औरंगाबाद में पुलिस पर हमला, 10 आरोपी गिरफ्तार

औरंगाबाद में पुलिस पर हमला, 10 आरोपी गिरफ्तार
Report By : Chitranjan Kumar (News Era) || Date : 29 May 2025 ||
औरंगाबाद जिले में माली थाना क्षेत्र के चरण गांव में शनिवार देर शाम उस समय तनाव की स्थिति बन गई जब एक पुलिस पदाधिकारी और चौकीदार को ग्रामीणों ने शराब बेचने के आरोप में की गई कार्रवाई के बाद बंधक बना लिया और उनके साथ मारपीट की। इस घटना के बाद जिला पुलिस प्रशासन ने देर रात तक सघन छापेमारी की, जिसमें अब तक कुल 10 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। गिरफ्तार सभी अभियुक्तों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
कैसे हुआ पूरा घटनाक्रम?
घटना की शुरुआत माली थाना में पदस्थापित पुलिस पदाधिकारी सुमित चन्द्र के एक निजी कार्य से चरण बाजार जाने के दौरान हुई। वहीं उन्हें सूचना मिली कि स्थानीय निवासी धनंजय सोनी अवैध रूप से शराब बेच रहा है। सूचना की पुष्टि के लिए उन्होंने स्थानीय चौकीदार को साथ लिया और छानबीन के लिए चरण गांव पहुंचे।
जब पुलिस पदाधिकारी और चौकीदार ने छापेमारी शुरू की तो एक व्यक्ति शराब से भरा थैला लेकर भागने लगा। उसे दौड़ाकर पकड़ लिया गया, लेकिन उसी दौरान स्थानीय लोग बड़ी संख्या में इकट्ठा हो गए। गिरफ्तारी का विरोध करते हुए भीड़ उग्र हो गई, ईंट-पत्थर चलाए गए, गाली-गलौज की गई और फिर धनंजय सोनी को भीड़ छुड़ाकर ले गई। इसके बाद पुलिस पदाधिकारी और चौकीदार को गांव वालों ने बंधक बना लिया और मारपीट की।
पुलिस बल ने मौके पर पहुंचकर बचाई जान
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए माली थाना से अतिरिक्त पुलिस बल और 112 इमरजेंसी रिस्पांस टीम को तत्काल मौके पर भेजा गया। पुलिस की तत्परता से दोनों बंधकों को सुरक्षित मुक्त कराया गया। घटना के बाद पूरे क्षेत्र में तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई।
एफआईआर दर्ज, एसआईटी का गठन
घटना के तुरंत बाद माली थाना में नामजद अभियुक्तों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए औरंगाबाद के पुलिस अधीक्षक ने सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी संजय कुमार पांडेय के नेतृत्व में विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया।
SIT को घटना में शामिल सभी अभियुक्तों की शीघ्र गिरफ्तारी का निर्देश दिया गया।
गिरफ्तारी की सूची
SIT टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए शनिवार की रात चरण गांव और आसपास के इलाकों में लगातार छापेमारी अभियान चलाया। इस दौरान जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया, उनमें प्रमुख नाम हैं:
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जितेंद्र सोनी
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भरत साह
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कुंडल सेठ
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जामु सेठ
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रामप्रवेश सेठ
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रविशंकर प्रसाद
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मुन्ना कुमार
ये सभी आरोपी अपने-अपने घरों से गिरफ्तार किए गए। पूछताछ के दौरान इन सभी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया, जिसके बाद सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
3 और गिरफ्तारियां, कुल 10 की गिरफ्तारी
पुलिस सूत्रों ने बताया कि रविवार सुबह तक तीन और लोगों की गिरफ्तारी की गई, जिससे कुल गिरफ्तारी की संख्या 10 हो चुकी है। शेष फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है।
पुलिस पदाधिकारी और चौकीदार को मिला मेडिकल इलाज
घटना में घायल हुए पुलिस पदाधिकारी सुमित चन्द्र और चौकीदार को प्राथमिक उपचार के लिए सदर अस्पताल औरंगाबाद में भर्ती कराया गया था। दोनों की हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है।
पुलिस कप्तान ने क्या कहा?
पुलिस अधीक्षक ने घटना को “कानून व्यवस्था को चुनौती देने वाला गंभीर अपराध” बताया है। उन्होंने कहा,
“कोई भी व्यक्ति यदि पुलिस पर हमला करेगा या कानून के हाथों को रोकने की कोशिश करेगा, तो उसके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। अपराधियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।”
ग्रामीणों में तनाव, लेकिन हालात नियंत्रण में
घटना के बाद चरण गांव और आस-पास के क्षेत्रों में पुलिस की गश्ती बढ़ा दी गई है। हालांकि अभी क्षेत्र में सन्नाटा और तनाव का माहौल बना हुआ है, लेकिन पुलिस की सक्रियता से स्थिति नियंत्रण में है।
शराबबंदी कानून और प्रशासन की सख्ती
बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद गांवों और कस्बों में अवैध शराब बिक्री की घटनाएं आम होती जा रही हैं। इस मामले में भी एक पुलिस पदाधिकारी शराब तस्करी की सूचना मिलने पर कार्रवाई करने पहुंचे थे। लेकिन स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया प्रशासन की चुनौतियों को सामने लाती है।
सरकार द्वारा प्रतिबंधित शराब की बिक्री पर लगाम लगाने के लिए पुलिस और उत्पाद विभाग समय-समय पर कार्रवाई करते रहे हैं, लेकिन स्थानीय विरोध, राजनैतिक दबाव और सामाजिक सहभागिता की कमी के कारण ऐसी घटनाएं दोहराई जाती हैं।
चरण गांव की यह घटना यह दर्शाती है कि कानून के रखवालों को भी अपने कर्तव्यों के पालन में बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों द्वारा पुलिस पर हमला और बंधक बनाना एक निंदनीय और आपराधिक कृत्य है, जिसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
पुलिस की तेज और प्रभावी कार्रवाई से जहां अपराधियों में भय उत्पन्न हुआ है, वहीं कानून व्यवस्था के प्रति लोगों का भरोसा भी मजबूत हुआ है।