
सिद्धार्थ कुमार को मिला ‘कवि श्री माखनलाल चतुर्वेदी नव उदय सम्मान’, बिहार का बढ़ाया गौरव
भोपाल में आयोजित एक भव्य साहित्यिक समारोह में पटना निवासी युवा शिक्षक एवं संवाददाता श्री सिद्धार्थ कुमार को प्रतिष्ठित ‘कवि श्री माखनलाल चतुर्वेदी नव उदय सम्मान’ से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें कविता लेखन, वाचन तथा साहित्य सेवा के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदान किया गया।
यह आयोजन 15 जून, रविवार को भोपाल के होटल रीगल ग्राण्ड अवधपुरी में सम्पन्न हुआ। समारोह का आयोजन नव उदय प्रकाशन द्वारा किया गया था। इस मौके पर देश-विदेश से जुटे साहित्यकारों, कलाकारों और समाजसेवियों के बीच यह सम्मान समारोह अपने आप में एक ऐतिहासिक पल बन गया।
गौरतलब है कि बिहार के किसी युवा साहित्यकार को इतनी कम उम्र में इस स्तर का प्रतिष्ठित सम्मान मिलना न केवल उनके गांव चकबैरिया बल्कि पूरे पटना जिले के लिए भी गर्व की बात है। सिद्धार्थ कुमार की इस उपलब्धि ने न केवल बिहार के युवाओं को प्रेरणा दी है, बल्कि यह साबित कर दिया है कि प्रतिभा को सीमाएं नहीं रोक सकतीं।
समारोह में विविध कार्यक्रमों की छटा
समारोह के दौरान नव उदय प्रकाशन द्वारा अनेक सांस्कृतिक और साहित्यिक प्रस्तुतियां आयोजित की गईं। कार्यक्रम में देश-विदेश से आए हुए विद्वानों, कवियों और कलाकारों ने भाग लिया। आयोजन की भव्यता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कार्यक्रम में:
-
10 पुस्तकों का भव्य विमोचन किया गया।
-
5 नृत्य प्रस्तुतियां मंचित हुईं।
-
20 शानदार गायन प्रस्तुतियां दी गईं।
-
100 से अधिक कवियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं।
-
साथ ही, कुल 278 लोगों को विभिन्न विधाओं में सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर सिद्धार्थ कुमार के साथ उनकी धर्मपत्नी श्रीमती आयुषी सिंह भी मंच पर उपस्थित रहीं। समारोह में मंच से जब सिद्धार्थ कुमार को ट्रॉफी और प्रमाणपत्र प्रदान किया गया तो पूरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति
इस गरिमामय समारोह में देश के कई प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों की उपस्थिति ने कार्यक्रम की शोभा को और बढ़ा दिया। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे:
-
श्री किशन सूर्यवंशी (नगर निगम अध्यक्ष)
-
श्री सूर्यपाल सिंह (प्रसिद्ध लेखक, ‘केरला स्टोरी’ फिल्म से जुड़े लेखक)
जबकि विशिष्ट अतिथियों में शामिल थे:
-
डॉ. शरद तिवारी (डिप्टी डायरेक्टर, NHM)
-
श्रीमती बासंती आठ्या (जॉइंट डायरेक्टर, वित्त मंत्रालय)
-
श्री नरेन्द्र कौशिक (पूर्व प्रधानाचार्य, नवोदय विद्यालय)
-
डॉ. कमलेश अहिरवार (सीनियर बाल रोग विशेषज्ञ)
-
श्री प्रेम सिंह (मुख्य वाणिज्य सर्वेक्षक, रेलवे विभाग)
-
एडवोकेट मयूर मांधन्या
इन सभी अतिथियों ने आयोजन की सराहना करते हुए साहित्य सेवा को समाज निर्माण का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया।
आयोजन का सफल संचालन
पूरे कार्यक्रम का संचालन और आयोजन बेहद सलीके से किया गया, जिसका श्रेय जाता है कार्यक्रम आयोजक श्रीमती शिव्या जैन एवं ऋतु अग्रवाल को। उनकी कुशल व्यवस्थापन क्षमता के चलते यह कार्यक्रम न सिर्फ समयबद्ध ढंग से हुआ, बल्कि पूरे समय एक सकारात्मक ऊर्जा सभागार में बनी रही।
आयोजकों ने यह भी घोषणा की कि भविष्य में इस तरह के साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हर वर्ष किया जाएगा, ताकि नवोदित साहित्यकारों, कवियों और कलाकारों को एक मंच मिल सके और भारतीय साहित्य व संस्कृति को नई ऊंचाई दी जा सके।
बिहार के लिए गर्व का क्षण
बिहार के पटना जिले से जुड़े सिद्धार्थ कुमार की यह उपलब्धि निस्संदेह उनके व्यक्तिगत परिश्रम और लगन का परिणाम है। बेहद कम उम्र में उन्होंने कविता लेखन और वाचन के क्षेत्र में न केवल राज्य बल्कि देशभर में अपनी पहचान बनाई है।
सिद्धार्थ कुमार का यह कहना है कि—
“यह सम्मान मेरे लिए बहुत बड़ा क्षण है। मेरी लेखनी को पहचान देने के लिए मैं आयोजकों का हृदय से आभार प्रकट करता हूँ। मैं यह सम्मान अपने गांव चकबैरिया, पटना जिले के हर युवा को समर्पित करता हूं, ताकि वे साहित्य, कला और संस्कृति के क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा लें।”
पटना और बिहार में खुशी की लहर
जैसे ही यह खबर बिहार और पटना में फैली, वहां के साहित्यिक और पत्रकारिता जगत में खुशी की लहर दौड़ गई। सिद्धार्थ कुमार के गांव और उनके मित्रों में भी जश्न जैसा माहौल बना हुआ है।
पटना जिले के वरिष्ठ पत्रकारों ने भी इस उपलब्धि पर अपनी बधाई दी है।
बिहार के युवा साहित्यकारों के लिए यह एक नई प्रेरणा है कि यदि समर्पण और परिश्रम के साथ कार्य किया जाए तो देश के बड़े मंचों पर भी अपनी पहचान बनाई जा सकती है।
इस आयोजन ने यह एक बार फिर साबित कर दिया कि आज भी साहित्य, कविता और संस्कृति की दुनिया में युवा प्रतिभाएं आगे आ रही हैं, और अपने राज्य का नाम रोशन कर रही हैं।
आशा है कि सिद्धार्थ कुमार जैसे युवाओं से प्रेरणा लेकर और भी नई प्रतिभाएं आगे आएंगी और बिहार के साहित्य जगत को नई ऊँचाई तक पहुंचाएंगी।