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रोहतास में पुलिसिया मनमानी! आधी रात को जनप्रतिनिधि के घर घुसकर मारपीट, जानलेवा हमले के आरोप में गिरफ्तारी

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रोहतास में पुलिसिया मनमानी!

आधी रात को जनप्रतिनिधि के घर घुसकर मारपीट, जानलेवा हमले के आरोप में गिरफ्तारी

संक्षिप्त न्यूज़:

रोहतास के धर्मपुरा थाना क्षेत्र के शिशरीत गांव में पुलिस ने आधी रात को जिला पार्षद के घर में घुसकर मारपीट की। परिजनों का आरोप— बिना वारंट कार्रवाई कर महिलाओं-बच्चों संग दुर्व्यवहार। पुलिस ने जानलेवा हमले के आरोप में गिरफ्तारी दिखाई। परशुराम सेना ने निष्पक्ष जांच की मांग की।

हाईलाइट्स:

  • रोहतास में पुलिस ने आधी रात को जिला पार्षद के घर में जबरन घुसकर की मारपीट।

  • महिलाओं और बच्चों संग दुर्व्यवहार, बिना वारंट की गई कार्रवाई।

  • पुलिस ने जानलेवा हमले का आरोप लगाकर गिरफ्तारी दिखाई।

  • वायरल वीडियो में शामिल आरोपियों की पहचान बिना पुष्टि के कार्रवाई।

  • परशुराम सेना ने निष्पक्ष जांच और पुलिसिया मनमानी पर सवाल उठाए।

Report By : Rupesh Kumar Dubey (News Era) || Date : 20 June 2025 ||
रोहतास जिला प्रशासन की कार्रवाई एक बार फिर सवालों के घेरे में है। धर्मपुरा थाना क्षेत्र के शिशरीत गांव में पुलिस ने आधी रात को एक जनप्रतिनिधि के घर में सीढ़ी लगाकर जबरन घुसकर परिवार के लोगों के साथ मारपीट की।

परिजनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का आरोप है कि प्रशासन ने अपनी लापरवाही छुपाने के लिए जनप्रतिनिधि समेत परिजनों और महिलाओं को जानलेवा हमले के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।

जानकारी के अनुसार, यह पूरा मामला 13 जून को अगरेर थाना क्षेत्र के पिपरी टोला गांव से जुड़ा हुआ है। यहां भूमि विवाद को लेकर एक दलित महिला और उसके दो बच्चों के साथ मारपीट की घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।

पीड़िता ने थाने में 19 नामजद और 30-40 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया। वायरल वीडियो के आधार पर नोखा पश्चिमी के जिला पार्षद कृष्ण मुरारी मिश्र उर्फ मेलु मिश्र का नाम भी शामिल किया गया।

बिना पुष्टि के दर्ज कर दी गई प्राथमिकी

स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, प्रशासन ने वीडियो में दिख रहे लोगों की पहचान किए बिना ही अगरेर थाना कांड संख्या-105/25 दर्ज कर ली। जल्दबाजी में कार्रवाई के चक्कर में पुलिस ने साक्ष्य जुटाने की प्रक्रिया पूरी नहीं की।

वीडियो फुटेज में मौजूद लोगों की पहचान और आरोपियों की भूमिका की पुष्टि करना जरूरी था। लेकिन नियमों की अनदेखी करते हुए, पुलिस अधीक्षक रौशन कुमार के निर्देश पर 14 जून को एक बड़े स्तर पर छापेमारी की गई।

अगरेर, धर्मपुरा, नोखा, बघैला, करगहर और बड़हरी थानों के पुलिस बल ने इस संयुक्त कार्रवाई में भाग लिया।

आधी रात को सीढ़ी लगाकर घर में घुसी पुलिस

शिकायत के मुताबिक, धर्मपुरा थाना क्षेत्र के शिशरीत गांव में लगभग रात 2 बजे, पुलिस टीम ने जिला पार्षद कृष्ण मुरारी मिश्र के घर में सीढ़ी लगाकर प्रवेश किया।

परिजनों का कहना है कि पुलिस ने बिना वारंट के घर में जबरन घुसकर मारपीट की। पुरुषों के अलावा महिलाओं और बच्चों के साथ भी दुर्व्यवहार किया गया।

पुलिस का कहना है कि आधे घंटे से ज्यादा देर तक दरवाजे पर दस्तक दी गई, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। जब पुलिस सीढ़ी से ऊपर चढ़ने लगी तो कथित तौर पर घर के लोगों द्वारा पथराव किया गया, जिसमें एक पुलिसकर्मी को सिर में चोट आई।

परिजनों का पक्ष

परिजनों का कहना है कि इतनी रात को कोई दस्तक सुनाई नहीं दी। जब पुलिस सीढ़ी से चढ़ने लगी तो ऊपर छत पर रखी सुरक्षा के लिए ईंटें गिर गईं, जिसे पुलिस पथराव बता रही है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने घर में घुसकर खुली गुंडागर्दी की और महिलाओं-बच्चों को भी नहीं बख्शा।

गिरफ्तारी में भी अनियमितता

परिजनों का आरोप है कि गिरफ्तार किए गए जनप्रतिनिधि और अन्य परिजनों को अगरेर थाना कांड संख्या-105/25 में नहीं बल्कि धर्मपुरा थाना कांड संख्या-71/25 के तहत जानलेवा हमले के आरोप में दिखाया गया।

सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर पुलिस ने समय रहते वीडियो फुटेज में शामिल लोगों की पहचान कर ली होती तो इस तरह की नौबत नहीं आती।

परशुराम सेना का हस्तक्षेप

घटना की जानकारी मिलने के बाद परशुराम सेना के प्रदेश अध्यक्ष विनोद तिवारी सहित अन्य सामाजिक कार्यकर्ता पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे।

उन्होंने पूरी घटना की जानकारी ली और पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की।

अब आगे क्या?

इस पूरे मामले के बाद पुलिस प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। क्या पुलिस ने जल्दबाजी में नियमों की अनदेखी की?
क्या सच में जानलेवा हमले की मंशा थी या यह प्रशासन की मनमानी कार्रवाई थी?

अब देखना होगा कि इस प्रकरण में रोहतास पुलिस निष्पक्षता दिखाती है या फिर आरोपों के घेरे में बनी रहेगी।

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