कैमूर सड़क हादसा: तेज रफ्तार ट्रक ने महिला को कुचला, मौके पर मौत
कैमूर क्राइम न्यूज़

कैमूर सड़क हादसा: तेज रफ्तार ट्रक ने महिला को कुचला, मौके पर मौत – स्थानीयों ने बस स्टैंड की स्थायी व्यवस्था की मांग की
Report By : Rupesh Kumar Dubey (News Era) || Date : 12 July 2025 ||
कुदरा थाना क्षेत्र अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग-19 पर एक बार फिर तेज रफ्तार का कहर देखने को मिला, जब भभुआं मोड़ के समीप एक महिला को ट्रक ने कुचल दिया। यह घटना सोमवार की सुबह उस वक्त घटी, जब सड़क पार कर रही महिला तेज रफ्तार वाहन की चपेट में आ गई। हादसे में महिला की मौके पर ही मौत हो गई, जिससे स्थानीय क्षेत्र में मातम का माहौल फैल गया।
मृतका की पहचान और घटनास्थल की स्थिति
प्राप्त जानकारी के अनुसार मृत महिला की पहचान आशा सेठ (उम्र लगभग 52 वर्ष) के रूप में हुई है, जो मूल रूप से ग्राम देवल, थाना दिलदारनगर, जिला गाजीपुर (उत्तर प्रदेश) की निवासी थीं। वर्तमान में वह रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम में अपने परिवार के साथ रहती थीं। आशा देवी किसी कार्यवश कुदरा क्षेत्र में आई थीं और भभुआं मोड़ के पास सड़क पार कर रही थीं, तभी एक तेज रफ्तार ट्रक ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ट्रक की गति काफी तेज थी और चालक का नियंत्रण वाहन पर नहीं था। ट्रक की टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि महिला की घटनास्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गई। हादसे की सूचना मिलते ही कुदरा थाना की पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पंचनामा के बाद अंत्य परीक्षण के लिए भभुआ सदर अस्पताल भेज दिया।
वाहन जप्त, चालक फरार
घटना के बाद थाना प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए दुर्घटनाग्रस्त वाहन को कब्जे में ले लिया है। हालांकि, चालक घटनास्थल से फरार हो गया, जिसकी तलाश की जा रही है। पुलिस द्वारा ट्रक की नंबर प्लेट और अन्य विवरणों के आधार पर चालक की पहचान कर उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।
लगातार हो रही हैं दुर्घटनाएं, लेकिन कोई समाधान नहीं
स्थानीय निवासियों का कहना है कि राष्ट्रीय राजमार्ग-19 पर स्थित भभुआं मोड़ एक अत्यंत संवेदनशील और व्यस्त इलाका है, जहां आए दिन सड़क हादसे होते रहते हैं। सबसे गंभीर समस्या यह है कि इस स्थान पर दोनों ओर से बसें रुकती हैं, जिससे ट्रैफिक की अव्यवस्था बनी रहती है। लोगों को सड़क पार करने में कठिनाई होती है और कई बार तेज रफ्तार वाहनों की चपेट में आने से जान भी चली जाती है।
स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण यह क्षेत्र हादसों का हॉटस्पॉट बन गया है। न तो यहां कोई उचित ज़ेब्रा क्रॉसिंग है और न ही ओवरब्रिज या अंडरपास जैसी कोई संरचना। नतीजतन, हर दिन यहां जान जोखिम में डालकर लोगों को सड़क पार करनी पड़ती है।
स्थायी बस स्टैंड की मांग
घटना के बाद लोगों में आक्रोश भी देखने को मिला। मौके पर मौजूद कुछ स्थानीय नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि जब तक प्रशासन इस क्षेत्र में स्थायी बस स्टैंड की व्यवस्था नहीं करता, तब तक ऐसी घटनाएं रुकने वाली नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि जल्द समाधान नहीं किया गया तो आने वाले समय में किसी बड़ी दुर्घटना से इनकार नहीं किया जा सकता।
स्थानीय व्यवसायी और सामाजिक कार्यकर्ता संजय चौधरी ने बताया, “यह केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि सिस्टम की नाकामी है। रोजाना बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग इस मार्ग पर जान जोखिम में डालकर सड़क पार करते हैं। हमारी मांग है कि इस मोड़ पर या तो ओवरब्रिज बनाया जाए या फिर बस स्टैंड को किसी सुनियोजित स्थान पर स्थानांतरित किया जाए।”
प्रशासन की प्रतिक्रिया
कुदरा थाना के प्रभारी निरीक्षक ने घटना पर दुख जताते हुए बताया कि वाहन को जप्त कर लिया गया है और चालक की पहचान कर उसे जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जिले के वरीय अधिकारियों को इस दुर्घटना की सूचना दे दी गई है और इस संवेदनशील स्थान पर ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने हेतु पहल की जाएगी।
उन्होंने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हम पूरी संवेदनशीलता के साथ मृतका के परिजनों से संपर्क में हैं और उन्हें हर संभव सहायता दी जाएगी। साथ ही, संबंधित अधिकारियों को रिपोर्ट भेज दी गई है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।”
सवाल जो अब भी अनुत्तरित हैं
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क्या प्रशासन अब भी सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीरता से विचार करेगा?
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क्या भभुआं मोड़ पर स्थायी बस स्टैंड की स्थापना की जाएगी?
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क्या तेज रफ्तार और अव्यवस्थित ट्रैफिक पर कोई लगाम लगेगी?
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क्या मृतका के परिजनों को मुआवजा मिलेगा?
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क्या यह हादसा भी महज एक आंकड़ा बनकर रह जाएगा?
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि जब तक सड़क सुरक्षा को लेकर शासन और प्रशासन ठोस कदम नहीं उठाते, तब तक आम नागरिकों की जान यूं ही जाती रहेगी। तेज रफ्तार, लापरवाह ट्रैफिक और प्रशासन की निष्क्रियता के कारण एक और परिवार उजड़ गया। सवाल यह है कि क्या हम आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रास्ते छोड़ पाएंगे?