नौबतपुर-संपतचक सीओ पर 5-5 हजार का जुर्माना: DM Patna
प्रशासनिक खबर

पटना डीएम डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह ने नौबतपुर और संपतचक सीओ पर कार्रवाई
पटना डीएम डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह ने शुक्रवार को लोक शिकायतों की सुनवाई करते हुए 11 मामलों में से 7 का ऑन द स्पॉट निपटारा किया। नौबतपुर और संपतचक सीओ पर लापरवाही पाए जाने पर दोनों से स्पष्टीकरण मांगा गया और 5-5 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया। डीएम ने कहा कि लोक शिकायतों का निपटारा सर्वोच्च प्राथमिकता है।
हाइलाइट्स:
- पटना डीएम ने लोक शिकायतों की सुनवाई की: 11 मामलों में से 7 का ऑन द स्पॉट निपटारा।
- सीओ पर कार्रवाई: नौबतपुर और संपतचक सीओ की लापरवाही पर 5-5 हजार रुपये का जुर्माना और स्पष्टीकरण।
- **अतिक्रमण और जमाबंदी मामलों में कार्रवाई न करने पर कार्रवाई।
- डीएम का संदेश: लोक शिकायतों का शीघ्र और प्रभावी निपटारा हमारी प्राथमिकता है।
नौबतपुर और संपतचक सीओ की लापरवाही पर 5-5 हजार रुपये का जुर्माना और स्पष्टीकरण
Report By : News Era || Date : 31 jan 2025 ||
पटना के जिलाधिकारी डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह ने शुक्रवार को लोक शिकायतों से जुड़े 11 मामलों की सुनवाई की। इस दौरान उन्होंने 7 मामलों का ऑन द स्पॉट निपटारा किया, जबकि अन्य मामलों में लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों को स्पष्टीकरण जारी किया गया। विशेष रूप से नौबतपुर और संपतचक के सीओ के काम में लापरवाही का मामला सामने आया, जिसके बाद दोनों को स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया और 5-5 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया।
नौबतपुर सीओ मृत्युंजय कुमार 5 हजार रुपए का जुर्माना
नौबतपुर के सीओ मृत्युंजय कुमार के खिलाफ एक गंभीर शिकायत आई थी, जिसमें पुष्पा देवी ने गैर मजरूआ जमीन पर अतिक्रमण की शिकायत की थी। शिकायत में यह कहा गया था कि इस जमीन पर अतिक्रमण किया गया है, लेकिन संबंधित सीओ ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। सीओ की इस लापरवाही के कारण अब भी उक्त जमीन पर अतिक्रमण बरकरार है। जिलाधिकारी डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए सीओ मृत्युंजय कुमार से स्पष्टीकरण मांगा और इस मामले में जल्द कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
संपतचक सीओ स्वाति झा 5 हजार रुपए का जुर्माना
इसी प्रकार संपतचक सीओ स्वाति झा के खिलाफ भी एक शिकायत आई थी, जिसमें मितनचक, गोपालपुर के निवासी भुवनेश्वर सिंह ने जमाबंदी रद्द करने को लेकर शिकायत की थी। भुवनेश्वर सिंह का आरोप था कि उन्होंने इस संबंध में 2023 में सीओ कार्यालय में कई बार चक्कर लगाए, लेकिन वहां से कोई मदद नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने अपर समाहर्ता के पास शिकायत की, जहां से उनके पक्ष में आदेश भी आया, लेकिन संपतचक सीओ ने आदेश के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। जिलाधिकारी डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह ने इस मामले में भी सीओ स्वाति झा से स्पष्टीकरण मांगा और जुर्माना लगाया।
पदाधिकारियों की जिम्मेदारी:
डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह ने इस अवसर पर स्पष्ट किया कि लोक शिकायतों का निपटारा प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, “पदाधिकारी सजग, संवेदनशील और सक्रिय रहें। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि जनता की समस्याओं का शीघ्र समाधान हो। किसी भी स्तर पर लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि शिकायतों का समयबद्ध तरीके से समाधान करना प्रशासन की जिम्मेदारी है, और इस दिशा में कोई भी कोताही नहीं बरती जाएगी।
पदाधिकारियों के प्रति सख्त निर्देश:
डीएम ने कहा कि पटना जिले में अधिकारियों को जनता की समस्याओं के प्रति संवेदनशील रहकर कार्य करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक अधिकारी को अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह से निभानी चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार की शिकायत का सामना न करना पड़े। डीएम ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि अगर भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही पाई जाती है, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
लोक शिकायत निवारण प्रणाली का महत्व:
जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि लोक शिकायत निवारण प्रणाली के तहत सभी शिकायतों का निपटारा पारदर्शिता और निष्पक्षता से किया जा रहा है। इसके तहत लोगों को उनकी शिकायतों के समाधान के लिए समय पर प्रतिक्रिया दी जाती है, और अधिकारियों से जवाबदेही सुनिश्चित की जाती है। उन्होंने कहा कि इस प्रणाली के जरिए लोगों के समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जा रहा है, जिससे जनता में प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ रहा है।
आगे की योजना:
इसके अलावा, जिलाधिकारी ने बताया कि वह जल्द ही एक विशेष अभियान शुरू करेंगे, जिसमें अधिकारियों द्वारा लंबित मामलों को प्राथमिकता दी जाएगी। इस अभियान के तहत सभी शिकायतों का निपटारा शीघ्र किया जाएगा और जो भी मामले लंबित हैं, उन्हें समयबद्ध तरीके से निपटाने का लक्ष्य रखा गया है।
पटना के जिलाधिकारी डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह द्वारा किए गए इस कदम से यह साफ हो गया है कि प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निभा रहा है। लोक शिकायतों के निपटारे में तेजी लाने और अधिकारियों के प्रति जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए यह कदम अत्यंत महत्वपूर्ण है। पटना जिले के नागरिकों को अब उम्मीद है कि उनकी समस्याओं का समाधान जल्दी और प्रभावी तरीके से होगा, और प्रशासन उनकी शिकायतों पर गंभीरता से ध्यान देगा।