश मिला।

Report By : Rupesh Kumar Dubey (News Era) || Date : 12 June 2025 ||

कैमूर (भभुआ), बिहार: बिहार के कैमूर जिले से शिक्षा व्यवस्था को शर्मसार करने वाली एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। रामपुर प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय झाली में पढ़ाई की जगह स्कूल समय में शिक्षकों द्वारा आयोजित की गई चिकन पार्टी ने पूरे राज्य के शिक्षा महकमे को हिला कर रख दिया है। इस मामले में कैमूर जिला प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए कुल 11 शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

चिकन पार्टी का वीडियो वायरल, शिक्षा विभाग में मचा हड़कंप

जानकारी के अनुसार यह मामला 28 मई का है, जब विद्यालय अवधि के दौरान शिक्षकों ने क्लासरूम को रसोईघर बना दिया और छात्रों की पढ़ाई छोड़कर चिकन पार्टी में व्यस्त हो गए। इस शर्मनाक कृत्य का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें शिक्षकों को खुलेआम पार्टी करते देखा गया। वीडियो के सार्वजनिक होते ही शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया और तत्काल जांच के आदेश दिए गए।

11 शिक्षक निलंबित, दो पर अनुशंसा, विभागीय जांच भी शुरू

कैमूर जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) अक्षय कुमार पांडेय और डीपीओ स्थापना कृष्ण मुरारी गुप्ता ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई की। जांच के आधार पर उत्क्रमित मध्य विद्यालय झाली के 8 शिक्षक और पांडेयपुर विद्यालय के एक प्रभारी प्रधानाध्यापक सहित कुल 11 शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है।

वहीं, झाली विद्यालय के प्रधानाध्यापक जयराम राम और शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक सरफराज राइन के खिलाफ भी कड़ी अनुशंसा की गई है। इन दोनों के निलंबन की प्रक्रिया के लिए रामपुर बीडीओ सह प्रखंड नियोजन इकाई सचिव को पत्र भेजा गया है।

“न केवल कर्तव्य में लापरवाही, बल्कि गंभीर अनुशासनहीनता भी” – डीईओ

डीईओ अक्षय कुमार पांडेय ने बताया कि शिक्षकों का यह कृत्य न केवल उनके कर्तव्यों में लापरवाही को दर्शाता है, बल्कि यह एक गंभीर अनुशासनहीनता भी है। इस मामले में सभी दोषी शिक्षकों पर ‘प्रपत्र क’ के तहत विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि विद्यालय के समय में इस प्रकार की गतिविधि को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

निलंबित शिक्षकों को मिला सेवा स्थल, जीवन यापन भत्ता पर करना होगा कार्य

निलंबित शिक्षकों को अब जिला शिक्षा कार्यालय के निर्देशानुसार विभिन्न प्रखंडों में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में सेवा देनी होगी। साथ ही उन्हें जीवन यापन भत्ता पर रखा गया है। जिन शिक्षकों को स्थानांतरित किया गया है, उनमें राशीदा खातून (मध्य विद्यालय झाली से मोहनिया), शालिनी कुमारी (कुदरा), ब्रजेश कुमार (अधौरा), अरुण कुमार सिंह (भभुआ), इकबाल अहमद (कुदरा), उर्मिला कुमारी (भभुआ), शाहबाज खान (अधौरा), रेशू सिंह (मोहनिया) और विजय पासवान (चांद) शामिल हैं।

शिक्षा व्यवस्था पर फिर उठे सवाल

इस घटना ने एक बार फिर बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिन शिक्षकों पर बच्चों के भविष्य को संवारने की जिम्मेदारी है, वही शिक्षक जब कक्षा की जगह पार्टी मनाने लगें तो यह व्यवस्था के पतन का सबसे बड़ा उदाहरण बन जाता है।

स्थानीय लोगों की तीखी प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में भी काफी आक्रोश देखा गया। लोगों का कहना है कि जब शिक्षक ही इस तरह का उदाहरण पेश करेंगे, तो बच्चों का भविष्य कौन संवारेगा। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि दोषियों पर और सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में कोई और शिक्षक इस तरह की हरकत न करे।

क्या थी पूरी घटना?

उक्त घटना में शिक्षक विद्यालय अवधि के दौरान स्कूल परिसर में ही पार्टी की तैयारी कर रहे थे। चिकन बनाया गया, भोजन परोसा गया और वीडियो भी बनाकर खुद ही वायरल कर दिया गया। जब यह वीडियो शिक्षा विभाग के अधिकारियों तक पहुंचा, तो तत्काल कार्रवाई शुरू की गई।

कैमूर जिले में हुआ यह मामला न केवल शिक्षा प्रणाली की जर्जर स्थिति को उजागर करता है, बल्कि यह भी बताता है कि जब तक शिक्षकों में जिम्मेदारी की भावना नहीं आएगी, तब तक नीतियों और योजनाओं का कोई लाभ नहीं होगा। शिक्षा विभाग की यह सख्त कार्रवाई एक सख्त संदेश है कि अब अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

 

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