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गंभीर आपराधिक मामलों के सफल निष्पादन पर भभुआ एसडीपीओ सहित 11 पुलिसकर्मियों को मिला सम्मान

Kaimur News

गंभीर आपराधिक मामलों के सफल निष्पादन पर भभुआ एसडीपीओ सहित 11 पुलिसकर्मियों को मिला सम्मान
संक्षिप्त :

कैमूर में गंभीर मामलों के सफल निष्पादन के लिए भभुआ एसडीपीओ शिव शंकर कुमार समेत 11 पुलिसकर्मियों को बिहार पुलिस वार्षिक पारितोषिक समारोह 2025 में सम्मानित किया गया। वाहन चोरी मामले में 7 स्कॉर्पियो की बरामदगी और 10 अपराधियों की गिरफ्तारी बड़ी उपलब्धि रही। डीआईजी ने पुलिस टीम की सराहना की।

Report By : Rupesh Kumar Dubey (News Era) || Date : 13 April 2025 ||

कैमूर: अपराधियों पर लगातार शिकंजा कसते हुए कैमूर पुलिस ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि कानून का डंडा कमजोर नहीं है और अगर पुलिस कर्मी निष्ठा, तकनीक और समन्वय के साथ कार्य करें, तो किसी भी जघन्य अपराध का खुलासा संभव है। हाल ही में कैमूर जिले के भभुआ अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) शिव शंकर कुमार के नेतृत्व में 11 पुलिस अधिकारियों और जवानों को उनकी सराहनीय कार्यशैली और गंभीर मामलों के सफल निष्पादन के लिए सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें बिहार पुलिस वार्षिक पारितोषिक समारोह 2025 के अवसर पर प्रदान किया गया।

यह समारोह शाहाबाद रेंज के पुलिस उप-महानिरीक्षक (डीआईजी) के कार्यालय कक्ष में आयोजित किया गया, जिसमें संबंधित पुलिसकर्मियों को प्रशस्ति पत्र और नकद पुरस्कार प्रदान किए गए। यह सम्मान न केवल उन अधिकारियों के मनोबल को बढ़ाने वाला है, बल्कि समूचे पुलिस महकमे के लिए प्रेरणास्रोत भी है।

चोरी की बड़ी वारदात का पर्दाफाश: 7 स्कॉर्पियो बरामद, 10 अपराधी गिरफ्तार

इस सम्मान समारोह का मुख्य आकर्षण कुदरा थाना क्षेत्र में वाहन चोरी के एक बहुचर्चित मामले का सफल निष्पादन था, जिसमें पुलिस ने अत्याधुनिक तकनीकों का प्रयोग करते हुए एक संगठित वाहन चोर गिरोह का भंडाफोड़ किया।

इस प्रकरण में पुलिस टीम ने सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल टावर डंप डेटा का बारीकी से विश्लेषण करते हुए अपराधियों के मूवमेंट को ट्रैक किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए कैमूर पुलिस ने रांची पुलिस से समन्वय स्थापित किया और संयुक्त कार्रवाई के तहत रांची, रोहतास और पटना जिलों से चोरी की गई 7 स्कॉर्पियो गाड़ियों को बरामद किया गया।

पुलिस की इस बड़ी सफलता में एक नहीं बल्कि 10 कुख्यात अपराधियों की गिरफ्तारी भी शामिल रही, जो लंबे समय से वाहन चोरी की घटनाओं में संलिप्त थे। इन अपराधियों के पकड़े जाने से जिले में चोरी की घटनाओं पर न केवल अंकुश लगा है, बल्कि आम जनमानस के बीच सुरक्षा की भावना भी प्रबल हुई है।

टेक्नोलॉजी और टीमवर्क की मिसाल

यह सफलता केवल पुलिस बल की तत्परता नहीं, बल्कि उनकी तकनीकी दक्षता और टीमवर्क का भी परिणाम है। अपराधियों के ठिकानों तक पहुंचने और उन्हें दबोचने के लिए पुलिस ने न केवल स्थानीय नेटवर्क का सहारा लिया, बल्कि साइबर सेल, तकनीकी विश्लेषण और इंटर-जिला समन्वय का बेहतरीन उदाहरण पेश किया।

एसडीपीओ शिव शंकर कुमार की निगरानी में गठित विशेष टीम ने जिस तरह से पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया, वह प्रशंसनीय है। इस कार्रवाई ने यह भी सिद्ध कर दिया कि आज की पुलिस केवल लाठी और हथकड़ी तक सीमित नहीं है, बल्कि डिजिटल युग की तकनीकों से लैस एक आधुनिक बल बन चुकी है।

अन्य मामलों में भी दिखाई कार्यकुशलता

सिर्फ वाहन चोरी ही नहीं, बल्कि कुदरा थाना क्षेत्र अंतर्गत अन्य गंभीर मामलों में भी पुलिस ने जिस तत्परता से कार्रवाई की, वह भी सम्मान का प्रमुख कारण बना। जिले में आपराधिक गतिविधियों पर नज़र रखते हुए कई ऐसे मामले थे जो लंबे समय से लंबित थे या जिनमें आरोपी फरार चल रहे थे। इन मामलों में त्वरित जांच, अपराधियों की पहचान, धरपकड़ और केस को न्यायालय तक पहुंचाने की दिशा में तेज़ी से काम हुआ।

सम्मानित होने वाले पुलिसकर्मियों की सूची

इस समारोह में भभुआ एसडीपीओ शिव शंकर कुमार के साथ-साथ जिन 10 अन्य पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया गया, वे सभी विभिन्न स्तरों पर कार्रवाई में सक्रिय रूप से शामिल थे। इनमें थाना प्रभारी, अनुसंधानकर्ता, तकनीकी सहायक और फील्ड में तैनात जवान शामिल हैं।

इन पुलिसकर्मियों की एकजुटता, समयबद्ध कार्यशैली और समर्पण ने यह सिद्ध कर दिया कि जब तक जमीनी स्तर पर मजबूत इच्छाशक्ति और नेतृत्व हो, तब तक कोई भी आपराधिक गिरोह ज्यादा देर तक कानून से बच नहीं सकता।

पुलिस उप-महानिरीक्षक ने की सराहना

समारोह में उपस्थित शाहाबाद रेंज के डीआईजी ने सम्मानित पुलिसकर्मियों की सराहना करते हुए कहा कि “कैमूर पुलिस ने जिस तरह से वाहन चोरी और अन्य गंभीर मामलों को सुलझाया है, वह पूरे राज्य के लिए एक उदाहरण है। तकनीक और मानव संसाधन के बेहतर उपयोग के साथ पुलिस ने यह साबित किया है कि कानून का राज स्थापित करने की दिशा में वे पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।”

डीआईजी ने यह भी कहा कि भविष्य में ऐसे ही कार्यों को बढ़ावा देने के लिए और अधिक संसाधनों की व्यवस्था की जाएगी, जिससे कि पुलिसकर्मी और भी बेहतर ढंग से अपने दायित्वों का निर्वहन कर सकें।

आम जनमानस में बढ़ा विश्वास

इस कार्रवाई और सम्मान समारोह का सकारात्मक प्रभाव आम जनता पर भी पड़ा है। लोगों का कहना है कि जब पुलिस बल को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सार्वजनिक मंचों पर सराहा जाता है, तो इससे जनता का भरोसा भी बढ़ता है। स्थानीय लोगों ने कैमूर पुलिस की प्रशंसा करते हुए कहा कि “ऐसी कार्रवाइयों से न केवल अपराधियों में भय पैदा होता है, बल्कि आम नागरिकों को यह भरोसा भी होता है कि वे सुरक्षित हैं।”

एक प्रेरणास्पद उपलब्धि

भभुआ एसडीपीओ और उनकी टीम द्वारा किए गए कार्य केवल एक मामला सुलझाने की उपलब्धि नहीं, बल्कि एक सशक्त, तकनीकी और जवाबदेह पुलिसिंग मॉडल का उदाहरण है। ऐसे प्रयास राज्य के अन्य जिलों के लिए प्रेरणा बन सकते हैं।

यह सम्मान केवल पदक और प्रशस्ति पत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक संदेश भी है—कि यदि नीयत साफ हो, नेतृत्व मजबूत हो और टीम संगठित हो, तो कोई भी अपराधी कानून के शिकंजे से नहीं बच सकता।

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