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नेहा सिंह राठौर के खिलाफ देशद्रोह समेत कई धाराओं में F.R.I दर्ज

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नेहा सिंह राठौर के खिलाफ देशद्रोह समेत कई धाराओं में F.R.I

Report By : News Era || Date : 28 April 2025 ||

लखनऊ/नई दिल्ली — जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में हुए आतंकवादी हमले के बाद देशभर में रोष और दुख का माहौल है। इसी बीच लोकप्रिय लोक गायिका और सोशल मीडिया एक्टिविस्ट नेहा सिंह राठौर एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गई हैं। हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पार्टी की आईटी सेल पर टिप्पणी करने के चलते नेहा सिंह राठौर के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज थाने में गंभीर धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

नेहा पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 196(1)(ए) एवं (बी), 197(1)(ए), (बी), (सी) एवं (डी), 353(1)(सी), 353(2), 302, 152 और देशद्रोह (राजद्रोह) के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम, 2008 की धारा 69A के तहत मुकदमा कायम किया गया है।

एफआईआर में उनके खिलाफ देश के खिलाफ विद्वेष फैलाने, समाज में नफरत पैदा करने और सरकार की कार्यवाहियों में बाधा डालने के आरोप लगाए गए हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक मामला संवेदनशील होने के चलते इसकी जांच को तेज कर दिया गया है और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को भी एकत्र किया जा रहा है।


हमला और उसके बाद बढ़ा तनाव

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में सुरक्षाबलों के जवानों पर अचानक घात लगाकर हमला किया गया, जिसमें कई जवान घायल हो गए थे और कुछ की मौत की भी सूचना मिली थी। देशभर में इस हमले की कड़ी निंदा हुई।

ऐसे संवेदनशील माहौल में नेहा सिंह राठौर ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा आईटी सेल और उनकी नीतियों पर सवाल उठाए। उनका यह पोस्ट कुछ ही समय में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली।


क्या कहा नेहा सिंह राठौर ने?

सूत्रों के अनुसार, नेहा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर एक पोस्ट किया था जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार पर आतंकवाद रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया। साथ ही, भाजपा आईटी सेल को “प्रचार की मशीन” बताते हुए उन पर वास्तविक मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने का भी आरोप लगाया।

नेहा ने अपने पोस्ट में तंज भरे शब्दों का इस्तेमाल किया, जो कई लोगों को आपत्तिजनक लगे। कई भाजपा समर्थकों ने इसे “राष्ट्रविरोधी” और “देश के वीर जवानों का अपमान” बताया और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की।


एफआईआर में लगाए गए आरोप

एफआईआर में नेहा सिंह राठौर पर जिन धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, वे इस प्रकार हैं:

  • BNS धारा 196(1)(ए) और (बी): देश के खिलाफ असंतोष फैलाने का प्रयास।

  • धारा 197(1)(ए), (बी), (सी), (डी): सरकारी अधिकारी के कार्यों में बाधा डालना।

  • धारा 353(1)(सी) और 353(2): सरकार द्वारा नियुक्त किसी अधिकारी के कार्यों में अवरोध पैदा करना।

  • धारा 302: हत्या के लिए उकसाना (हालांकि इस पर कानूनी विशेषज्ञों द्वारा सवाल उठाए जा रहे हैं कि इस धारा का आवेदन किस संदर्भ में हुआ)।

  • धारा 152: सार्वजनिक शांति भंग करने की मंशा से कार्य करना।

  • देशद्रोह (राजद्रोह): सरकार के खिलाफ विद्रोह भड़काना।

  • आईटी अधिनियम धारा 69A: ऐसे कंटेंट को इंटरनेट से हटाने के निर्देशों की अवहेलना करना जो देश की संप्रभुता और अखंडता को प्रभावित कर सकते हैं।

पुलिस ने साफ किया है कि नेहा के खिलाफ मजबूत डिजिटल साक्ष्य इकट्ठा किए जा रहे हैं और अगर आवश्यकता पड़ी तो गिरफ्तारी की कार्रवाई भी की जा सकती है।


राजनीतिक प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद देश की राजनीति में भी हलचल मच गई है। भाजपा नेताओं ने नेहा सिंह राठौर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। भाजपा प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा कि,

“देश के जवानों का अपमान करने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होनी चाहिए। अभिव्यक्ति की आज़ादी का दुरुपयोग नहीं होने दिया जाएगा।”

वहीं विपक्षी दलों ने इस कार्रवाई को “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता” पर हमला बताते हुए सरकार की आलोचना की है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत अन्य विपक्षी नेताओं ने कहा कि

“जब कोई सरकार की नीतियों की आलोचना करता है, तो उस पर देशद्रोह का मुकदमा ठोंक देना लोकतंत्र का गला घोंटना है।”


नेहा सिंह राठौर की प्रतिक्रिया

नेहा सिंह राठौर ने एफआईआर दर्ज होने के बाद एक और वीडियो जारी किया है जिसमें उन्होंने कहा,

“मुझे सच बोलने से कोई रोक नहीं सकता। मैं देश के सैनिकों का सबसे अधिक सम्मान करती हूं। लेकिन अगर सरकारें नाकाम होती हैं तो सवाल पूछना हमारा अधिकार है।”

उन्होंने आगे कहा कि अगर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होती है तो वे इसका लोकतांत्रिक तरीके से मुकाबला करेंगी और अपने विचारों को मजबूती से रखेंगी।


कानूनी विशेषज्ञों की राय

कई कानूनी विशेषज्ञों ने भी इस एफआईआर पर सवाल उठाए हैं। वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने ट्वीट कर कहा,

“आलोचना और देशद्रोह के बीच फर्क समझना बहुत ज़रूरी है। अगर हर सवाल पूछने वाले पर देशद्रोह का मुकदमा कर दिया जाएगा, तो लोकतंत्र का कोई भविष्य नहीं रहेगा।”

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि आईटी अधिनियम की धारा 69A के तहत यदि सोशल मीडिया पोस्ट को समय पर हटाया नहीं गया हो, तो कार्रवाई हो सकती है, लेकिन अन्य धाराओं की वैधता अदालत में चुनौती दी जा सकती है।


आगे की कार्यवाही

पुलिस ने नेहा सिंह राठौर को जांच में सहयोग करने के लिए नोटिस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यदि वे सहयोग नहीं करती हैं तो गैर-जमानती धाराओं के तहत गिरफ्तारी भी हो सकती है। मामले को लेकर साइबर सेल भी सक्रिय हो गई है और पोस्ट से जुड़े सभी डिजिटल साक्ष्यों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।

नेहा सिंह राठौर के खिलाफ एफआईआर दर्ज होना न सिर्फ एक कानूनी मामला है, बल्कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनाम राष्ट्रहित की बहस को भी फिर से केंद्र में ले आया है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि अदालतें इस मामले में किस तरह का रुख अपनाती हैं और क्या नेहा सिंह राठौर के खिलाफ दर्ज धाराओं को कानूनी रूप से न्यायोचित ठहराया जा सकेगा या नहीं।

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