कैमूर में नेशनल हाईवे पेट्रोलिंग पुलिस का बड़ा अभियान: ट्रैफिक नियमों की अनदेखी करने वालों पर भारी जुर्माना
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कैमूर में नेशनल हाईवे पेट्रोलिंग पुलिस का बड़ा अभियान: ट्रैफिक नियमों की अनदेखी करने वालों पर भारी जुर्माना
Report By : Rupesh Kumar Dubey {News Era}|| Date : 08 April 2025 ||
कैमूर: जिले के दुर्गावती थाना क्षेत्र अंतर्गत यूपी-बिहार सीमा पर स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-2 पर यातायात नियमों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ नेशनल हाईवे पेट्रोलिंग पुलिस ने एक बड़ा और सघन जांच अभियान चलाया। इस विशेष अभियान का नेतृत्व सब-इंस्पेक्टर संजीव मुर्मू कर रहे थे, जिन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर हाईवे पर ट्रैफिक नियमों की धज्जियाँ उड़ाने वाले वाहन चालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की।
इस विशेष अभियान में ऑनलाइन चालान प्रणाली का प्रयोग करते हुए नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों से लाखों रुपये का जुर्माना वसूला गया। पुलिस के अनुसार, यह कार्रवाई न केवल कानून का पालन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई, बल्कि लोगों में ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूकता और जिम्मेदारी की भावना भी पैदा करने का प्रयास था।
अभियान की प्रमुख विशेषताएं
इस सघन चेकिंग अभियान के तहत कई ऐसे वाहन चालकों को रोका गया जो ट्रैफिक नियमों की अनदेखी करते हुए हाईवे पर सफर कर रहे थे। विशेष रूप से बिना हेलमेट दोपहिया वाहन चालक, बिना लाइसेंस ड्राइव करने वाले युवक, चार पहिया वाहन चलाते समय सीट बेल्ट नहीं पहनने वाले लोग और हाई स्पीड में वाहन चलाने वाले चालकों को निशाने पर लिया गया।
सिर्फ चेकिंग तक ही यह कार्रवाई सीमित नहीं रही, बल्कि जुर्माना वसूलने के साथ-साथ ऐसे चालकों को कड़ी चेतावनी भी दी गई कि यदि आगे भी वे नियमों का उल्लंघन करते पाए गए, तो उन्हें और भी भारी जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है, साथ ही उनके वाहन जब्त किए जा सकते हैं।
ऑनलाइन चालान प्रणाली का प्रयोग
इस बार की कार्रवाई में एक महत्वपूर्ण तकनीकी बदलाव यह रहा कि पुलिस ने अधिकतर चालान ऑनलाइन सिस्टम के माध्यम से काटे। इससे न केवल पारदर्शिता बनी रही, बल्कि समय की भी बचत हुई और मौके पर ही भुगतान की सुविधा से लोगों को भी आसानी हुई। कई मामलों में डिजिटल पेमेंट के जरिये चालान का भुगतान किया गया, जिससे सिस्टम में भ्रष्टाचार की संभावनाओं पर भी रोक लगी है।
सब-इंस्पेक्टर संजीव मुर्मू की अगुवाई में हुआ सफल संचालन
इस पूरे अभियान की कमान नेशनल हाईवे पेट्रोलिंग पुलिस के सब-इंस्पेक्टर संजीव मुर्मू के हाथ में रही। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, “हमारा मुख्य उद्देश्य लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। नियम तोड़ने वाले न केवल खुद की जान जोखिम में डालते हैं बल्कि दूसरों के लिए भी खतरा बन जाते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि बिना हेलमेट, बिना सीट बेल्ट और बिना लाइसेंस वाहन चलाना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है और इस पर कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जनहित में संदेश और नियमों का पालन
संजीव मुर्मू ने जनता से अपील करते हुए कहा कि सड़क पर वाहन चलाते समय कुछ सामान्य लेकिन महत्वपूर्ण नियमों का पालन हर नागरिक का दायित्व है। उन्होंने कहा, “हमें हाई स्पीड से बचना चाहिए, दोपहिया वाहन पर हेलमेट पहनना अनिवार्य है और चार पहिया वाहन में सीट बेल्ट अवश्य लगानी चाहिए। साथ ही ट्रैफिक सिग्नल, सड़क संकेत और लेन नियमों का पालन भी जरूरी है।”
उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस का उद्देश्य किसी को परेशान करना नहीं है, बल्कि नियमों का पालन सुनिश्चित कराना है जिससे दुर्घटनाओं को कम किया जा सके और लोगों की जानें बचाई जा सकें।
भविष्य में भी चलेंगे ऐसे अभियान
पुलिस विभाग की तरफ से यह भी संकेत दिया गया है कि भविष्य में भी इसी प्रकार के औचक चेकिंग अभियान लगातार चलाए जाएंगे ताकि सड़क पर अनुशासन बना रहे और लोग अपने दायित्व को समझें। खासकर हाईवे जैसे संवेदनशील और हाई-स्पीड जोन में सुरक्षा अत्यंत जरूरी है।
दुर्गावती थाना क्षेत्र में यह अभियान आने वाले समय में एक मिसाल बन सकता है, क्योंकि इस अभियान के बाद कई वाहन चालक स्वयं आगे आकर अपने दस्तावेज दुरुस्त कराने और वाहन में हेलमेट, सीट बेल्ट जैसी सुरक्षा चीज़ों का ध्यान रखने लगे हैं।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों ने भी इस कार्रवाई की सराहना की है। कुछ वाहन चालकों ने माना कि पहले वे अक्सर हेलमेट नहीं पहनते थे, लेकिन अब उन्हें नियमों के महत्व का एहसास हो रहा है। वहीं कुछ लोगों ने यह भी सुझाव दिया कि ट्रैफिक नियमों के बारे में गांवों और कस्बों में जागरूकता अभियान भी चलाया जाना चाहिए ताकि लोग नियमों के प्रति गंभीर हो सकें।
कैमूर जिले में नेशनल हाईवे पर चलाया गया यह विशेष अभियान ट्रैफिक नियमों की अनदेखी के विरुद्ध एक सशक्त कदम माना जा रहा है। यह पहल न केवल प्रशासनिक कार्रवाई का उदाहरण है, बल्कि यह सड़क सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। ट्रैफिक नियमों के पालन से ही हम सुरक्षित भारत की कल्पना को साकार कर सकते हैं।
इस प्रकार की कार्रवाइयाँ न सिर्फ कानून का भय स्थापित करती हैं, बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक बनने की दिशा में भी एक सार्थक कदम होती हैं। उम्मीद की जा रही है कि इस सघन अभियान के बाद आम नागरिकों में यातायात नियमों के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और सड़क हादसों में भी कमी आएगी।