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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दिया इस्तीफा

स्वास्थ्य कारणों से पद छोड़ने का निर्णय

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दिया इस्तीफा, राष्ट्रपति को पत्र लिखकर बताई स्वास्थ्य वजह

नई दिल्ली। भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सोमवार सुबह यह खबर सामने आई जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को धनखड़ द्वारा लिखा गया एक पत्र सार्वजनिक हुआ, जिसमें उन्होंने अपने इस्तीफे की घोषणा की और इसके पीछे स्वास्थ्य संबंधी कारणों को प्रमुख वजह बताया। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने अपने पत्र में न केवल स्वास्थ्य कारणों का उल्लेख किया, बल्कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्रिपरिषद् और संसद सदस्यों द्वारा मिले सहयोग व स्नेह के लिए आभार भी जताया।

स्वास्थ्य को बताया प्राथमिकता

अपने पत्र में उपराष्ट्रपति ने साफ तौर पर लिखा कि वह लंबे समय से चिकित्सकीय सलाह पर विचार कर रहे थे और अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने का निर्णय अब आवश्यक हो गया है। उन्होंने कहा,

“डॉक्टरों की सलाह पर विचार करने और अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए मैंने यह कठिन लेकिन आवश्यक निर्णय लिया है।”

धनखड़ ने अपने इस्तीफे को तत्काल प्रभाव से मान्य करने का आग्रह किया और भारत के संविधान के अनुच्छेद 67(ए) का हवाला देते हुए अपने पद से हटने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा किया।

राष्ट्रपति को लिखा पत्र, जताया आभार

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संबोधित अपने पत्र में लिखा कि उन्हें राष्ट्रपति से जिस प्रकार का सहयोग और आत्मीयता मिली, वह उनके लिए अत्यंत प्रेरणादायी रहा। उन्होंने कहा,

“माननीय राष्ट्रपति महोदया, आपके अटूट समर्थन और मेरे कार्यकाल के दौरान हमारे बीच बने सुखद और अद्भुत कार्य संबंधों के लिए मैं अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करता हूं।”

स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के अनुसार, तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता/देती हूँ।

मैं भारत के महामहिम माननीय राष्ट्रपति जी के प्रति उनके अटूट सहयोग और मेरे कार्यकाल के दौरान हमारे बीच बने सुखद और अद्भुत कार्य संबंधों के लिए अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करता/करती हूँ।

मैं माननीय प्रधान मंत्री जी और सम्मानित मंत्रिपरिषद के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता/करती हूँ। प्रधान मंत्री जी का सहयोग और समर्थन अमूल्य रहा है, और मैंने अपने कार्यकाल के दौरान बहुत कुछ सीखा है।

सभी माननीय संसद सदस्यों से मुझे जो गर्मजोशी, विश्वास और स्नेह मिला है, वह सदैव मेरी स्मृति में रहेगा।

हमारे महान लोकतंत्र में उपराष्ट्रपति के रूप में प्राप्त अमूल्य अनुभवों और अंतर्दृष्टि के लिए मैं हृदय से आभारी हूँ।

इस महत्वपूर्ण अवधि के दौरान भारत की उल्लेखनीय आर्थिक प्रगति और अभूतपूर्व घातीय विकास को देखना और उसमें भाग लेना मेरे लिए सौभाग्य और संतुष्टि की बात रही है। हमारे राष्ट्र के इतिहास के इस परिवर्तनकारी युग में सेवा करना मेरे लिए सचमुच सम्मान की बात रही है।

इस प्रतिष्ठित पद से विदा लेते हुए, मैं भारत के वैश्विक उत्थान और अभूतपूर्व उपलब्धियों पर गर्व महसूस कर रहा हूँ और इसके उज्ज्वल भविष्य में अटूट विश्वास रखता हूँ।

इसके साथ ही धनखड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंत्रिपरिषद् के सभी सदस्यों के प्रति भी आभार प्रकट किया।

संसद सदस्यों का जताया आभार

अपने पत्र में उपराष्ट्रपति ने दोनों सदनों — लोकसभा और राज्यसभा — के सांसदों से मिले स्नेह और विश्वास का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि उन्हें संसदीय प्रक्रिया से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें सीखने का अवसर मिला और सांसदों द्वारा दिखाई गई गर्मजोशी उन्हें हमेशा स्मरण रहेगी।

“सभी माननीय संसद सदस्यों से मुझे जो गर्मजोशी, विश्वास और स्नेह मिला है, वह हमेशा मेरी स्मृति में रहेगा।”

उन्होंने अपने कार्यकाल को “सीखने का अनुभव” बताया और कहा कि भारत के लोकतांत्रिक ढांचे में उपराष्ट्रपति पद पर काम करना उनके जीवन का एक अत्यंत सम्मानजनक अध्याय रहा।

भारत की प्रगति पर जताई संतुष्टि

धनखड़ ने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि उनके कार्यकाल के दौरान भारत ने अभूतपूर्व आर्थिक प्रगति और विकास के चरण को पार किया। उन्होंने कहा कि यह देखना और उसमें भागीदार बनना उनके लिए गर्व और संतोष का विषय रहा।

“भारत की उल्लेखनीय आर्थिक प्रगति और अभूतपूर्व घातीय विकास को देखना और उसमें भाग लेना मेरे लिए सौभाग्य और संतुष्टि की बात रही है।”
“इस परिवर्तनकारी युग में सेवा करना मेरे लिए एक सच्चा सम्मान रहा है।”

उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था, संस्थागत मजबूती और संविधान के प्रति निष्ठा ने उन्हें हर क्षण प्रेरित किया।

राजनीतिक हलकों में हलचल

जगदीप धनखड़ का इस्तीफा आने के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। यद्यपि उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है, लेकिन सियासी विश्लेषक इसे महज संयोग नहीं मान रहे हैं। सूत्रों की मानें तो भाजपा नेतृत्व जल्द ही नए उपराष्ट्रपति पद के लिए नाम की घोषणा कर सकता है।

विपक्षी दलों ने अभी इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में यह सवाल उठने लगा है कि क्या यह इस्तीफा किसी बड़े राजनीतिक घटनाक्रम की ओर संकेत है।

धनखड़ का अब तक का सफर

जगदीप धनखड़ ने 11 अगस्त 2022 को भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण किया था। वह इससे पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रह चुके हैं और एक वरिष्ठ अधिवक्ता के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी के अनुभवी नेता भी रहे हैं। उन्होंने राजस्थान से सांसद और विधायक दोनों रूपों में प्रतिनिधित्व किया।

धनखड़ को एक कुशल प्रशासक, सशक्त वक्ता और संविधान के अनुशासक के रूप में जाना जाता है। राज्यसभा के सभापति के रूप में उन्होंने सदन की कार्यवाही को गरिमा के साथ संचालित किया और कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर निष्पक्ष रुख अपनाया।

कौन होगा अगला उपराष्ट्रपति?

धनखड़ के इस्तीफे के बाद अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा? भाजपा नेतृत्व इस पर रणनीतिक विचार कर रही है और जल्द ही एनडीए उम्मीदवार के नाम की घोषणा हो सकती है। इस पद के लिए दलित, आदिवासी या दक्षिण भारत के किसी वरिष्ठ नेता का नाम सामने आ सकता है।

संविधान के अनुसार, उपराष्ट्रपति का चुनाव राष्ट्रपति चुनाव की तर्ज पर ही संसद सदस्यों द्वारा किया जाता है और इसके लिए चुनाव आयोग जल्द ही अधिसूचना जारी कर सकता है।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का यह इस्तीफा भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। उनके कार्यकाल की गरिमा और गरिष्ठता को हर वर्ग ने सराहा है। स्वास्थ्य कारणों से लिया गया उनका यह निर्णय जहां व्यक्तिगत रूप से पीड़ादायक हो सकता है, वहीं उन्होंने लोकतांत्रिक परंपराओं का पालन करते हुए इसे गरिमामयी तरीके से प्रस्तुत किया।

अब सभी की निगाहें राष्ट्रपति भवन और संसद भवन की ओर हैं, जहां आगामी दिनों में अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा — इस पर निर्णय होगा।

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