Report By: Shubham || Date: 14 Sept 2024
बिहार में डेंगू का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। पिछले 24 घंटे में 128 नए मामले सामने आए हैं। जबकि शुक्रवार देर रात PMCH में एक मरीज की मौत हुई है। डेंगू से राज्य में अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है।
राजधानी पटना डेंगू का हॉटस्पॉट बनता जा रहा है। यहां सबसे ज्यादा 59 केस की पुष्टि हुई है। इस सीजन में अब तक पूरे प्रदेश में 1535 केस मिले हैं। जिसमें सबसे ज्यादा 710 केस राजधानी पटना में है।
दिल्ली से चार सदस्यीय टीम पहुंची थी पटना
नेशनल सेंटर फॉर वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल(NCVBDC) की चार सदस्यीय टीम जांच के लिए पटना पहुंची थी। शुक्रवार को पटना जंक्शन, राजेंद्र नगर, गुलजारबाग, पटना साहिब स्टेशन परिसर का निरीक्षण किया।
टीम को करबिगहिया साइड में बने फव्वारा के पास लार्वा मिला। इसके अलावा राजेंद्रनगर स्टेशन पर भी लार्वा मिला है। नगर निगम की फॉगिंग एवं लार्वीसाइडल टीम भी जांच दल के साथ मौजूद थी। जहां-जहां लार्वा मिला है, उन जगहों पर तत्काल फॉगिंग की गई है।
हॉस्पिटल में 30 बेड सुरक्षित रखने का निर्देश
डेंगू के बढ़ते मामले को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट मोड पर है। विभाग की ओर से सभी अस्पतालों में 30-30 बेड सुरक्षित रखने का निर्देश दिया गया है। प्रत्येक जिला अस्पताल में 5 बेड, पीएचसी और सीएचसी में दो-दो बेड डेंगू मरीजों के लिए सुरक्षित रखने के निर्देश दिए हैं।
डेंगू से अब तक 9 लोगों की मौत
PMCH में इलाज के दौरान जमुई के रहने वाले राहुल चौधरी(33) की मौत हुई है। शुक्रवार देर रात इंटरनल ब्लीडिंग के कारण दम तोड़ दिया। इससे पहले भागलपुर की रहने वाली खुशबू कुमारी (17) डेंगू से संक्रमित हुई थी। 6 सितंबर को पीएमसीएच में भर्ती कराया गया था। प्लेटलेट्स तेजी से डाउन हुआ और इलाज के दौरान 7 सितंबर को मौत हो गई।
पटना के रहने वाला संजीत कुमार (17) की भी मौत पीएमसीएच अस्पताल में भर्ती होने के एक दिन के बाद ही हो गई थी। इंटरनल ब्लीडिंग के कारण 7 सितंबर को उन्होंने दम तोड़ दिया।
समस्तीपुर के हेल्थ वर्कर राम लक्ष्मण दास को भी 7 दिन पहले डेंगू का संक्रमण हुआ था। 5 दिन में ही वह इतना कमजोर हो गए कि बेहोश हो गए। इलाज के लिए घर वाले बेगूसराय ले गए, लेकिन हालत बिगड़ती गई, डॉक्टरों ने रेफर कर दिया। जिसके बाद पटना के मेदांता में भर्ती कराया गया। इंटरनल ब्लीडिंग के कारण जान चली गई।
इसी तरह गर्दनीबाग की पूनम सिन्हा (57) डेंगू से संक्रमित हुई थी। जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद 31 अगस्त को पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भर्ती कराया। हालत ऐसी हो गई कि उन्हें इमरजेंसी के आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा। प्लेटलेट्स तेजी से डाउन हुआ और इलाज के दौरान जान चली गई।
31 अगस्त को पीएमसीएच में डेंगू पीड़ित 40 साल के युवक अशोक गिरी की मौत भी इंटरनल ब्लीडिंग के कारण हुई है। जहानाबाद के रहने वाले अशोक गिरी PMCH में 25 अगस्त को एडमिट हुए थे। 5 ही दिन में मौत हो गई।
29 अगस्त को NMCH में 16 साल के आर्यन की मौत भी डेंगू के संक्रमण से हुए इंटरनल ब्लीडिंग से हुई थी। 26 अगस्त की रात नौबतपुर के आर्यन को NMCH में भर्ती कराया गया था। प्लेटलेट्स लगातार कम होने से हालत बिगड़ गई थी। उन्हें पहले से ही पीलिया था। सिर्फ 4 ही दिन में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।