शादी के 15 दिन बाद मौत का मातम: औरंगाबाद में नवविवाहित युवक की सड़क हादसे में दर्दनाक मौत, ससुराल से ससुराल तक पसरा मातम
औरंगाबाद न्यूज़

शादी के 15 दिन बाद मौत का मातम: औरंगाबाद में नवविवाहित युवक की सड़क हादसे में दर्दनाक मौत, ससुराल से ससुराल तक पसरा मातम
संक्षिप्त न्यूज़ :
औरंगाबाद में शादी के महज 15 दिन बाद एक नवविवाहित युवक की सड़क हादसे में मौत हो गई। सोन पुल के पास तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने बाइक सवार संदीप कुमार को टक्कर मार दी। इलाज से पहले ही उसकी मौत हो गई। पत्नी के हाथों की मेहंदी भी नहीं सूखी थी कि सुहाग उजड़ गया।
हाईलाइट न्यूज़:
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औरंगाबाद में नवविवाहित युवक की सड़क हादसे में दर्दनाक मौत।
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शादी के सिर्फ 15 दिन बाद उजड़ा पत्नी का सुहाग।
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सोन पुल के पास अज्ञात वाहन ने बाइक सवार को कुचला।
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इलाज से पहले ही संदीप कुमार को डॉक्टरों ने मृत घोषित किया।
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परिजनों ने मुआवजे की मांग की, गांव और ससुराल में मातम पसरा।
Report By : Chitranjan Kumar (News Era) || Date : 07 June 2025 ||
औरंगाबाद (बिहार)।
जिंदगी की सबसे बड़ी खुशी के महज पंद्रह दिन बाद ही एक नवविवाहित युवक की मौत ने पूरे परिवार को गम के समंदर में डुबो दिया। हाथों की मेहंदी भी नहीं उतरी थी कि पत्नी के मांग का सिंदूर उजड़ गया। यह हृदय विदारक हादसा औरंगाबाद जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 19 पर स्थित सोन पुल के पास शुक्रवार की देर रात घटित हुआ, जहां एक तेज रफ्तार और अनियंत्रित अज्ञात वाहन की चपेट में आकर 22 वर्षीय युवक संदीप कुमार की मौत हो गई।
शोकाकुल परिजन
मृतक की पहचान और पारिवारिक पृष्ठभूमि
मृतक संदीप कुमार, बारुण थाना क्षेत्र के धमनी गोला गांव के रहने वाले थे और लोहड़ी चौधरी के छोटे पुत्र थे। परिवार का सबसे छोटा बेटा संदीप अपनी मेहनत और जीवटता से परिवार की उम्मीदों का केंद्र बना हुआ था। वह गोवा में रहकर एक निजी कंपनी में नौकरी करता था और हाल ही में छुट्टियों पर घर आया हुआ था। संदीप की शादी मात्र 15 दिन पहले ही जहानाबाद जिले के कन्हैया बिगहा गांव में धूमधाम से हुई थी।
घटना का विवरण
शुक्रवार की शाम संदीप किसी आवश्यक कार्यवश अपनी बाइक से रोहतास जिले के डेहरी-ऑन-सोन गया था। काम निपटाने के बाद वह देर रात घर लौट रहा था, तभी सोन नदी के पुल के पास तेज गति से आ रही एक अनियंत्रित अज्ञात वाहन ने उसकी बाइक को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि संदीप सड़क पर गिर पड़ा और गंभीर रूप से घायल हो गया।
स्थानीय लोगों और NHAI की तत्परता
घटना के तुरंत बाद आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचित किया। वहीं, सूचना पर एनएचएआई की टीम मौके पर पहुंची और घायल संदीप को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बारुण ले जाया गया। हालांकि, डॉक्टरों ने जाँच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।
परिजनों का बुरा हाल
जब परिजन अस्पताल पहुंचे और बेटे के मृत शरीर को देखा, तो कोहराम मच गया। मां बेसुध हो गई और पिता शव से लिपटकर फूट-फूट कर रोने लगे। संदीप की पत्नी, जिसने अभी विवाह की खुशियों को महसूस करना भी शुरू नहीं किया था, उसका सुहाग मात्र पंद्रह दिनों में उजड़ गया। गांव की महिलाएं भी यह दृश्य देखकर खुद को रोक नहीं पाईं और रोने लगीं।
शादी की खुशियों से मातम तक का सफर
परिजनों ने बताया कि संदीप की शादी पूरे रीति-रिवाज के साथ धूमधाम से की गई थी। पत्नी के हाथों की मेहंदी भी अभी पूरी तरह से नहीं उतरी थी कि यह हृदय विदारक हादसा हो गया। न तो किसी को यकीन हो रहा था और न ही कोई समझ पा रहा था कि यह सब इतनी जल्दी कैसे हो गया।
पुलिस की कार्रवाई
बारुण थानाध्यक्ष राम इकबाल यादव ने बताया कि सूचना मिलने पर पुलिस टीम अस्पताल पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल औरंगाबाद भेजा गया। पोस्टमार्टम के बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सौंप दिया गया। साथ ही पुलिस ने बताया कि दुर्घटना करने वाले अज्ञात वाहन की पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं। परिजनों द्वारा लिखित आवेदन मिलने के बाद आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
गांव और ससुराल में मातम का माहौल
धमनी गोला गांव और ससुराल कन्हैया बिगहा दोनों जगहों पर गमगीन माहौल है। गांव वालों ने बताया कि संदीप बेहद मिलनसार और मेहनती लड़का था, जिसने परिवार को एक नई उम्मीद दी थी। गांव के युवाओं में भी इस घटना को लेकर भारी दुख है। वहीं ससुराल में भी हर कोई स्तब्ध है।
आपदा राहत मुआवजे की मांग
परिजनों ने जिला प्रशासन से आपदा राहत के अंतर्गत उचित मुआवजे की मांग की है। उनका कहना है कि परिवार की आर्थिक स्थिति सामान्य है और संदीप ही एकमात्र कमाने वाला था। अब उसकी मौत के बाद परिवार पर आर्थिक संकट भी मंडराने लगा है।
मां की गोद से उठकर अर्थी पर सवार हुआ बेटा
इस घटना ने उस कहावत को फिर से सच कर दिया कि ‘मां-बाप के सामने संतान की अर्थी न उठे’। गांव में शव के आते ही शोक की लहर दौड़ पड़ी। घर की महिलाओं की चीत्कार दूर-दूर तक सुनाई दे रही थी। संदीप की मां का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। उन्होंने बार-बार यही कहा, “मेरा बेटा तो अभी ब्याह कर लाया था, भगवान ने इतना भी समय नहीं दिया कि वह बहू की खुशियों को देख पाता।”
समाज के लिए एक संदेश
यह घटना सड़क सुरक्षा के प्रति हमारी लापरवाही और तेज रफ्तार वाहनों की अनियंत्रित चाल का एक और दर्दनाक उदाहरण है। जिस युवक ने अभी जीवन की शुरुआत ही की थी, उसे एक अज्ञात वाहन ने काल का ग्रास बना लिया। यह समाज के लिए एक चेतावनी है कि यातायात नियमों और सुरक्षा उपायों को नज़रअंदाज करना हमें कितनी बड़ी कीमत पर पड़ सकता है।
संदीप की असमय मौत ने न केवल उसके परिवार को, बल्कि पूरे गांव और रिश्तेदारों को गहरे शोक में डाल दिया है। एक हंसता-खेलता नवविवाहित जोड़ा, कुछ ही दिनों में जीवन की असली परीक्षा में आ गया। पत्नी की आंखों से बहते आंसू, माता-पिता की टूटती सांसें और गांव में पसरा सन्नाटा, यह सब उस हादसे की गंभीरता को बयां करता है जो आज किसी और के साथ हुआ है, लेकिन कल किसी और के दरवाजे पर दस्तक दे सकता है।