
साहित्य संगिनी मंच पर ‘मुद्दे पर चर्चा’ गोष्ठी आयोजित, सामयिक मुद्दों पर हुई गंभीर विमर्श
Report By: Aakash Kumar
साहित्य संगिनी मंच पर प्रत्येक रविवार को आयोजित होने वाले ‘रविवार विशेष’ कार्यक्रम के अंतर्गत आज दिनांक 27 अप्रैल 2025 को “मुद्दे पर चर्चा” नामक एक महत्वपूर्ण गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर देश के सामयिक मुद्दों पर गहन और विचारोत्तेजक संवाद हुआ, जिसमें कई प्रमुख साहित्यकारों और विचारकों ने अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई।
गोष्ठी की अध्यक्षता साहित्य संगिनी मंच के मुख्य सचिव श्री मुकेश नाथ ने की। मंच का संचालन भी उन्हीं के द्वारा अत्यंत कुशलता और प्रभावी ढंग से किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों के स्वागत से हुई और तत्पश्चात विषय प्रवर्तन किया गया, जिसका मुख्य केंद्र था — “भारत के सामयिक मुद्दे।”
इस गोष्ठी में विशिष्ट रूप से जिन साहित्यकारों और वक्ताओं ने भाग लिया, उनमें श्री हरी दत्त शर्मा, श्री नवीन शर्मा, श्री राजेंद्र कुमार सैनी, श्रीमती अनीता सोनकर, सुश्री पुष्पा साहू, श्री मुकुंद शर्मा, श्री मनीष मिश्रा और श्री मुकेश दुबे शामिल रहे। सभी वक्ताओं ने अपने विचारों को पूरी गंभीरता और निष्पक्षता के साथ प्रस्तुत किया।
पहलगाम आतंकी हमले की निंदा
कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। इस हमले में निर्दोष नागरिकों की जान चली गई, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। वक्ताओं ने इस घटना को अत्यंत निंदनीय बताया और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की।
श्री हरी दत्त शर्मा ने कहा,
“भारत अब वह नहीं रहा जो चुप बैठा रहे। पाकिस्तान को उसकी हरकतों का करारा जवाब दिया जाना चाहिए।”
श्री नवीन शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि,
“भारत को वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान की नापाक गतिविधियों को उजागर करना चाहिए और आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम उठाना चाहिए।”
सुश्री पुष्पा साहू ने अपने उद्बोधन में बल देते हुए कहा,
“देश की जनता को एकजुट रहकर आतंकी हमलों के खिलाफ मजबूत सामाजिक और मानसिक मोर्चा बनाना चाहिए।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों का समर्थन
गोष्ठी में लगभग सभी वक्ताओं ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना की। वक्ताओं ने माना कि प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शी नीतियों के चलते भारत ने वैश्विक पटल पर एक मजबूत छवि बनाई है और आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है।
श्रीमती अनीता सोनकर ने कहा,
“प्रधानमंत्री मोदी का विदेश नीति कौशल और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति उनका दृष्टिकोण देश को और अधिक सुरक्षित बना रहा है। हमें उनके निर्णयों का समर्थन करना चाहिए।”
श्री मुकुंद शर्मा ने अपने विचार साझा करते हुए कहा,
“मोदी सरकार की आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति ने भारत की स्थिति को मजबूत किया है।”
साहित्य संगिनी की विशेषता
गोष्ठी के दौरान साहित्य संगिनी मंच की संस्थापिका श्रीमती रजनी शर्मा ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि,
“मुझे गर्व है कि साहित्य संगिनी मंच के सदस्य न केवल साहित्य में निपुण हैं, बल्कि देश के समसामयिक राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर भी गहरी समझ रखते हैं।”
उन्होंने कहा कि मंच पर विचारों की इस गहन अभिव्यक्ति ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि साहित्यकारों की संवेदनशीलता देश के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
कार्यक्रम का समापन
कार्यक्रम के अंत में मुख्य सचिव श्री मुकेश नाथ ने सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि,
“आज की इस गोष्ठी ने हमें न केवल विचारशील बनाया है, बल्कि हमें देश के प्रति हमारी जिम्मेदारियों का भी भान कराया है।”
अपने संबोधन में उन्होंने जोर दिया कि ऐसे संवादात्मक कार्यक्रमों से न केवल रचनात्मकता बढ़ती है, बल्कि राष्ट्रीय मुद्दों पर जागरूकता भी फैलती है।
श्री नाथ ने सभी वक्ताओं, साहित्यकारों और श्रोताओं का अभिनंदन करते हुए कार्यक्रम के सफल आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त की और आशा जताई कि भविष्य में भी साहित्य संगिनी मंच इस प्रकार के सार्थक विमर्शों का आयोजन करता रहेगा।
गोष्ठी का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ, जिसमें सभी उपस्थितजनों ने श्रद्धापूर्वक भाग लिया।
‘मुद्दे पर चर्चा’ गोष्ठी न केवल एक साहित्यिक मंच पर गंभीर राजनीतिक विमर्श का उदाहरण बनी, बल्कि यह भी दिखाया कि साहित्यकार भी राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पहलगाम हमले की निंदा और एकजुटता का संदेश इस गोष्ठी का मुख्य स्वर रहा।