टॉप न्यूज़देशबिहारराजनीतिलोकल न्यूज़

पटना के गांधी मैदान में ऐतिहासिक महाजुटान: 50,000 से अधिक किसान होंगे शामिल

Bihar News

पटना के गांधी मैदान में ऐतिहासिक महाजुटान: 50,000 से अधिक किसान होंगे शामिल

Report By : Bipin Kumar (News Era ) || Date : 25 Feb 2025 ||

बिहार की राजनीति में नई करवट, किसानों की हुंकार से बदलेगा परिदृश्य

अखिल भारतीय किसान महासभा के बिहार राज्य सचिव उमेश सिंह ने प्रेस को संबोधित करते हुए जानकारी दी कि आगामी 2 मार्च 2025 को पटना के गांधी मैदान में “जन आंदोलनों का बदलो बिहार महाजुटान” का आयोजन किया जाएगा। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में 50,000 (पचास हजार) से अधिक किसान किसान महासभा के नेतृत्व में भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि इस आयोजन की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

उमेश सिंह ने कहा कि यह आयोजन बिहार में अपनी तरह का पहला कार्यक्रम होगा, जिसमें किसी भी राजनीतिक पार्टी का बैनर नहीं रहेगा। यह केवल संघर्षरत किसानों, मजदूरों, वंचित तबकों, युवाओं, छात्रों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों, आदिवासियों, आशा-आंगनवाड़ी कर्मियों, रसोइयों, ठेका और मानदेय कर्मियों समेत समाज के सभी दबे-कुचले वर्गों को एक मंच पर लाने के लिए आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक किसान आंदोलन नहीं बल्कि बिहार में एक बड़े राजनीतिक बदलाव की आहट है।

किसानों की व्यापक गोलबंदी और उनकी 15 सूत्री मांगें

अखिल भारतीय किसान महासभा ने इस महाजुटान को सफल बनाने के लिए 15 सूत्री मांगों को लेकर एक लाख से अधिक पर्चे वितरित किए हैं और 30 जिलों में 600 से अधिक ग्रामीण सभाएं आयोजित की हैं। महासभा के अनुसार, बिहार में महासभा के 2 लाख से अधिक सदस्य हैं, लेकिन खेती के व्यस्त सीजन के कारण सभी किसानों की भागीदारी संभव नहीं हो पा रही है। इसके बावजूद, भारी संख्या में किसान इस महाजुटान में शामिल होंगे।

प्रमुख 15 सूत्री मांगें:

  1. कृषि भूमि अधिग्रहण पर रोक और 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून को पूरी तरह लागू करने की मांग।
  2. कॉरपोरेट हित में कराए जा रहे भूमि सर्वेक्षण पर रोक
  3. C2+50% MSP की कानूनी गारंटी और सभी फसलों की सरकारी खरीद की गारंटी
  4. सभी सिंचाई परियोजनाओं का जीर्णोद्धार और नई परियोजनाओं का निर्माण
  5. फसल बीमा योजना का सही क्रियान्वयन और पारदर्शिता
  6. वृद्ध किसानों को ₹10,000 मासिक पेंशन
  7. किसानों की संपूर्ण कर्जमाफी और बैंकों द्वारा उत्पीड़न पर रोक
  8. खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सस्ती दरों पर खाद-बीज उपलब्ध कराना
  9. कृषि क्षेत्र में न्यूनतम मजदूरी की गारंटी
  10. किसानों की उपज की समय पर सरकारी खरीद और भुगतान सुनिश्चित करना
  11. स्थानीय मंडियों का विस्तार और बिचौलियों की भूमिका खत्म करना
  12. ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना
  13. महिला किसानों के अधिकारों की रक्षा और उन्हें पहचान देना
  14. नवीनतम कृषि तकनीकों और जैविक खेती को बढ़ावा देना
  15. खेती को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए आपदा राहत कोष का गठन

डबल इंजन सरकार की किसान विरोधी नीतियों का पर्दाफाश

उमेश सिंह ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि डबल इंजन की सरकार किसानों के साथ लगातार वादाखिलाफी और विश्वासघात कर रही है। उन्होंने कहा कि 2017 में किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया गया था, लेकिन हकीकत यह है कि तीन काले कृषि कानूनों को लाकर सरकार ने खेती और फसल को कॉरपोरेट के हाथों में देने की साजिश की। हालांकि, किसानों के व्यापक संघर्ष और आंदोलन के कारण सरकार को पीछे हटना पड़ा।

अब केंद्र सरकार तीनों काले कृषि कानूनों से भी अधिक खतरनाक कृषि विपणन पर राष्ट्रीय प्रस्ताव राज्यों को भेज रही है ताकि इसे राज्यों के माध्यम से लागू कराया जा सके। अखिल भारतीय किसान महासभा ने साफ कर दिया है कि देशभर के किसान संगठन इस साजिश को सफल नहीं होने देंगे और इस महाजुटान में सरकार के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करने का संकल्प लेंगे।

बिहार विधानसभा सत्र के दौरान किसानों का महापड़ाव

24-26 मार्च 2025 को विधान सभा के समक्ष होगा महापड़ाव

महापड़ाव कार्यक्रम के तहत निम्नलिखित मांगों को प्रमुखता से उठाया जाएगा:

  • कृषि विपणन पर राष्ट्रीय प्रस्ताव के खिलाफ बिहार विधानसभा से विरोध प्रस्ताव पारित कराना
  • सभी किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ सड़क से संसद तक संघर्ष
  • किसान संगठनों को और अधिक मजबूत बनाना एवं राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक गोलबंदी

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि – छलावा या हकीकत?

उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि पर तंज कसते हुए कहा कि यह किसानों के साथ “ऊंट के मुंह में जीरा” जैसी स्थिति है। सरकार इसे ऐसे महिमामंडित कर रही है जैसे कि किसानों को उनका हक दे दिया गया हो। लेकिन सच्चाई यह है कि यह केवल हवाबाजी और धोखे का एक हिस्सा है। अब किसानों को सरकार की साजिशों और झूठे वादों का पर्दाफाश करना होगा और एकजुट होकर अपने खेत, खेती और फसलों को कॉरपोरेट के हाथों में जाने से बचाना होगा।

देशभर के किसानों से अपील

उन्होंने देशभर के सभी किसानों से संघर्ष में शामिल होने की अपील की और कहा कि कॉरपोरेट समर्थक सरकारों की साजिशों को नाकाम करना ही अब किसानों की प्राथमिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि इस महाजुटान में लाखों किसानों की उपस्थिति सरकार को उनकी ताकत का अहसास कराएगी।

संघर्ष जारी रहेगा!

अखिल भारतीय किसान महासभा ने ऐलान किया है कि जब तक किसानों को उनका हक नहीं मिलेगा, तब तक संघर्ष जारी रहेगा

उमेश सिंह
बिहार राज्य सचिव, अखिल भारतीय किसान महासभा

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!