पटना में बिहार क्रिकेट संघ की मनमानी के खिलाफ पटना जिला क्रिकेट संघ का जोरदार प्रदर्शन, आईजी रजिस्ट्रेशन को सौंपा गया ज्ञापन

पटना में बिहार क्रिकेट संघ की मनमानी के खिलाफ पटना जिला क्रिकेट संघ का जोरदार प्रदर्शन, आईजी रजिस्ट्रेशन को सौंपा गया ज्ञापन
Report By: News Era
पटना, 21 अप्रैल 2025: बिहार क्रिकेट संघ (BCA) की कथित मनमानी और भ्रष्ट कार्यशैली के खिलाफ आज पटना जिला क्रिकेट संघ (PDCA) ने पटना के गर्दनीबाग, खगौल रोड पर एक जोरदार धरना-प्रदर्शन आयोजित किया। इस विरोध प्रदर्शन में जिले के कई प्रमुख क्रिकेट क्लबों के पदाधिकारी और खिलाड़ी बड़ी संख्या में शामिल हुए। प्रदर्शन का नेतृत्व संघ के अध्यक्ष प्रवीण कुमार प्रणवीर ने किया, जिन्होंने बिहार क्रिकेट संघ पर गंभीर आरोप लगाते हुए सरकार से जांच की मांग की।
प्रवीण कुमार प्रणवीर ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि, “हमारी प्रमुख मांग है कि पटना जिला क्रिकेट संघ के 9 जुलाई 2023 को सम्पन्न हुए चुनाव में निर्वाचित पदाधिकारियों को उनके अधिकार दिए जाएं और फर्जी तरीके से बनाई गई नकली पीडीसीए को तुरंत समाप्त किया जाए। बिहार क्रिकेट संघ को जिले के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप बंद करना होगा और खिलाड़ियों का चयन पूरी तरह से प्रतिभा के आधार पर होना चाहिए।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि BCA द्वारा बनाई गई नकली पीडीसीए को जबरन थोपने की कोशिश की जा रही है, जबकि अधिकांश मान्यता प्राप्त क्लब और मतदाता उनके खिलाफ हैं। उन्होंने मांग की कि बिहार सरकार इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराए और बिहार क्रिकेट संघ की गतिविधियों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई करे।
नकली पीडीसीए के खिलाफ खुला मोर्चा
संघ के सचिव सुनील कुमार उर्फ सुनील रोहित ने बताया कि लगभग 12 से 15 क्लब, जो नकली पीडीसीए का बहिष्कार कर रहे हैं, फिर भी उनके नाम पर फर्जी तरीके से मैच कराए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि “यह न केवल अनुचित है, बल्कि खिलाड़ियों के भविष्य से खिलवाड़ है। हमारे संघ के अध्यक्ष द्वारा संचालित विद्यार्थी एथलेटिक क्लब सहित कई अन्य क्लबों को उनकी जानकारी या अनुमति के बिना नकली पीडीसीए द्वारा मैच दे दिए गए हैं।”
सुनील रोहित ने जिन क्लबों का उल्लेख किया उनमें लाल बहादुर शास्त्री क्रिकेट क्लब, भंवर पोखर क्रिकेट क्लब, पायनियर क्रिकेट क्लब, वैशाली क्रिकेट क्लब, हरक्यूलिस सीसी, वाई ए सी सी मीठापुर, माल सलामी एकादश, वाई ए सी पटना सिटी, अनीसाबाद क्रिकेट क्लब, एनएमसीसी सहित अन्य प्रमुख क्लब शामिल हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से मांग की कि यह फर्जीवाड़ा तुरंत बंद किया जाए।
धरना में जुटे क्रिकेट के दिग्गज और क्लब पदाधिकारी
इस धरना-प्रदर्शन में पटना जिला क्रिकेट संघ के कोषाध्यक्ष सुनील पासवान, सहायक सचिव भोला पांडे, उपाध्यक्ष प्रेम बल्लभ सहाय, सहायक सचिव सुरेश मिश्रा सहित बड़ी संख्या में क्लब पदाधिकारी शामिल हुए। इनके साथ विभिन्न क्लबों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति इस बात का प्रतीक थी कि जिले के क्रिकेट समुदाय में BCA की कार्यशैली को लेकर गहरी नाराजगी है।
प्रमुख उपस्थित लोगों में लाल बहादुर शास्त्री क्रिकेट क्लब के सचिव ललन सहाय, ब्लू स्टार क्रिकेट क्लब के सचिव संजय कुमार सिंह, पायनियर क्रिकेट क्लब के सचिव दीपू, वैशाली क्रिकेट क्लब के अध्यक्ष दिलीप कुमार गुप्ता, एवरग्रीन क्रिकेट क्लब के अध्यक्ष रवि शंकर प्रसाद सिंह, अनीसाबाद क्रिकेट क्लब के अध्यक्ष प्रेम बल्लभ सहाय, भंवर पोखर क्रिकेट क्लब के सचिव आशीष कुमार, यूथ क्रिकेट क्लब के अध्यक्ष नवीन जमुवार, एनएमसीसी के सचिव विजय कुमार पांडे, हरक्यूलिस क्रिकेट क्लब के कबीर सान्याल, वाई ए सी सी मीठापुर के सचिव कमलेश मलिक, वाई ए सी पटना सिटी से कृष्ण गोपाल, बोरिंग रोड क्रिकेट क्लब के सचिव शक्ति सिंह, तथा अन्य क्लबों से जुड़े आलोक कुमार और अमित कुमार जैसे कई प्रमुख नाम शामिल रहे।
सरकार से जांच की मांग, ज्ञापन सौंपा गया
धरना के समापन के पश्चात प्रदर्शनकारियों ने एक ज्ञापन बिहार सरकार के आईजी रजिस्ट्रेशन कार्यालय को सौंपा, जिसमें बिहार क्रिकेट संघ की गतिविधियों की उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि सरकार समय रहते इस भ्रष्टाचार और मनमानी पर लगाम नहीं लगाती, तो राज्य में क्रिकेट का भविष्य अंधकारमय हो सकता है।
धरना-प्रदर्शन में उपस्थित सभी लोगों ने एकजुटता के साथ यह संदेश दिया कि वे खेल और खिलाड़ियों के अधिकारों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। उनका यह आंदोलन राज्य में क्रिकेट प्रशासन की पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।
राज्य सरकार की भूमिका पर उठे सवाल
धरना में शामिल कई क्रिकेट पदाधिकारियों ने इस बात पर चिंता जताई कि बिहार सरकार अब तक इस मामले में निष्क्रिय रही है। उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकार सचमुच खेलों के विकास को लेकर गंभीर है, तो उसे तुरंत हस्तक्षेप करते हुए निष्पक्ष जांच शुरू करनी चाहिए। यह केवल क्रिकेट से जुड़े हितधारकों की नहीं, बल्कि बिहार की युवा प्रतिभाओं की आवाज है।
आगे की रणनीति की तैयारी
संघ के नेताओं ने संकेत दिया कि यदि उनकी मांगें जल्द नहीं मानी गईं, तो आंदोलन को और बड़ा किया जाएगा। वे राज्यपाल और मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन सौंपने की तैयारी में हैं और जरूरत पड़ने पर न्यायालय का दरवाजा खटखटाने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
इस पूरे धरना-प्रदर्शन से यह स्पष्ट हो गया है कि पटना जिला क्रिकेट संघ और उससे जुड़े क्लबों में बिहार क्रिकेट संघ के कार्यप्रणाली को लेकर गहरा असंतोष है, और वे अब संगठित रूप से इस अन्याय के खिलाफ लड़ने को तैयार हैं।