शादी से पहले उठी तीन अर्थियां, बहन की डोली रह गई अधूरी
Hajipur News

शादी से पहले उठी तीन अर्थियां, बहन की डोली रह गई अधूरी
सारांश :
वैशाली में दिल दहला देने वाला हादसा हुआ, जहां शादी की तैयारियों में जुटे तीन भाइयों की एक ट्रक से कुचलकर मौत हो गई। तीनों दही लेने निकले थे। सोनू कुमार की बहन की सोमवार को शादी थी, लेकिन उसकी डोली से पहले भाइयों की अर्थी उठी। घटना से गांव में मातम पसरा है और शादी टाल दी गई है।
Report By ; Bipin Kumar (News Era) || Date : 05 May 2025 ||
वैशाली, बिहार — कहते हैं कि किस्मत कब करवट बदल ले, कोई नहीं जानता। कुछ ऐसा ही दर्दनाक मंजर देखने को मिला बिहार के वैशाली जिले के चांदपुरा गांव में, जहां एक बहन की डोली उठने से पहले उसके तीन भाइयों की अर्थी उठ गई। पूरे गांव की खुशियां कुछ ही मिनटों में मातम में तब्दील हो गईं। बहन के विवाह की तैयारियों में जुटे तीनों भाई जब शादी के भोज के लिए दही लेने निकले, तब उन्हें क्या पता था कि यह उनकी जिंदगी की आखिरी यात्रा होगी।
रविवार रात हाजीपुर-महनार मुख्य मार्ग पर एक बेकाबू ट्रक ने इन तीनों को रौंद दिया। मौके पर ही दो की मौत हो गई, जबकि तीसरे ने अस्पताल ले जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया। मृतकों की पहचान सोनू कुमार, राजीव कुमार और रंजन कुमार के रूप में हुई है। ये तीनों आपस में चचेरे भाई थे और चांदपुरा गांव के ही निवासी थे। सबसे बड़ा सोनू था, जिसकी बहन की सोमवार को शादी होनी थी।
शादी के तैयारी में जुटे लोग
शादी की तैयारी, मड़वा की रस्म और फिर मातम
गांव के बुजुर्गों और परिजनों के अनुसार, रविवार को घर में मड़वा की रस्म चल रही थी। हर कोना सजाया जा चुका था। बारात के स्वागत के लिए पकवान बन रहे थे, हलवाई दिन-रात मेहनत कर रहा था। लेकिन भोज के लिए जरूरी दही की कमी रह गई थी। सोनू अपने दो भाइयों के साथ बाइक से चकौसन बाजार दही लेने निकला। बाजार से दही लेकर तीनों लौट ही रहे थे कि चांदपुरा थाना से महज 200 मीटर पहले विपरीत दिशा से आ रहे तेज रफ्तार ट्रक ने उन्हें कुचल दिया।
रंजन राजीव सोनू
हादसा इतना भयानक था कि बाइक के परखच्चे उड़ गए। सोनू और राजीव की मौत घटनास्थल पर ही हो गई, जबकि रंजन को स्थानीय लोगों की मदद से हाजीपुर सदर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में उसने भी दम तोड़ दिया।
हादसे के बाद पिता की हालत
बेटों की लाशों के बीच टूटा बूढ़े पिता का हौसला
मृतक सोनू के पिता महेश भगत का रो-रोकर बुरा हाल है। उन्होंने कहा, “बुढ़ापे का सहारा चला गया। जो मेरी छांव बनता, वो पेड़ ही भगवान ने छीन लिया।” यह कहते-कहते उनकी आवाज भर्राने लगी और वे बेसुध हो गए। तीनों परिवारों में मातम पसरा हुआ है। जहां कल रात गीत-संगीत और सगाई की रस्म होनी थी, वहां अब रोने की आवाजें गूंज रही हैं। सोनू की बहन, जिसकी शादी के लिए ये सारी तैयारियां हो रही थीं, वह पूरी तरह टूट चुकी है।
हादसे के बाद माँ के साथ परिजन
गांव में पसरा सन्नाटा, रिश्तेदारों की भीड़ और अधूरी डोली
घटना के बाद पूरे चांदपुरा गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। गांववाले बताते हैं कि सोनू बहुत जिम्मेदार लड़का था, मेहनती और पूरे परिवार की रीढ़ था। उसके कंधों पर मां-बाप के साथ बहन की शादी का जिम्मा भी था। उसने खुद सारा प्रबंध किया था — मंडप, सजावट, बारातियों के ठहरने का इंतजाम, पकवान की व्यवस्था और रिश्तेदारों के आवास तक। लेकिन नियति ने ऐसी क्रूरता दिखाई कि बहन की डोली उठने से पहले तीन अर्थियां उठानी पड़ीं।
परिवारवालों ने बताया कि सोनू की बहन की शादी गांव के ही एक परिवार में तय हुई थी। बारात सोमवार की सुबह पहुंचनी थी। सुबह शादी की रस्में और रात में विदाई होनी थी। लेकिन अब सारा माहौल मातमी हो चुका है। शादी को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। लड़की पक्ष ने लड़के वालों से माफी मांगते हुए बताया कि इस परिस्थिति में शादी नहीं हो सकती।
थाना प्रभारी बोले – ट्रक चालक की तलाश जारी
चांदपुरा थाना प्रभारी अभिषेक कुमार वर्मा ने बताया कि हादसे की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। उन्होंने कहा, “हम मामले की जांच कर रहे हैं। ट्रक का नंबर नोट किया गया है। चालक मौके से फरार हो गया है। ट्रक मालिक और चालक की पहचान की जा रही है। दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी कैमरों की भी जांच शुरू कर दी है। चूंकि यह सड़क हाजीपुर से जुड़ती है, जो राज्य की मुख्य ट्रांसपोर्ट रूट है, इसलिए अक्सर यहां तेज रफ्तार वाहनों की आवाजाही होती रहती है। ग्रामीणों का कहना है कि इस सड़क पर स्पीड ब्रेकर की बेहद जरूरत है।
दही की एक हांडी ने बदल दी किस्मत
गांव की महिलाएं कहती हैं कि ये तीनों रोज किसी न किसी काम में परिवार की मदद करते थे। शादी का उत्सव हो या कोई पर्व, सबसे आगे रहते थे। किसे पता था कि एक हांडी दही लाने जा रहे इन भाइयों की जान इस तरह चली जाएगी। सोनू की मां ने कहा, “अगर दही का इंतजाम पहले हो गया होता, तो मेरे बेटे आज जिंदा होते।”
बेहद दर्दनाक दृश्य : एक साथ तीन भाइयों की अर्थी
दर्दनाक दृश्य: एक साथ तीन अर्थियां, एक साथ अंतिम संस्कार
सोमवार को जब तीनों शव गांव पहुंचे, तो दृश्य बेहद दर्दनाक था। हजारों की संख्या में ग्रामीण इकट्ठा हो गए। गांव की गलियों में सन्नाटा था, हर आंख नम थी। एक साथ तीन भाइयों की अर्थी को जब श्मशान ले जाया गया, तो कांधा देने के लिए दर्जनों लोग आगे आए। पूरे गांव में पहली बार ऐसा दृश्य देखा गया, जब एक ही परिवार से तीन अर्थियां उठीं और एक ही चिता पर एक साथ अंतिम संस्कार हुआ।
क्या कहता है प्रशासन?
वैशाली जिले के डीएम और एसपी को भी घटना की जानकारी दी गई है। स्थानीय प्रशासन ने पीड़ित परिवार को तत्काल राहत राशि देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री राहत कोष से मुआवजा दिए जाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी घटनास्थल का दौरा किया और पीड़ित परिवारों को सांत्वना दी। विधायक और मुखिया प्रतिनिधियों ने प्रशासन से मांग की है कि इस मार्ग पर स्पीड कंट्रोल के लिए ठोस व्यवस्था हो और दोषी चालक को शीघ्र गिरफ्तार कर सजा दी जाए।
सवालों के घेरे में ट्रैफिक व्यवस्था
यह हादसा एक बार फिर से बिहार की लचर ट्रैफिक व्यवस्था और हाईवे सुरक्षा के दावों की पोल खोलता है। ग्रामीण क्षेत्रों में, खासकर शादी-ब्याह के समय तेज रफ्तार ट्रकों और शराब के नशे में धुत चालकों के कारण अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं। क्या राज्य सरकार ऐसे मामलों से सबक लेगी? क्या भविष्य में कोई और बहन अपने भाई की अर्थी के साए में ब्याही नहीं जाएगी?
चांदपुरा गांव की यह घटना न सिर्फ एक परिवार की निजी त्रासदी है, बल्कि यह पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है कि हमारी लापरवाही किस हद तक लोगों की जिंदगियों को तबाह कर सकती है। इस घटना ने बता दिया कि एक छोटी-सी लापरवाही, एक तेज रफ्तार, और एक क्षणिक असावधानी किस तरह तीन जिंदगियों को लील सकती है और एक पूरे गांव को सदमे में डाल सकती है।