
प्रेशर बम विस्फोट में रोहतास का जवान गंभीर रूप से घायल, इलाज जारी
Report By: Rupesh Kumar Dubey
रोहतास/बीजापुर।
बिहार के रोहतास जिले अंतर्गत चेनारी थाना क्षेत्र के सेमरी गांव निवासी दिलीप कुमार पासवान, जो केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की 196वीं बटालियन में तैनात हैं, छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में माओवाद प्रभावित क्षेत्र में ड्यूटी के दौरान एक प्रेशर बम की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना बुधवार को बीजापुर जिले के चिन्नाकोड़ेपाल क्षेत्र में उस वक्त हुई जब सुरक्षा बल के जवान क्षेत्र में गश्ती पर निकले थे।
पुलिस अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, सीआरपीएफ की एक टीम नियमित गश्ती अभियान के तहत चिन्नाकोड़ेपाल क्षेत्र की ओर रवाना हुई थी। इसी दौरान जब दल कोड़ेपाल नाले के समीप पहुंचा, तभी दिलीप कुमार पासवान का पैर एक प्रेशर बम पर पड़ गया, जिससे तेज विस्फोट हुआ। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि जवान के दोनों पैर गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के तुरंत बाद साथी जवानों ने उन्हें प्राथमिक उपचार देकर बीजापुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनका इलाज जारी है।
इलाके में सक्रिय हैं नक्सली संगठन
बस्तर क्षेत्र, जिसमें बीजापुर भी शामिल है, देश के सबसे अधिक नक्सल प्रभावित इलाकों में गिना जाता है। यहां माओवादी अक्सर सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए जंगलों, पगडंडियों और सड़कों के किनारे प्रेशर बम और अन्य प्रकार की बारूदी सुरंगें बिछा देते हैं। सुरक्षाबलों की हर गतिविधि पर इनकी पैनी नजर रहती है और मौका मिलते ही यह ऐसे विस्फोटों को अंजाम देते हैं। पिछले कुछ वर्षों में बस्तर क्षेत्र में नक्सली हमलों की घटनाएं भले ही कम हुई हों, लेकिन इनकी रणनीति और खतरा बरकरार है।
बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, कांकेर, कोंडागांव और बस्तर — ये सात जिले माओवादियों की गतिविधियों के मुख्य केंद्र माने जाते हैं। यहां के घने जंगलों और दुर्गम इलाकों का लाभ उठाकर नक्सली छिपकर गतिविधियां संचालित करते हैं और सुरक्षाबलों के लिए लगातार चुनौती बने हुए हैं।
हाल की घटनाएं और बढ़ता खतरा
इससे पूर्व सोमवार को छत्तीसगढ़ के ही नारायणपुर जिले में सड़क निर्माण कार्य में लगे एक ट्रक के चालक को नक्सलियों द्वारा लगाए गए प्रेशर बम में विस्फोट के कारण गंभीर चोटें आई थीं। वह ट्रक निर्माण स्थल की ओर जा रहा था, जब गाड़ी का पहिया बारूदी सुरंग के ऊपर से गुजर गया और विस्फोट हो गया। यह घटना एक बार फिर यह दर्शाती है कि निर्माण कार्यों में लगे श्रमिक और वाहन चालक भी नक्सलियों के निशाने पर हैं।
वहीं, सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह नक्सलियों की रणनीति का हिस्सा है, जिससे वे राज्य की आधारभूत संरचना को नुकसान पहुंचाकर विकास कार्यों को बाधित करना चाहते हैं। इससे न केवल सुरक्षाबलों की जान जोखिम में पड़ती है, बल्कि आम नागरिक भी प्रभावित होते हैं।
गांव में चिंता का माहौल, परिवार सदमे में
जैसे ही दिलीप कुमार पासवान के घायल होने की सूचना उनके पैतृक गांव सेमरी पहुंची, पूरे गांव में शोक और चिंता का माहौल छा गया। उनके पिता कपीलमुनी पासवान सहित पूरा परिवार बेटे की कुशलता के लिए भगवान से प्रार्थना कर रहा है। गांव के लोगों का कहना है कि दिलीप बचपन से ही मेहनती और साहसी युवक रहा है और देश सेवा का जज़्बा लेकर ही उसने सीआरपीएफ की नौकरी ज्वाइन की थी।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी इस घटना पर दुख जताया है और प्रशासन से मांग की है कि घायल जवान का समुचित इलाज कराया जाए और परिवार को आवश्यक आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।
सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया
राज्य एवं केंद्र सरकारों द्वारा समय-समय पर नक्सल उन्मूलन के लिए अभियान चलाए जाते हैं। छत्तीसगढ़ में माओवाद प्रभावित इलाकों में सुरक्षाबलों की मौजूदगी और गश्त को तेज किया गया है, ताकि नक्सलियों की गतिविधियों को रोका जा सके। इसी क्रम में सघन तलाशी अभियान और हेलिकॉप्टर से निगरानी भी की जा रही है।
घायल जवान दिलीप कुमार पासवान की स्थिति पर सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस लगातार नजर बनाए हुए है। यदि आवश्यकता पड़ी तो उन्हें बेहतर इलाज के लिए रायपुर या अन्य उच्च स्तरीय चिकित्सा संस्थानों में स्थानांतरित किया जा सकता है।
प्रेशर बम विस्फोट की यह घटना एक बार फिर यह रेखांकित करती है कि नक्सली अभी भी सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ा खतरा बने हुए हैं। ऐसे में आवश्यकता है कि माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा रणनीति को और अधिक सुदृढ़ बनाया जाए और स्थानीय समुदाय को विश्वास में लेकर विकास कार्यों को आगे बढ़ाया जाए, ताकि नक्सलवाद की जड़ें कमजोर हो सकें।