बकरे का अनोखा अंतिम संस्कार: औरंगाबाद में गाजे-बाजे के साथ निकली शव यात्रा

औरंगाबाद में बकरे का अनोखा अंतिम संस्कार
Report By: Chitranjan Kumar || Date: 11 feb 2025
औरंगाबाद, बिहार: बिहार के औरंगाबाद जिले के ओबरा प्रखंड में एक बकरे के अंतिम संस्कार ने लोगों को चौंका दिया है। महथु गांव में ग्रामीणों ने गाजे-बाजे के साथ शव यात्रा निकालकर बकरे का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार किया। इस घटना के सामने आने के बाद पूरे इलाके में चर्चा तेज हो गई है। कई लोग इसे पशु प्रेम की अनूठी मिसाल मान रहे हैं, तो कुछ इसे अंधविश्वास का नाम दे रहे हैं।
बकरे की मौत और अंतिम संस्कार
महथु गांव में ग्राम देवी को छोड़े गए एक वृद्ध बकरे पर आवारा कुत्तों ने हमला कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। जब ग्रामीणों को इसकी जानकारी मिली, तो उन्होंने इसे सामान्य घटना मानने के बजाय एक अलग ही रूप दिया। आनंद विश्वकर्मा, जमुना सिंह, प्रमोद सिंह, हरि पासवान, लाल यादव, दरोगा बाबू, कृष्णा यादव सहित अन्य ग्रामीणों ने मिलकर बकरे की अंतिम यात्रा का आयोजन किया। गाजे-बाजे के साथ धूमधाम से शव यात्रा निकाली गई और हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
गांव में फैला भय
घटना के बाद महथु गांव और आसपास के इलाकों में आवारा कुत्तों का आतंक चर्चा का विषय बन गया है। बताया जा रहा है कि 8 से 10 की संख्या में घूम रहे आवारा कुत्तों ने सरसौली, महथु, गंज और अन्य गांवों में बच्चों, बुजुर्गों और छोटे जानवरों पर हमला करना शुरू कर दिया है। इस वजह से पूरे इलाके में भय का माहौल व्याप्त है। लोग बच्चों को अकेले बाहर भेजने से डर रहे हैं और पशुपालक भी चिंतित हैं।
प्रशासन से मदद की गुहार
ग्रामीणों ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि आवारा कुत्तों की समस्या का समाधान किया जाए ताकि गांव में भयमुक्त माहौल बनाया जा सके। स्थानीय प्रशासन ने इस संबंध में शीघ्र कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
पशु प्रेम या अंधविश्वास?
बकरे के अंतिम संस्कार की यह घटना सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रही है। कुछ लोग इसे पशु प्रेम की अनूठी मिसाल मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे अंधविश्वास करार दे रहे हैं। पशु प्रेमी संगठनों ने इस पहल की सराहना की है और इसे मानवता का एक शानदार उदाहरण बताया है।
बिहार के औरंगाबाद जिले में हुई यह घटना यह दिखाती है कि समाज में पशुओं के प्रति प्रेम और संवेदनशीलता किस हद तक बढ़ चुकी है। हालांकि, आवारा कुत्तों के बढ़ते आतंक से लोगों में डर भी व्याप्त है, जिसके समाधान के लिए प्रशासन से उचित कदम उठाने की मांग की जा रही है।