
पटना में रूपसपुर थाने के दो दरोगा घूस लेते गिरफ्तार
सारांश :
पटना के रूपसपुर थाने के दरोगा फिरदौस आलम और रंजीत कुमार को विजिलेंस टीम ने 50 हजार रुपए घूस लेते रंगे हाथों पकड़ा। गिरफ्तारी लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल गेट के पास हुई। पटना एसएसपी ने दोनों को निलंबित कर दिया। विजिलेंस ने भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत केस दर्ज किया।
न्यूज़ हाइलाइट्स :
- 50 हजार की रिश्वत लेते पकड़े गए
- विजिलेंस की गोपनीय कार्रवाई
- दोनों दरोगा निलंबित
- भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम
Report By : News Era || Date : 07 Feb 2025 ||
पटना में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए विजिलेंस टीम ने रूपसपुर थाना के दो दरोगा फिरदौस आलम और रंजीत कुमार को 50 हजार रुपए घूस लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल के गेट के पास हुई, जहां दोनों दरोगा एक व्यक्ति से रिश्वत ले रहे थे। विजिलेंस की इस कार्रवाई से पटना पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है।
गिरफ्तारी के तुरंत बाद पटना एसएसपी अवकाश कुमार ने दोनों पुलिस अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। इस कार्रवाई के बाद पटना पुलिस प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया कि भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा और ऐसे मामलों में सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
कैसे हुआ घूसखोरी का खुलासा?
घूसखोरी का यह मामला भोजपुर जिले के निवासी तुषार कुमार पांडेय की शिकायत के बाद सामने आया। तुषार कुमार पांडेय वर्तमान में पटना के जगदेव पथ में रहते हैं और उनका किसी राहुल कुमार नाम के व्यक्ति से पैसों के लेन-देन को लेकर विवाद चल रहा था। इसी विवाद को सुलझाने और केस को मैनेज करने के लिए रूपसपुर थाने के दरोगाओं ने 50 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की।
तुषार पांडेय इस अवैध मांग से परेशान हो गए और उन्होंने इस पूरे मामले की शिकायत विजिलेंस टीम से कर दी। विजिलेंस अधिकारियों ने मामले की प्राथमिक जांच की, जिसमें आरोप सही पाए गए। इसके बाद डीएसपी अरुणोदय पांडेय के नेतृत्व में एक विशेष धावा दल का गठन किया गया ताकि घूसखोर दरोगाओं को रंगे हाथों पकड़ा जा सके।
विजिलेंस टीम की सुनियोजित कार्रवाई
विजिलेंस की इस गिरफ्तारी को सफल बनाने के लिए पूरी रणनीति तैयार की गई। डीएसपी अरुणोदय पांडेय के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया, जिसमें अनुभवी अधिकारी शामिल थे।
- विजिलेंस अधिकारी सिविल ड्रेस में लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल के गेट के पास तैनात थे और पूरी गतिविधि पर बारीकी से नजर रख रहे थे।
- जैसे ही दरोगाओं ने तुषार पांडेय से रिश्वत की रकम ली, टीम ने उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया।
- गिरफ्तारी के समय दोनों दरोगा कुछ समझ ही नहीं पाए कि उनके साथ क्या हो रहा है। लेकिन जब विजिलेंस अधिकारियों ने अपना परिचय दिया, तो उनके चेहरे का रंग उड़ गया।
गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपियों को विजिलेंस की टीम ने तत्काल हिरासत में ले लिया और पटना पुलिस प्रशासन को सूचित किया गया। इस मामले में कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद दोनों पर भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत केस दर्ज किया जाएगा।
विजिलेंस की पुष्टि और आगे की कार्रवाई
इस मामले की पुष्टि विजिलेंस के डीएसपी अरुणोदय पांडेय ने की है। उन्होंने बताया कि इस पूरे ऑपरेशन को बेहद गोपनीय तरीके से अंजाम दिया गया ताकि घूसखोर पुलिसकर्मी कोई बचाव का रास्ता न निकाल सकें।
- पटना एसएसपी अवकाश कुमार ने दोनों दरोगाओं को निलंबित कर दिया है और विभागीय जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
- विजिलेंस विभाग दोनों दरोगाओं पर भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत कड़ी कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।
- इस घटना के बाद पटना पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है और अन्य अधिकारियों की गतिविधियों पर भी नजर रखी जा रही है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी
बिहार में भ्रष्टाचार के मामलों पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है। विजिलेंस विभाग इससे पहले भी कई सरकारी अधिकारियों और पुलिस कर्मियों को घूस लेते रंगे हाथों पकड़ चुका है।
पटना पुलिस प्रशासन ने इस घटना के बाद स्पष्ट कर दिया है कि भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा। विजिलेंस की इस त्वरित कार्रवाई से भ्रष्ट पुलिसकर्मियों के बीच दहशत का माहौल है। आने वाले दिनों में भ्रष्टाचार के खिलाफ और भी कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।
इस पूरे मामले को लेकर आम जनता ने विजिलेंस विभाग की सराहना की है और भ्रष्टाचार के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई की मांग की है। पटना में पुलिस विभाग में हो रही घूसखोरी के मामलों को लेकर लोगों में पहले से नाराजगी थी, और अब इस तरह की कार्रवाई से यह संदेश गया है कि भ्रष्टाचार करने वालों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।