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एनएच-139 की फोरलेनिंग को लेकर ओबरा में सड़क दुर्घटना रोकथाम ट्रस्ट की अहम बैठक, जनआंदोलन की चेतावनी

एनएच-139 की फोरलेनिंग को लेकर ओबरा में सड़क दुर्घटना रोकथाम ट्रस्ट की अहम बैठक, जनआंदोलन की चेतावनी

रिपोर्ट: चितरंजन कुमार
स्थान: ओबरा, औरंगाबाद (बिहार)

बिहार के दक्षिणी हिस्से को उत्तर से जोड़ने वाला महत्वपूर्ण मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग-139 (NH-139) एक बार फिर जनसरोकार और सियासी बहस के केंद्र में आ गया है। औरंगाबाद से लेकर पटना तक फैला यह राजमार्ग वर्षों से उपेक्षा का शिकार रहा है। हालात इतने खराब हैं कि इस सड़क पर रोज़ाना हो रही घातक दुर्घटनाओं ने आम लोगों के आक्रोश को आंदोलन में बदलना शुरू कर दिया है।

इसी को लेकर रविवार को ओबरा प्रखंड मुख्यालय स्थित श्रीकृष्ण सिंह स्मृति भवन में सड़क दुर्घटना रोकथाम फाउंडेशन चैरिटेबल ट्रस्ट के बैनर तले एक अहम बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में बुद्धिजीवी, समाजसेवी, युवा और स्थानीय ग्रामीणों ने हिस्सा लिया।


बैठक में उभरी आवाज़: “जब तक NH-139 फोरलेन नहीं होगा, संघर्ष जारी रहेगा”

बैठक की अध्यक्षता कर रहे ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्य विकास कुशवाहा ने कहा, “एनएच-139 न सिर्फ दक्षिण बिहार की जीवनरेखा है बल्कि औरंगाबाद, अरवल, जहानाबाद, पालीगंज और दानापुर जैसे क्षेत्रों की आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों का आधार है। लेकिन वर्षों से इस सड़क की अनदेखी के कारण न सिर्फ सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, बल्कि क्षेत्र का विकास भी ठहर गया है।”

ट्रस्ट के सदस्य अभिनव कुमार ने कहा कि सरकार ने इस मार्ग की फोरलेनिंग को लेकर कई घोषणाएं कीं, लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं हुआ। “हर साल लोग जान गंवाते हैं, फिर भी सरकार खामोश क्यों है?” उन्होंने सवाल उठाया।


फैसला: औरंगाबाद से पटना तक पैदल यात्रा, जनसंपर्क और ई-मेल अभियान

बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि यदि जल्द फोरलेनिंग की घोषणा नहीं होती, तो औरंगाबाद से लेकर पटना तक विशाल जनपदयात्रा निकाली जाएगी। यह यात्रा एनएच-139 के किनारे बसे गांवों से होकर गुज़रेगी, जहां लोगों से संवाद कर उन्हें इस आंदोलन से जोड़ा जाएगा।

जनता की आवाज़ को सरकार तक पहुंचाने के लिए तीन स्तरीय रणनीति तय की गई:

  1. जनपदयात्रा और जनसंपर्क अभियान: औरंगाबाद से पटना तक पदयात्रा निकाली जाएगी, जिसमें लोग हाथों में तख्तियां लिए एनएच-139 की दुर्दशा के खिलाफ आवाज उठाएंगे।

  2. राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जाएगा: पटना पहुंचकर पदयात्रा का समापन राज्यपाल को ज्ञापन सौंप कर किया जाएगा, जिसमें सड़क की स्थिति और फोरलेनिंग की मांग को प्रमुखता से उठाया जाएगा।

  3. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को ज्ञापन और पीएम को ई-मेल: प्रतिनिधि मंडल द्वारा केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को ज्ञापन सौंपा जाएगा। साथ ही एक ई-मेल अभियान चलाया जाएगा, जिसके तहत हजारों लोग प्रधानमंत्री को ई-मेल कर फोरलेनिंग की मांग करेंगे।


“यदि अनसुनी हुई हमारी बात, तो होगा वोट बहिष्कार” – स्थानीय लोगों की चेतावनी

बैठक में मौजूद कई स्थानीय लोगों ने यह चेतावनी दी कि यदि सरकार एनएच-139 की उपेक्षा करती रही तो आगामी विधानसभा चुनावों में “वोट बहिष्कार” की रणनीति अपनाई जाएगी।

अरुण यादव, जो पेशे से शिक्षक हैं, ने कहा, “जब हमें मूलभूत सुविधा ही नहीं मिलती, तो फिर हम वोट क्यों दें? विकास के नाम पर सिर्फ झूठा वादा हुआ है।”


एनएच-139 पर दुर्घटनाओं का काला इतिहास

इस सड़क पर हाल के वर्षों में हुई सैकड़ों दुर्घटनाएं इस बात की गवाही देती हैं कि यह मार्ग अब जानलेवा बन चुका है। संकरी, टूटी और जगह-जगह गड्ढों से भरी सड़क न सिर्फ यात्रियों के लिए खतरा है, बल्कि आपातकालीन सेवाओं के लिए भी बाधक बन चुकी है।

धीरज सिंह और सूर्यप्रकाश कुमार जैसे युवाओं ने अपनी बात रखते हुए बताया कि “NH-139 आज नहीं तो कल किसी और के परिवार को उजाड़ देगा। इससे पहले कि और जानें जाएं, सरकार को गंभीर होना पड़ेगा।”


ट्रस्ट की भूमिका: सामाजिक आंदोलन में तब्दील हो रही मांग

सड़क दुर्घटना रोकथाम फाउंडेशन चैरिटेबल ट्रस्ट एक गैर-राजनीतिक संगठन है, जिसका उद्देश्य सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता फैलाना और सरकार को आवश्यक सुधारों के लिए प्रेरित करना है। ट्रस्ट के सदस्य कृष्णकांत शर्मा, अरविंद शर्मा, कमलेश कुमार विक्कल, सुजीत सिंह और पुष्कर अग्रवाल ने बताया कि अब यह सिर्फ एक मांग नहीं, बल्कि “जन-आंदोलन” बन चुका है।

सहजानंद कुमार डिक्कू ने कहा, “हम सब संकल्पित हैं कि जब तक एनएच-139 को फोरलेन नहीं किया जाता, तब तक चैन से नहीं बैठेंगे।”


राजनीतिक प्रतिक्रिया का इंतज़ार

जहां एक ओर यह आंदोलन ज़ोर पकड़ता जा रहा है, वहीं राजनीतिक दलों ने अब तक इस पर चुप्पी साध रखी है। आगामी चुनावों से पहले यह मामला राजनीतिक रूप से भी संवेदनशील होता जा रहा है।

कई जानकार मानते हैं कि यदि यह आंदोलन उग्र हुआ तो दक्षिण बिहार की कई सीटों पर इसका असर स्पष्ट रूप से दिखाई देगा।


बैठक में मौजूद प्रमुख चेहरे

बैठक में निम्न प्रमुख लोग उपस्थित रहे:

  • विकास कुशवाहा

  • अभिनव कुमार

  • अरुण यादव

  • कृष्णकांत शर्मा

  • अरविंद शर्मा

  • अशोक शर्मा

  • कमलेश कुमार विक्कल

  • सुजीत सिंह

  • विभूति नारायण सिंह

  • मुन्ना तिवारी

  • पुष्कर अग्रवाल

  • नवलेश मिश्रा

  • चंदन सिंह

  • सहजानंद कुमार डिक्कू

  • आनंद विश्वकर्मा

  • मुकेश कुमार

  • गुड्डू सिंह

  • धीरज सिंह

  • सूर्यप्रकाश कुमार

  • निलोतम सिंह

  • लवकुश कुमार

  • विंकटेश कुमार

  • गौरव दूबे

  • विकास कुमार

  • मोहित कुमार

  • भोलू कुमार

  • अमित कुमार

  • बाबूनन्द

  • कल्लू कुमार

  • सुमित कुमार


फोरलेनिंग नहीं तो आंदोलन तय

राष्ट्रीय राजमार्ग-139 की फोरलेनिंग की मांग अब सिर्फ एक तकनीकी मुद्दा नहीं रहा, यह जनता की प्राथमिक जरूरत बन चुकी है। जिस तरह से लोगों में आक्रोश है और ट्रस्ट द्वारा संगठित रणनीति तैयार की जा रही है, उससे स्पष्ट है कि यह मांग अब सरकार के लिए नजरअंदाज करने वाली नहीं रही।

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