पालीगंज के बिक्रम में दो युवकों की गोली मारकर हत्या: अपाचे बाइक के पास खून से लथपथ मिले शव, इलाके में दहशत
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पालीगंज के बिक्रम में दो युवकों की गोली मारकर हत्या: अपाचे बाइक के पास खून से लथपथ मिले शव, इलाके में दहशत
बिहार की राजधानी पटना के पालीगंज अनुमंडल अंतर्गत बिक्रम थाना क्षेत्र से मंगलवार की सुबह एक सनसनीखेज घटना सामने आई है। मझौली सिंघाड़ा मार्ग पर सड़क किनारे दो युवकों के शव खून से लथपथ हालत में बरामद हुए हैं। घटनास्थल से पुलिस को एक काले-लाल रंग की अपाचे बाइक और 9 से 10 खाली कारतूस भी मिले हैं। यह स्पष्ट संकेत है कि दोनों युवकों की बेरहमी से गोली मारकर हत्या की गई है। इस दोहरे हत्याकांड के बाद इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ है।
खाली कारतूस
सुबह की सैर पर निकले ग्रामीणों को दिखा खौफनाक मंजर
सुबह लगभग 5:30 बजे आसपास के ग्रामीण जब रोजाना की तरह टहलने निकले, तो उन्होंने मझौली सिंघाड़ा रोड के पास खून से लथपथ दो युवकों की लाश देखी। पहले तो किसी को यकीन नहीं हुआ कि यह लाशें हैं, लेकिन जब पास जाकर देखा तो दोनों के सिर और सीने पर गोली लगने के स्पष्ट निशान नजर आए। ग्रामीणों ने तत्काल घटना की जानकारी स्थानीय पुलिस को दी। कुछ ही देर में बिक्रम थाना प्रभारी विनोद कुमार दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू की।
इकठा ग्रामीण
हत्या रात में किए जाने की आशंका, पुलिस जुटी तहकीकात में
पुलिस को घटनास्थल से मिले सुरागों से प्रथम दृष्टया यह प्रतीत होता है कि दोनों युवकों की हत्या बीती रात ही कर दी गई थी। मौके से 9 से 10 खाली कारतूस मिलने से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि हमलावरों ने दोनों को बेहद करीब से निशाना बनाकर कई राउंड फायरिंग की। शवों की स्थिति देख पुलिस का मानना है कि युवकों की मौके पर ही मौत हो गई थी।
जाँच में जुटी पुलिस
थानाध्यक्ष विनोद कुमार ने बताया कि मृतकों की पहचान अभी तक नहीं हो सकी है। उनके पास से ऐसा कोई दस्तावेज नहीं मिला है जिससे उनकी शिनाख्त हो सके। अपाचे बाइक भी बिना नंबर प्लेट की है, जिससे पहचान की प्रक्रिया और जटिल हो गई है।
एफएसएल टीम को बुलाया गया, जांच के लिए जुटाए जा रहे हैं वैज्ञानिक प्रमाण
बिक्रम पुलिस ने तत्काल पटना से एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) की टीम को मौके पर बुला लिया है ताकि घटनास्थल से वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्र किए जा सकें। फॉरेंसिक विशेषज्ञों द्वारा खून के नमूने, कारतूस के खोल, बाइक की स्थिति और अन्य सबूतों की बारीकी से जांच की जा रही है। पुलिस को उम्मीद है कि वैज्ञानिक जांच से अपराधियों तक पहुंचने में मदद मिलेगी।
घटना स्थल पर बाइक
हत्या के पीछे आपसी रंजिश या आपराधिक साजिश की आशंका
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह मामला व्यक्तिगत दुश्मनी या किसी गिरोह के बीच आपसी विवाद का हो सकता है। जिस तरह से दोनों युवकों को बेहद करीब से गोली मारी गई है, वह पेशेवर अपराधियों की संलिप्तता की ओर इशारा करता है। साथ ही यह भी आशंका है कि किसी ने जानबूझकर सुनसान स्थान को चुनकर इस हत्याकांड को अंजाम दिया ताकि कोई प्रत्यक्षदर्शी न हो।
स्थानीय लोग दहशत में, सुरक्षा को लेकर उठे सवाल
इस दोहरे हत्याकांड के बाद बिक्रम और आसपास के गांवों में दहशत फैल गई है। स्थानीय लोग भयभीत हैं और पुलिस गश्ती व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर पुलिस की नियमित गश्ती होती तो शायद अपराधी इतनी आसानी से वारदात को अंजाम नहीं दे पाते। खासकर मझौली सिंघाड़ा रोड को रात के समय पूरी तरह असुरक्षित माना जाता है।
राजनीतिक हलकों में हलचल, कानून व्यवस्था पर उठे सवाल
घटना की जानकारी मिलते ही आसपास के जनप्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे। जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए दोषियों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की। कुछ स्थानीय नेताओं ने कहा कि अगर इस तरह से सरेआम हत्या होती रहेगी और पुलिस अज्ञात शवों की पहचान भी न कर पाएगी, तो आम नागरिकों की सुरक्षा की क्या गारंटी है?
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया
बिक्रम के एसडीपीओ ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि पूरे मामले की जांच गंभीरता से की जा रही है। उन्होंने बताया कि पुलिस तकनीकी साक्ष्यों के साथ-साथ आसपास के सीसीटीवी फुटेज की भी जांच कर रही है। इलाके के मोबाइल टावर लोकेशन का विश्लेषण कर यह जानने की कोशिश की जा रही है कि हत्या के समय वहां किन लोगों की मौजूदगी रही।
साइबर सेल और क्राइम ब्रांच की भी ली जा रही है मदद
मामले की गंभीरता को देखते हुए पटना पुलिस की साइबर सेल और क्राइम ब्रांच को भी जांच में शामिल कर लिया गया है। साइबर सेल के माध्यम से मृतकों के मोबाइल की लोकेशन और कॉल डिटेल्स की जांच की जा रही है। साथ ही बाइक की जांच के लिए आरटीओ से भी जानकारी मांगी गई है ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह बाइक चोरी की है या मृतकों की ही थी।
शवों की पहचान होते ही खुल सकते हैं राज
फिलहाल पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती शवों की पहचान करना है। पुलिस का मानना है कि जैसे ही मृतकों की पहचान होगी, हत्या की गुत्थी सुलझाने में मदद मिलेगी। इसके लिए आसपास के सभी थानों में गुमशुदगी की रिपोर्ट खंगाली जा रही है। पुलिस आसपास के गांवों में मृतकों की फोटो दिखाकर लोगों से पूछताछ कर रही है।
जनता से पुलिस की अपील
पटना पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि अगर किसी को इन युवकों के बारे में कोई जानकारी हो, या उन्होंने सोमवार की रात संदिग्ध गतिविधियां देखी हों, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। पुलिस ने यह भी आश्वासन दिया है कि सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।
बिक्रम में हुए इस दोहरे हत्याकांड ने न सिर्फ इलाके में दहशत फैला दी है, बल्कि पटना की कानून व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जब तक मृतकों की पहचान नहीं होती, तब तक यह केस एक रहस्य बना रहेगा। पुलिस को उम्मीद है कि फॉरेंसिक और तकनीकी जांच से जल्द ही इस मामले में बड़ी सफलता मिलेगी और अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया जा सकेगा।