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कैमूर: सुपौल जिला बल में तैनात सिपाही ने महिला पुलिस अफसर को मारी गोली,

कैमूर न्यूज़

कैमूर: सुपौल जिला बल में तैनात सिपाही ने महिला पुलिस अफसर को मारी गोली, गंभीर हालत में वाराणसी रेफर — आरोपी की पहचान, गिरफ्तारी के लिए छापेमारी तेज

सारांश :

कैमूर के कुदरा में सुपौल में तैनात महिला पुलिस अवर निरीक्षक सरिता कुमारी को बुलेट सवार अपराधियों ने गोली मार दी। गंभीर हालत में उन्हें वाराणसी ट्रामा सेंटर रेफर किया गया। पीड़िता ने आरोपी की पहचान अजय पासवान के रूप में की है, जो खुद सिपाही है। पुलिस सीसीटीवी के आधार पर जांच कर रही है।

हाइलाइट न्यूज़:

  1. कैमूर के कुदरा में महिला पुलिस अधिकारी को बाइक सवार अपराधियों ने मारी गोली।

  2. घायल सरिता कुमारी सुपौल जिले में अवर निरीक्षक के पद पर कार्यरत थीं।

  3. वारदात सुबह 4:30 बजे रेलवे स्टेशन जाते वक्त हुई।

  4. पीड़िता ने आरोपी को अजय पासवान नामक सिपाही के रूप में पहचाना।

  5. गंभीर हालत में वाराणसी ट्रामा सेंटर में चल रहा इलाज, पुलिस जांच जारी।

Report By : Rupesh Kumar Dubey (News Era) || Date : 16 June 2025 ||


बिहार पुलिस महकमे में उस समय हड़कंप मच गया जब एक महिला पुलिस अधिकारी को उसी के विभाग में कार्यरत एक सिपाही ने गोली मार दी। यह चौंकाने वाली वारदात कैमूर जिले के कुदरा थाना क्षेत्र में रविवार की अहले सुबह घटी, जब सुपौल जिला में पदस्थापित महिला पुलिस अवर निरीक्षक सरिता कुमारी को दो अपराधियों ने पीछे से गोली मार दी। इस हमले में सरिता गंभीर रूप से घायल हो गईं और उन्हें बेहतर इलाज के लिए वाराणसी के ट्रामा सेंटर में रेफर किया गया है।

घटना के बाद सीसीटीवी फुटेज

घटना के बाद सीसीटीवी फुटेज भी सामने आ गया है, जिसमें बुलेट पर सवार दो अपराधी महिला पुलिसकर्मी को गोली मारते हुए स्पष्ट रूप से देखे जा सकते हैं। इस सनसनीखेज हमले के बाद पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए आरोपी की पहचान कर ली है। सरिता ने पुलिस को दिए बयान में साफ तौर पर कहा है कि वह हमलावर को जानती हैं और उसका नाम अजय पासवान है, जो खुद भी सुपौल जिला बल में सिपाही के पद पर कार्यरत है।


घटना का विवरण: सुबह 4.30 बजे घात लगाकर किया गया हमला

घटना रविवार 16 जून की सुबह लगभग 4:30 बजे की है। महिला अवर निरीक्षक सरिता कुमारी, जिनकी उम्र करीब 30 वर्ष है और जो कैमूर जिले के करमचट थाना क्षेत्र अंतर्गत भीतरी बांध गांव की निवासी हैं, अपने पति शशि कुमार सुमन के साथ बाइक से कुदरा रेलवे स्टेशन जा रही थीं। वह सुपौल में अपनी ड्यूटी पर जाने के लिए ट्रेन पकड़ने वाली थीं।

जैसे ही उनकी बाइक कुदरा नगर पंचायत क्षेत्र के होटल बजरंग के आगे पहुंची, वहां पहले से घात लगाए बैठे दो अपराधियों ने पीछे से सरिता कुमारी पर गोली चला दी। गोली उनकी पीठ में लगी, जिससे वह तुरंत बाइक से नीचे गिर गईं। पति शशि कुमार ने आनन-फानन में स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें कुदरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। वहां से उन्हें भभुआ सदर अस्पताल और फिर वाराणसी ट्रामा सेंटर रेफर किया गया।


सीसीटीवी फुटेज से खुली पोल, महिला अधिकारी ने नाम से की पहचान

घटना के कुछ ही घंटों बाद स्थानीय दुकानों और इमारतों में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने पर पूरी वारदात कैद पाई गई। फुटेज में स्पष्ट देखा जा सकता है कि दो युवक बुलेट पर सवार होकर सरिता कुमारी को टारगेट करते हैं और उनमें से एक गोली चला देता है।

सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि सरिता कुमारी ने होश में आने के बाद पुलिस को बयान देते हुए कहा,
“मैं गोली मारने वाले को पहचानती हूं। वह मेरे साथ ही सुपौल जिला बल में कार्यरत है। उसका नाम अजय पासवान है और वह बेलाव थाना अंतर्गत मझिआंव गांव का रहने वाला है।”

इस बयान ने मामले को नया मोड़ दे दिया। अब यह सिर्फ अपराध नहीं, बल्कि पुलिस विभाग के भीतर ही विश्वासघात की शर्मनाक कहानी बन चुकी है।


आरोपी सिपाही अजय पासवान की हो रही तलाश

पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी की पहचान अजय पासवान के रूप में कर ली है। अजय, बेलाव थाना क्षेत्र अंतर्गत मझिआंव गांव का निवासी है और सुपौल जिले में सिपाही के रूप में कार्यरत था। घटना के बाद से वह फरार है और पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है।

मोहनिया एसडीपीओ प्रदीप कुमार

मोहनिया एसडीपीओ प्रदीप कुमार ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा,
“हमने आरोपी की पहचान कर ली है। वह अभी फरार है। घटना के पीछे की पूरी सच्चाई को जानने के लिए तकनीकी साक्ष्यों के साथ-साथ पीड़िता के बयान को आधार बनाकर जांच की जा रही है। जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।”


पुलिस हर एंगल से कर रही है जांच

कैमूर जिला पुलिस इस मामले को अत्यंत गंभीरता से ले रही है। जिला पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर एक विशेष जांच दल का गठन किया गया है, जो तकनीकी साक्ष्य, सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल और घटनास्थल की पड़ताल कर रही है। साथ ही, आरोपी अजय पासवान और पीड़िता सरिता कुमारी के बीच किसी व्यक्तिगत संबंध या विवाद की भी जांच की जा रही है।

फिलहाल पुलिस निम्न बिंदुओं पर जांच कर रही है:

  • क्या यह मामला पारिवारिक या निजी विवाद से जुड़ा था?

  • क्या पीड़िता को पहले से किसी प्रकार की धमकी या तनाव की जानकारी थी?

  • क्या आरोपी ने अकेले इस घटना को अंजाम दिया, या किसी के इशारे पर?

  • घटना की पूर्व-नियोजित साजिश कितनी गहराई तक रची गई थी?


महिला पुलिसकर्मी की हालत नाजुक, इलाज जारी

वाराणसी के ट्रामा सेंटर में भर्ती महिला अवर निरीक्षक सरिता कुमारी की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। डॉक्टरों के मुताबिक, गोली उनकी रीढ़ की हड्डी के पास लगी है और ऑपरेशन किया गया है। डॉक्टरों की एक विशेषज्ञ टीम लगातार उनकी निगरानी कर रही है।

उनके पति और परिवार के सदस्य वाराणसी अस्पताल में मौजूद हैं और पूरे बिहार पुलिस महकमे की नजर इस इलाज पर बनी हुई है। महिला संगठनों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की है।


सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल, महिला कर्मियों में भय

इस घटना ने पूरे पुलिस बल और खासकर महिला कर्मियों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक महिला पुलिस अधिकारी को उस समय निशाना बनाया गया, जब वह अपनी ड्यूटी के लिए निकल रही थीं — वह भी अपने ही विभाग के एक सिपाही द्वारा।

घटना ने यह साबित कर दिया है कि अब पुलिसकर्मी भी सुरक्षित नहीं हैं, और अगर विभागीय कर्मचारी ही हमलावर बन जाएं, तो आंतरिक सुरक्षा की चिंता और भी गहरी हो जाती है।


राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं

घटना के बाद राज्यभर में राजनीतिक हलकों में भी हलचल तेज हो गई है। विपक्षी दलों ने इसे राज्य की बदहाल कानून व्यवस्था का परिणाम बताया है। कई महिला संगठनों ने इस घटना की तीखी निंदा करते हुए कहा है कि यह महिला सशक्तिकरण के नाम पर एक करारा तमाचा है।

राजद के प्रवक्ता ने कहा,
“बिहार में पुलिस तक सुरक्षित नहीं है। नीतीश सरकार और डीजीपी को इस्तीफा दे देना चाहिए।”

वहीं सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है कि अपराधी चाहे कोई भी हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा।


सिस्टम के भीतर की दरार, जल्द न्याय की अपेक्षा

कुदरा में घटी यह घटना सिर्फ एक गोलीकांड नहीं है, यह पुलिस महकमे के भीतर मौजूद गहरी दरार को उजागर करती है। आरोपी यदि वास्तव में विभाग का ही सिपाही है, तो यह विश्वास और संरचना दोनों पर बहुत बड़ा प्रश्नचिह्न है।

अब यह जरूरी है कि:

  • आरोपी को जल्द गिरफ्तार किया जाए,

  • पीड़िता को न्याय मिले,

  • और पूरे विभाग में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त आंतरिक निगरानी व्यवस्था बनाई जाए।

महिला पुलिस अधिकारी सरिता कुमारी पर हुआ हमला पुलिस विभाग के लिए एक चेतावनी है — अब जरूरी है कि इस पर गंभीर कार्रवाई हो और ऐसी घटनाएं दोहराई न जाएं।


रिपोर्ट: न्यूज़ इरा टीम, कैमूर
प्रकाशन तिथि: 16 जून 2025

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