कैमूर में मुस्कान अभियान का असर: 36 खोए मोबाइल मालिकों को लौटे, एसपी हरिमोहन शुक्ला की मौजूदगी में हुई मोबाइल वापसी

कैमूर में मुस्कान अभियान का असर: 36 खोए मोबाइल मालिकों को लौटे, एसपी हरिमोहन शुक्ला की मौजूदगी में हुई मोबाइल वापसी
Report By: Rupesh Dubey
कैमूर, बिहार – जिले में बढ़ती मोबाइल चोरी की घटनाओं के बीच कैमूर पुलिस ने एक सकारात्मक और भरोसेमंद पहल की शुरुआत की है, जिसका नाम है “मुस्कान अभियान”। इस विशेष अभियान के तहत अब तक खोए हुए 36 मोबाइल फोन को बरामद कर उनके वास्तविक मालिकों को लौटा दिया गया है, जिससे उनके चेहरों पर एक बार फिर मुस्कान लौट आई है।
इस सराहनीय पहल के तहत जिले के एसपी हरिमोहन शुक्ला की मौजूदगी में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहां पुलिस ने इन मोबाइलों को उनके असली मालिकों को सौंपा। मोबाइल पाकर लोगों की आंखों में खुशी के आंसू झलक पड़े। कुछ ने तो यह तक कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि खोया हुआ फोन वापस मिलेगा।
लगातार बढ़ रही थी मोबाइल चोरी की घटनाएं
कैमूर एसपी हरिमोहन शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि भभुआ थाना क्षेत्र समेत जिले के विभिन्न हिस्सों से मोबाइल चोरी की घटनाएं लगातार सामने आ रही थीं। हर दिन थाना परिसर में मोबाइल गुमशुदगी या चोरी के मामले दर्ज किए जा रहे थे। जनता में इसको लेकर असंतोष और डर का माहौल बनने लगा था।
इसी समस्या को देखते हुए कैमूर पुलिस ने एक संगठित और तकनीकी रूप से सशक्त “मुस्कान अभियान” की शुरुआत की। इसका मुख्य उद्देश्य था—खोए हुए मोबाइलों को खोजकर उनके असली मालिकों तक पहुंचाना और जनता के बीच पुलिस के प्रति विश्वास बहाल करना।
तकनीक और टीमवर्क का अनोखा संगम
एसपी हरिमोहन शुक्ला ने बताया कि इस अभियान के तहत पुलिस की एक विशेष तकनीकी टीम बनाई गई, जिसमें साइबर सेल, आईटी एक्सपर्ट्स और तकनीकी अधिकारियों की मदद ली गई। मोबाइल IMEI नंबर के आधार पर सर्विलांस और ट्रैकिंग तकनीक का उपयोग किया गया। साथ ही, विभिन्न मोबाइल कंपनियों और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं से भी आवश्यक तकनीकी सहयोग लिया गया।
तीन सप्ताह की अथक मेहनत के बाद कैमूर पुलिस ने कुल 36 मोबाइल बरामद किए, जिनकी कीमत हजारों से लेकर कई मामलों में पचास हजार रुपये तक थी।
लोगों ने जताया कैमूर पुलिस का आभार
मोबाइल वापसी कार्यक्रम के दौरान वहां मौजूद कई मोबाइल मालिकों की आंखें नम हो गईं। किसी का फोन उसके काम का जरिया था, तो किसी के फोन में उसकी बच्चों की यादें कैद थीं। एक महिला ने बताया, “मेरे बेटे की बचपन की तस्वीरें सिर्फ उस फोन में थीं। मुझे लग रहा था सब कुछ चला गया, लेकिन कैमूर पुलिस ने मुझे मेरी भावनाएं लौटा दीं।”
वहीं एक कॉलेज छात्र ने बताया कि उसका स्मार्टफोन परीक्षा फॉर्म भरने और ऑनलाइन क्लास के लिए जरूरी था। चोरी के बाद वह मानसिक रूप से काफी परेशान था, लेकिन मुस्कान अभियान ने उसे राहत दी।
एसपी ने लोगों से की जागरूक रहने की अपील
कैमूर एसपी हरिमोहन शुक्ला ने इस मौके पर कहा, “हमारा उद्देश्य सिर्फ अपराध पर अंकुश लगाना नहीं, बल्कि आम जनता के बीच विश्वास पैदा करना है। जब कोई मोबाइल गुम होता है या चोरी होता है, तो हम समझते हैं कि वह व्यक्ति कितना असहाय महसूस करता है। मुस्कान अभियान उसी भरोसे को लौटाने का प्रयास है।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं जिले के लोगों से अपील करता हूं कि अगर आपके साथ या आपके आसपास कभी चोरी, लूट या अन्य कोई आपराधिक घटना होती है, तो उसे नजरअंदाज न करें। तुरंत पुलिस प्रशासन को सूचना दें। आपकी सूचना हमारे लिए अहम होती है।”
सोशल मीडिया पर भी मिल रही सराहना
कैमूर पुलिस की इस पहल को सोशल मीडिया पर भी काफी सार्थक प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। कई यूजर्स ने लिखा कि बिहार पुलिस की ऐसी कार्यशैली पूरे राज्य के लिए उदाहरण बन सकती है। लोगों का यह भी कहना है कि अगर सभी जिले इस तरह के प्रयास करें तो तकनीक के जरिये अपराध नियंत्रण संभव है।
आने वाले दिनों में जारी रहेगा मुस्कान अभियान
एसपी हरिमोहन शुक्ला ने यह भी स्पष्ट किया कि यह अभियान एक बार का प्रयास नहीं है। मुस्कान अभियान लगातार जारी रहेगा और हर हफ्ते बरामद मोबाइलों की पहचान कर उन्हें वास्तविक मालिकों को सौंपा जाएगा।
उन्होंने बताया कि मोबाइल चोरी के साथ-साथ लैपटॉप, बाइक और अन्य कीमती वस्तुओं की बरामदगी के लिए भी कैमूर पुलिस अब इसी तरह का डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम अपनाने जा रही है।
कैमूर पुलिस का “मुस्कान अभियान” न सिर्फ तकनीकी रूप से एक सशक्त पहल है, बल्कि यह जनता के विश्वास को फिर से मजबूत करने वाला कदम भी है। ऐसे समय में जब पुलिस और आम नागरिकों के बीच संवाद की खाई बढ़ती जा रही है, इस प्रकार के प्रयास उसे पाटने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
कैमूर पुलिस ने यह दिखा दिया है कि अगर संकल्प और तकनीक का सही तालमेल हो, तो हर खोई चीज वापस पाई जा सकती है – और सबसे बड़ी चीज है जनता का विश्वास, जिसे लौटाना ही सबसे बड़ी “मुस्कान” है।