
स्वर्गीय आचार्य किशोर कुणाल को मरणोपरांत पद्म श्री सम्मान: बिहार के गौरव का क्षण
भारत सरकार द्वारा स्वर्गीय आचार्य किशोर कुणाल जी को मरणोपरांत पद्म श्री से सम्मानित करने का निर्णय न केवल एक ऐतिहासिक कदम है, बल्कि बिहार के लिए भी गर्व का विषय है। “बिहार के रतन टाटा” कहे जाने वाले आचार्य किशोर कुणाल जी का जीवन और उनके कार्य समाज के हर वर्ग के लिए प्रेरणा का स्रोत रहे हैं। उनके बहुआयामी योगदान को पहचानने और सम्मानित करने के लिए भारत सरकार का यह निर्णय स्वागत योग्य है।
उनके योगदानों की गौरवशाली झलक
आचार्य किशोर कुणाल जी को एक यशस्वी पुलिस अधिकारी के रूप में याद किया जाता है। उनके प्रशासनिक कौशल और कर्तव्यनिष्ठा ने उन्हें देश के सबसे कुशल अधिकारियों में स्थान दिलाया। इसके साथ ही, वे सामाजिक न्याय के पुरोधा के रूप में भी जाने जाते थे। उनका समाज के कमजोर और वंचित वर्गों के उत्थान में योगदान अनुकरणीय रहा है।
आचार्य किशोर कुणाल जी बजरंगबली के अनन्य भक्त थे और उन्होंने धार्मिक एवं सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा, चिकित्सा क्षेत्र में उनका योगदान उल्लेखनीय था। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं को आम जन तक पहुंचाने के लिए कई क्रांतिकारी पहल कीं, जिनका लाभ समाज के हर वर्ग को मिला।
हायाघाट के वॉर्ड पार्षद ने व्यक्त किया आभार
हायाघाट नगर पंचायत के वॉर्ड 16 के वॉर्ड पार्षद सह भाजपा नगर अध्यक्ष विकास कुमार सिंह ने भारत सरकार और माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “यह सम्मान स्वर्गीय आचार्य किशोर कुणाल जी के जीवन और उनके योगदान को नमन करने का एक प्रयास है। यह न केवल उनके परिवार और मित्रों के लिए गर्व का क्षण है, बल्कि पूरे बिहार के लिए यह सम्मानजनक अवसर है।”
विकास कुमार सिंह ने कहा कि यह सम्मान बिहार की महानता को दर्शाता है और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता है कि वे आचार्य किशोर कुणाल जी के पदचिह्नों पर चलें। उन्होंने समाज के हर वर्ग से अपील की कि वे आचार्य किशोर कुणाल जी के आदर्शों और उनके विचारों को आत्मसात करें और बिहार के विकास में अपना योगदान दें।
बिहार का गौरवपूर्ण क्षण
पद्म श्री सम्मान आचार्य किशोर कुणाल जी के जीवन के उन पहलुओं की मान्यता है जो न केवल बिहार, बल्कि पूरे भारत के लिए प्रेरणादायक हैं। उनकी निष्ठा, समर्पण और समाज के प्रति उनका योगदान हमें यह सिखाता है कि कैसे हर क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त की जा सकती है।
उनकी सामाजिक सेवा, प्रशासनिक कार्यकुशलता, धार्मिक समर्पण और चिकित्सा क्षेत्र में योगदान ने उन्हें एक अमर व्यक्तित्व बना दिया है। उनके विचार और कार्य आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करते हैं। यह सम्मान उनकी विरासत को और भी ऊंचा करता है और समाज को उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का अवसर प्रदान करता है।
प्रधानमंत्री को समस्त बिहारवासियों की ओर से धन्यवाद
विकास कुमार सिंह और हायाघाट के समस्त नागरिकों ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को धन्यवाद दिया, जिन्होंने स्वर्गीय आचार्य किशोर कुणाल जी के योगदान को मान्यता दी। यह सम्मान पूरे बिहार के लिए गर्व का प्रतीक है और आने वाली पीढ़ियों को समाज सेवा, प्रशासनिक कार्य और सामाजिक न्याय की दिशा में प्रेरित करेगा।