दमोह जिले के गांव पटना मानगढ़ को नशामुक्त बनाने के लिए उठी आवाज
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दमोह जिले के ग्राम पटना मानगढ़ में अवैध शराब के खिलाफ पंचायत का सख्त निर्णय — गांव को नशामुक्त बनाने के लिए उठी आवाज
Report By : दमोह, मध्य प्रदेश स्टेट ब्यूरो चीफ – महेन्द्र सिंह, न्यूज़ इरा
दमोह जिले के नोहटा थाना क्षेत्र के ग्राम पटना मानगढ़ में पिछले कई महीनों से अवैध शराब के कारोबार ने ग्रामीणों की नींद उड़ा रखी थी। गांव के युवाओं और परिवारों पर इस बढ़ते नशे के कारोबार का नकारात्मक प्रभाव साफ दिखाई दे रहा था। गांव के जिम्मेदार नागरिकों, पंच-सरपंच और सचिवों ने इस स्थिति को गंभीरता से लिया और इसके खिलाफ एकजुट होकर आवाज बुलंद की।
रविवार को पटना ग्राम पंचायत भवन में सरपंच और सचिव के नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में गांव के कई प्रमुख जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, ग्रामीण महिलाओं और युवाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य था — गांव में अवैध शराब के बढ़ते कारोबार को रोकना और गांव को नशामुक्त बनाने के लिए ठोस रणनीति बनाना।
पंचायत का सर्वसम्मत निर्णय
बैठक के दौरान विस्तार से चर्चा की गई कि किस प्रकार से अवैध शराब का कारोबार गांव में फैल रहा है। कई महिलाओं ने भी अपनी आपबीती सुनाई कि किस प्रकार शराब के कारण घरों में कलह बढ़ रही है, युवा पीढ़ी का भविष्य अंधकारमय हो रहा है और गांव का सामाजिक ताना-बाना बिगड़ रहा है।
बैठक के अंत में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि अब गांव में किसी भी हालत में अवैध शराब नहीं बेची जाएगी। अगर कोई व्यक्ति इस कार्य में लिप्त पाया जाता है, तो उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जाएगी और कानूनी कार्रवाई करवाई जाएगी। पंचायत ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि इस निर्णय का उल्लंघन करने वालों को सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ेगा।
युवा गोलू राय ने लिया नशामुक्ति का संकल्प
बैठक के दौरान गांव के युवा गोलू राय, पिता भारत राय, ने सार्वजनिक मंच से यह संकल्प लिया कि वे स्वयं कभी शराब नहीं बेचेंगे और गांव में नशामुक्ति अभियान को सफल बनाने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। गोलू राय के इस संकल्प का उपस्थित सभी ग्रामीणों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ स्वागत किया।
चौकी प्रभारी को सौंपा ज्ञापन
बैठक के तुरंत बाद पंचायत के प्रतिनिधिमंडल ने गांव के अन्य नागरिकों के साथ मिलकर चौकी बनवार का रुख किया। वहां चौकी प्रभारी को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें स्पष्ट रूप से अवैध शराब कारोबारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई। ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि यदि प्रशासन समय रहते सख्त कदम नहीं उठाता है तो गांव के लोग बड़ा आंदोलन करेंगे।
चौकी प्रभारी ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि उनकी शिकायत को गंभीरता से लिया जाएगा और अवैध शराब कारोबार के खिलाफ जल्द ही सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस की ओर से गांव में नियमित गश्त बढ़ाई जाएगी ताकि कोई भी अवांछित गतिविधि न हो सके।
महिलाओं ने भी उठाई आवाज
बैठक में बड़ी संख्या में गांव की महिलाएं भी उपस्थित थीं। उन्होंने कहा कि शराब के कारण घरों में झगड़े, घरेलू हिंसा और आर्थिक तंगी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। अगर गांव को वास्तव में सुख-शांति का स्थान बनाना है तो सबसे पहले शराब को गांव से पूरी तरह खत्म करना होगा।
एक महिला ने कहा, “हम अपने बच्चों का भविष्य उज्ज्वल देखना चाहते हैं। इसके लिए जरूरी है कि नशे की इस बीमारी से गांव को मुक्त किया जाए।”
समाज के जागरूक नागरिकों की पहल
पंचायत की इस पहल में गांव के बड़े-बुजुर्गों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का भी पूरा समर्थन मिल रहा है। सभी का मानना है कि अगर गांव स्तर से इस प्रकार की जागरूकता और प्रयास होंगे, तो धीरे-धीरे बड़े स्तर पर भी सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे।
पुलिस-प्रशासन पर उम्मीद
अब गांव वालों की नजर पुलिस-प्रशासन पर टिकी हुई है। लोग देखना चाहते हैं कि प्रशासन इस दिशा में कितनी तेजी और सख्ती से कदम उठाता है। ग्रामीणों को भरोसा है कि अगर पुलिस और पंचायत मिलकर काम करें तो गांव को नशामुक्त बनाना मुश्किल नहीं है।
ग्राम पटना मानगढ़ में अवैध शराब के खिलाफ यह पहली बार नहीं है जब आवाज उठाई गई हो, लेकिन इस बार सरपंच, सचिव, युवा और महिलाएं एकजुट होकर संगठित तरीके से इस मुद्दे के खिलाफ खड़े हुए हैं। यह एक सकारात्मक संकेत है कि समाज जागरूक हो रहा है और अपने भविष्य को बचाने के लिए तैयार है।
अब आवश्यकता इस बात की है कि पुलिस-प्रशासन इस अभियान में सक्रिय सहयोग दे ताकि गांव के लोग नशे के जाल से मुक्त होकर एक स्वस्थ और सकारात्मक समाज की दिशा में आगे बढ़ सकें।