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फर्जी फाइनेंस एजेंट बनकर कर रहे थे ठगी, गौरीचक पुलिस ने दो शातिर ठगों को किया गिरफ्तार

"सोलर मंगलम फाइनेंस" के नाम पर ग्रामीणों से घरेलू सामान की किस्तों के बहाने ठगे हजारों रुपये, कंपनी से पुष्टि करने पर हुआ खुलासा, पुलिस ने मौके पर पकड़कर भेजा जेल

फाइनेंस कंपनी का फर्जी एजेंट बनकर करते थे ठगी, गौरीचक पुलिस ने दो को किया गिरफ्तार

सारांश :

पटना के गौरीचक में फर्जी फाइनेंस कंपनी के नाम पर ठगी करने वाले दो आरोपियों अरविंद कुमार और मोहम्मद शहजादा को पुलिस ने गिरफ्तार किया। आरोपी ग्रामीणों को किस्तों पर सामान देने का झांसा देकर 20–25 हजार रुपये तक की ठगी करते थे। कंपनी से पुष्टि के बाद मामला सामने आया। पुलिस जांच जारी है।

हाईलाइट्स:

  • गौरीचक में फर्जी फाइनेंस कंपनी के नाम पर ठगी करने वाले दो युवक गिरफ्तार।

  • आरोपी खुद को एजेंट बताकर ग्रामीणों से घरेलू सामान की किस्तों के नाम पर पैसे लेते थे।

  • ठगी का खुलासा एक ग्राहक द्वारा कंपनी से की गई पुष्टि के बाद हुआ।

  • आरोपियों ने कई लोगों से 20-25 हजार रुपये तक की ठगी कबूली।

  • पुलिस ने दोनों को न्यायिक हिरासत में भेजा, गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी।

Report By : Bipin Kumar (News Era) || Date : 24 July 2025 ||
पटना में ठगी का एक नया तरीका सामने आया है, जिसमें फाइनेंस कंपनी का फर्जी एजेंट बनकर ग्रामीणों से ठगी करने वाले एक गिरोह का खुलासा हुआ है। इस मामले में गौरीचक थाना पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए दो शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों के नाम अरविंद कुमार और मोहम्मद शहजादा बताए गए हैं, जो खुद को “सोलर मंगलम फाइनेंस कंपनी” का एजेंट बताकर लोगों से घरेलू सामान दिलाने के नाम पर मोटी रकम की ठगी करते थे।

किस्तों में सामान दिलाने का झांसा, फिर रकम लेकर फरार

पुलिस के अनुसार, यह गिरोह पटना के संपतचक, गौरीचक, गोपालपुर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में सक्रिय था। आरोपी इलाके के भोले-भाले लोगों को यह कहकर झांसा देते थे कि वे एक फाइनेंस कंपनी से जुड़े हैं, जो किस्तों पर टीवी, कूलर, वॉशिंग मशीन, गैस चूल्हा, पलंग आदि घरेलू सामान उपलब्ध कराती है। इस झांसे में आकर कई लोग इनके जाल में फंस गए और एडवांस में मोटी रकम दे बैठे।

आरोपी ग्राहकों से 5,000 से लेकर 25,000 रुपये तक की रकम वसूलते थे और फिर मोबाइल बंद कर इलाके से गायब हो जाते थे। इनकी ठगी का शिकार हुए अधिकतर लोग ग्रामीण पृष्ठभूमि के हैं, जो ऑनलाइन वेरिफिकेशन या दस्तावेजों की जांच करने से कतराते हैं। आरोपी इसी कमजोरी का फायदा उठाकर लोगों को चूना लगाते थे।

ऐसे हुआ ठगी का पर्दाफाश

इस गिरोह की पोल तब खुली जब गौरीचक थाना क्षेत्र के एक सजग ग्राहक ने “सोलर मंगलम फाइनेंस कंपनी” से सीधे संपर्क कर यह जानकारी ली कि क्या उनके क्षेत्र में कंपनी का कोई एजेंट कार्यरत है? कंपनी ने स्पष्ट रूप से इस बात से इनकार किया कि उन्होंने किसी एजेंट को भेजा है। इसके बाद ग्राहक ने पूरी घटना की जानकारी गौरीचक थाना को दी।

सूचना मिलते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को धर-दबोचा। पूछताछ के दौरान दोनों ने ठगी की बात कबूल की और बताया कि वे अब तक दर्जनों लोगों से इस तरह की धोखाधड़ी कर चुके हैं। आरोपियों ने यह भी बताया कि उन्होंने पटना जिले के उदैनी गांव में एक व्यक्ति से 25,000 रुपये की ठगी की थी। इसके अलावा अन्य क्षेत्रों में भी फर्जीवाड़ा करने की बात उन्होंने स्वीकार की है।

सुनियोजित तरीके से चल रही थी ठगी

गौरीचक थानाध्यक्ष अरुण कुमार ने मीडिया को बताया कि दोनों आरोपी एक संगठित गिरोह का हिस्सा हैं, जो फर्जी फाइनेंस कंपनियों के नाम पर ठगी करता है। यह गिरोह बड़े ही सुनियोजित ढंग से कार्य कर रहा था, जिसमें अलग-अलग क्षेत्रों में एजेंट बनाकर रकम वसूलने की रणनीति अपनाई जाती थी। पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान और गिरफ्तारी के प्रयास में जुट गई है।

गौरीचक थानाध्यक्ष अरुण कुमार

थानाध्यक्ष ने बताया कि इन ठगों का नेटवर्क संभवतः अन्य जिलों तक फैला हो सकता है, और इस बात की जांच की जा रही है कि क्या इस गिरोह का संबंध किसी बड़ी साइबर ठगी गैंग से तो नहीं है।

न्यायिक हिरासत में भेजे गए आरोपी

पकड़े गए दोनों आरोपियों को पुलिस ने पूछताछ के बाद स्थानीय न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इनके पास से कुछ फर्जी दस्तावेज, रसीदें और अन्य सामग्रियां भी बरामद की गई हैं, जिनकी जांच की जा रही है।

पुलिस ने की जागरूकता की अपील

इस मामले के उजागर होने के बाद पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि किसी भी फाइनेंस कंपनी के एजेंट से लेनदेन करने से पहले उसकी पूरी तरह से जांच-पड़ताल करें। किसी भी व्यक्ति से रकम देने से पहले उसकी वैधता, आईडी प्रूफ और कंपनी के आधिकारिक दस्तावेजों की जांच अवश्य करें।

इसके अलावा, कोई भी संदेहास्पद गतिविधि नजर आने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें, ताकि समय रहते ठगी की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।

पटना में ठगी की यह वारदात एक बार फिर यह साबित करती है कि ठग किस हद तक चालाकी से आम लोगों को धोखा दे सकते हैं। ग्रामीण इलाकों में इस तरह की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, जहां शिक्षा और जागरूकता की कमी का अपराधी फायदा उठाते हैं। ऐसे में पुलिस की सतर्कता और जनता की जागरूकता ही ऐसे अपराधों पर लगाम लगा सकती है। गौरीचक थाना की यह कार्रवाई प्रशंसनीय है, जिसने समय रहते ठगों को गिरफ्तार कर कई अन्य संभावित पीड़ितों को राहत दी है।

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