
IPS अधिकारी काम्या मिश्रा का इस्तीफा मंजूर, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जारी किया नोटिफिकेशन
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 27 मार्च को एक महत्वपूर्ण नोटिफिकेशन जारी करते हुए आईपीएस अधिकारी काम्या मिश्रा का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। काम्या मिश्रा ने अगस्त 2024 में निजी कारणों से अपने पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया था, लेकिन उनका इस्तीफा पहले मंजूर नहीं किया गया था। इसके बजाय, नवंबर 2024 में उन्हें 180 दिनों की छुट्टी दी गई थी, जिससे यह मामला और अधिक ध्यान आकर्षित कर रहा था। अब, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है, जिसके बाद उनके भविष्य के बारे में कयास लगाए जा रहे हैं।
काम्या मिश्रा की IPS यात्रा
काम्या मिश्रा ने महज 22 साल की उम्र में UPSC की परीक्षा में सफलता प्राप्त की थी। उन्होंने 2019 बैच से आईपीएस अधिकारी के रूप में अपना करियर शुरू किया और अपने करियर के पहले ही कुछ वर्षों में शानदार कार्य प्रदर्शन किया। काम्या ने यूपीएससी परीक्षा में 172वीं रैंक हासिल की थी, जिसके बाद उन्हें भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में चयनित किया गया था। उनके चयन के बाद, उन्हें हिमाचल प्रदेश कैडर से बिहार कैडर में स्थानांतरित किया गया था।
उनकी यात्रा में कई प्रमुख घटनाएं शामिल रही हैं, जिसमें उनकी सेवाओं को लेकर कई विवाद भी सामने आए। काम्या मिश्रा ने बिहार के दरभंगा जिले में एसपी के रूप में कार्य करते हुए बड़ी चुनौतियों का सामना किया। दरभंगा में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी के पिता की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद काम्या मिश्रा ने मामले की जांच की और तेजी से कार्रवाई करते हुए अपराधियों को गिरफ्तार किया।
निजी कारणों से इस्तीफा
काम्या मिश्रा के इस्तीफे को लेकर उनके पति, आईपीएस अधिकारी अवधेश सरोज ने भी बयान दिया था कि यह कदम निजी कारणों से उठाया गया है। अवधेश सरोज, जो 2021 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और बिहार कैडर से जुड़े हुए हैं, ने अपने बयान में कहा कि काम्या मिश्रा के इस्तीफे के पीछे कोई और वजह नहीं है, बल्कि यह पूरी तरह से व्यक्तिगत और पारिवारिक कारणों से था।
काम्या मिश्रा और अवधेश सरोज की शादी उदयपुर में हुई थी, और दोनों की जोड़ी को काफी चर्चित माना जाता है। अवधेश सरोज ने पहले आईआईटी बॉम्बे से बीटेक किया था, और बाद में उन्होंने भारतीय पुलिस सेवा को चुना। दोनों अधिकारी पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन में एक-दूसरे के करीबी सहयोगी रहे हैं।
पिछले कुछ इस्तीफों के साथ समानताएँ
काम्या मिश्रा का इस्तीफा आईपीएस अधिकारियों के इस्तीफों के एक पैटर्न के साथ मेल खाता है। इससे पहले, आईपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे ने भी 2021 में अपना इस्तीफा दिया था, जिसे 117 दिन बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूर किया था। शिवदीप लांडे, जो कि पूर्णिया में बतौर आईजी तैनात थे, ने अपने इस्तीफे के बाद कई मीडिया रिपोर्टों में यह कहा था कि उनका निर्णय निजी कारणों पर आधारित था। शिवदीप का इस्तीफा 19 सितंबर 2024 को दिया गया था और इसके बाद 13 जनवरी 2025 को राष्ट्रपति से स्वीकृति प्राप्त हुई थी। उनके इस्तीफे के बाद से यह चर्चा में था कि क्या काम्या मिश्रा का इस्तीफा भी लंबी अवधि तक लटका रहेगा, लेकिन अब इसे मंजूरी मिल गई है।
IPS अधिकारी के इस्तीफे का प्रभाव
काम्या मिश्रा का इस्तीफा स्वीकार किए जाने के बाद अब यह सवाल उठता है कि भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में इस तरह के इस्तीफों का क्या प्रभाव पड़ेगा। काम्या मिश्रा ने अपनी सेवाओं के दौरान बिहार पुलिस के विभिन्न महत्वपूर्ण विभागों में कार्य किया था और कई जटिल मामलों की जांच की थी। उनका इस्तीफा एक ओर संकेत है कि वर्तमान समय में पुलिस अधिकारियों के लिए पेशेवर और निजी जीवन में संतुलन बनाना कितना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
हालांकि, काम्या मिश्रा का इस्तीफा व्यक्तिगत कारणों से लिया गया है, लेकिन इससे पुलिस सेवा में मानसिक तनाव और व्यक्तिगत चुनौतियों के बारे में चर्चा भी शुरू हो गई है। आईपीएस अधिकारियों को अक्सर उच्च दबाव वाले माहौल में काम करना पड़ता है, और ऐसे इस्तीफों के पीछे की वजहों पर विचार करने से यह स्पष्ट होता है कि पुलिस सेवा में सुधार की आवश्यकता हो सकती है।
काम्या मिश्रा का इस्तीफा भारतीय पुलिस सेवा के एक प्रमुख और चर्चित मुद्दे के रूप में सामने आया है। इस इस्तीफे को निजी कारणों से लिया गया है, लेकिन इसने भारतीय पुलिस सेवा में मानसिक और व्यक्तिगत दबाव के सवालों को भी उजागर किया है। अब देखना यह होगा कि उनके इस्तीफे के बाद उनके भविष्य में कौन सी नई दिशा आएगी और भारतीय पुलिस सेवा में सुधार की प्रक्रिया कैसे विकसित होती है।