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कैमूर में डीएम सुनील कुमार की प्रशासनिक सख्ती

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कैमूर में डीएम सुनील कुमार की प्रशासनिक सख्ती: चैनपुर प्रखंड में औचक निरीक्षण, अनुपस्थित कर्मचारियों पर गिरी गाज

Report By : Rupesh kumar Dubey (News Era) || Date : 04 June 2025 ||

कैमूर जिले में नए जिलाधिकारी के रूप में सुनील कुमार के योगदान के महज दूसरे दिन ही प्रशासनिक मशीनरी में हलचल तेज हो गई है। कार्यभार ग्रहण करते ही उन्होंने जिस त्वरित सक्रियता का परिचय दिया है, उसने जिले के सरकारी दफ्तरों में शिथिलता से काम करने वाले कर्मचारियों की नींद उड़ा दी है। सोमवार को भारतमाला परियोजना के निरीक्षण से लौटते समय उन्होंने अचानक चैनपुर प्रखंड कार्यालय का निरीक्षण कर लिया। निरीक्षण के दौरान जो स्थिति सामने आई, वह न केवल चौंकाने वाली थी बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और जवाबदेही की खुली पोल भी खोलती है।

औचक निरीक्षण ने बढ़ाई हलचल

जिलाधिकारी सुनील कुमार जब बिना पूर्व सूचना के चैनपुर प्रखंड कार्यालय पहुंचे, तो वहां एकाएक अफरा-तफरी मच गई। ब्लॉक और अंचल कार्यालय में मौजूद सीमित संख्या के कर्मचारी एक-दूसरे को खबर करने में लग गए, लेकिन डीएम पहले ही परिसर में प्रवेश कर चुके थे। अधिकारियों और कर्मियों को यह बिल्कुल भी अंदेशा नहीं था कि डीएम स्वयं निरीक्षण पर पहुंच सकते हैं।

निरीक्षण के दौरान सबसे पहले जिलाधिकारी ने प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) के कक्ष का निरीक्षण किया, लेकिन BDO कार्यालय में अनुपस्थित पाए गए। इसके बाद जिलाधिकारी ने क्रमवार सभी कार्यालयों के हाजिरी रजिस्टर मंगवाए और मौके पर ही कर्मचारियों की उपस्थिति की जांच शुरू कर दी।


अनुपस्थित कर्मचारियों की लंबी सूची

निरीक्षण के दौरान यह सामने आया कि कई विभागों के कर्मचारी कार्यालय में उपस्थित ही नहीं थे। जिलाधिकारी ने इसे अत्यंत गंभीरता से लिया और वहां मौजूद अनुमंडल पदाधिकारी, भभुआ सदर को तत्काल कार्रवाई का निर्देश दिया।

निरीक्षण में निम्नलिखित कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए:

  • प्रखंड विकास पदाधिकारी कार्यालय – 7 कर्मी अनुपस्थित

  • अंचल अधिकारी कार्यालय – 7 कर्मी अनुपस्थित

  • मनरेगा (प्रोग्राम ऑफिसर) कार्यालय – 5 कर्मी अनुपस्थित

  • सीडीपीओ (बाल विकास परियोजना कार्यालय) – 4 कर्मी अनुपस्थित

इस प्रकार कुल 23 कर्मचारी बिना सूचना के ड्यूटी से गायब थे, जो एक गंभीर लापरवाही का संकेत है।


कार्रवाई के निर्देश: हाजिरी और वेतन पर कटौती

जिलाधिकारी ने अनुमंडल पदाधिकारी को निर्देशित किया कि सभी अनुपस्थित कर्मचारियों की एक दिन की हाजिरी तत्काल काटी जाए और उनका एक दिन का वेतन रोक दिया जाए। साथ ही, संबंधित कर्मचारियों से कारण-पृच्छा (शोकॉज नोटिस) जारी कर जवाब तलब करने का निर्देश दिया गया।

अनुमंडल पदाधिकारी ने जिलाधिकारी के निर्देशों का त्वरित पालन करते हुए सभी अनुपस्थित कर्मियों की हाजिरी तत्काल काट दी और संबंधित विभागों को वेतन कटौती व कारण बताओ नोटिस जारी करने की प्रक्रिया में लगा दिया।


जिलाधिकारी का सख्त संदेश: “समय का पालन अनिवार्य”

निरीक्षण के बाद प्रेस से बातचीत में जिलाधिकारी सुनील कुमार ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि—

“मैं स्वयं समय का कड़ाई से पालन करता हूँ और यही उम्मीद करता हूँ कि जिले से लेकर पंचायत स्तर तक सभी अधिकारी और कर्मचारी समय से कार्यालय पहुंचें। जनता के कार्यों में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”

उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालयों में अनुशासन और उत्तरदायित्व की भावना स्थापित करना उनकी प्राथमिकता है। अधिकारी जनता की सेवा के लिए हैं, न कि आरामगाह के लिए।


प्रशासनिक संदेश: अब लापरवाही नहीं चलेगी

जिलाधिकारी की यह पहल न केवल एक तत्कालिक अनुशासनात्मक कार्रवाई है, बल्कि एक बड़े संदेश के रूप में भी देखी जा रही है। लंबे समय से जिले के विभिन्न प्रखंडों और अंचलों में समय पर कार्यालय न खुलने, कर्मचारियों की मनमानी और बिना सूचना के गैरहाजिरी की शिकायतें मिलती रही हैं। सुनील कुमार का यह कदम स्पष्ट करता है कि अब ऐसी लापरवाहियों पर लगाम कसी जाएगी।

उनके इस औचक निरीक्षण के बाद अन्य प्रखंडों और अंचलों में भी हलचल शुरू हो गई है। कई कर्मचारी अपने कार्यालय समय से पहले पहुंचने लगे हैं, जबकि विभागीय प्रमुखों में भी चर्चा है कि कब किस दफ्तर का निरीक्षण हो जाए, कोई कह नहीं सकता।


जनता की प्रतिक्रिया: उम्मीद की नई किरण

स्थानीय जनता ने जिलाधिकारी की इस कार्यशैली का स्वागत किया है। चैनपुर निवासी रामकुमार यादव कहते हैं—

“पहली बार लग रहा है कि कोई डीएम जनता के हित में सख्ती दिखा रहा है। सरकारी कार्यालयों में समय पर काम हो, ये बहुत जरूरी है।”

वहीं, महिला समूह की प्रतिनिधि संगीता देवी का कहना है—

“मनरेगा में तो महीनों से आवेदन लंबित पड़े हैं। अगर इसी तरह कार्रवाई होती रही तो सुधार जरूर होगा।”


प्रभाव: अन्य विभागों में भी दिखने लगी सक्रियता

जिलाधिकारी के इस निरीक्षण के बाद कैमूर जिले के अन्य प्रखंडों, जैसे भगवानपुर, अघौरा, रामगढ़ और दुर्गावती में भी कर्मचारी समय से कार्यालय पहुंचने लगे हैं। कई प्रखंड कार्यालयों में अधिकारियों ने स्वयं हाजिरी रजिस्टर की निगरानी शुरू कर दी है।

प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, जिलाधिकारी ने आने वाले दिनों में हर सप्ताह औचक निरीक्षण की योजना बनाई है, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, राजस्व और कृषि विभाग भी शामिल होंगे।


सुनील कुमार का नेतृत्व सख्त लेकिन संवेदनशील

कैमूर के नए जिलाधिकारी सुनील कुमार ने कार्यभार ग्रहण करते ही यह स्पष्ट कर दिया है कि वह एक “no-nonsense administrator” हैं। उनकी प्राथमिकताएं स्पष्ट हैं — प्रशासनिक अनुशासन, समय पालन, और जनहित के कार्यों में तेजी।

उनकी यह कार्यशैली एक तरफ जहां अनुशासनहीन कर्मचारियों के लिए चेतावनी है, वहीं दूसरी ओर यह जनता के लिए आशा की किरण भी है कि अब उनके कामों में देरी नहीं होगी।

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