अवधेश सिंह हत्याकांड के गवाह अंजनी सिंह की हत्या
पटना क्राइम न्यूज़

अवधेश सिंह हत्याकांड के गवाह अंजनी सिंह की हत्या: गवाही देने से रोकने के लिए कर दी गई हत्या, तीन आरोपी नामजद, पुलिस छापेमारी में जुटी
सारांश :
पटना के गौरीचक में पांच साल पुराने अवधेश सिंह हत्याकांड के मुख्य गवाह अंजनी सिंह (45) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। तीन आरोपी नामजद। परिजनों का आरोप— गवाही रोकने के लिए धमकियां दी जा रही थीं। पुलिस छापेमारी में जुटी। इलाके में दहशत, परिवार ने सुरक्षा की मांग की।
हाईलाइट्स:
1️⃣ गौरीचक के हैंडेल गांव में गवाह अंजनी सिंह की गोली मारकर हत्या।
2️⃣ पांच साल पुराने अवधेश सिंह हत्याकांड में थे मुख्य गवाह।
3️⃣ तीन आरोपी नामजद—शशि भूषण सिंह, बृजभूषण सिंह, गौरव भारती।
4️⃣ परिवार का आरोप—गवाही रोकने के लिए मिल रही थीं धमकियां।
5️⃣ पुलिस छापेमारी जारी, इलाके में दहशत का माहौल।
Report By : Bipin Kumar (News Era) || Date : 23 June 2025 ||
पटना जिले के गौरीचक थाना क्षेत्र के हैंडेल गांव में एक बार फिर अपराध ने इंसाफ की राह में खून का स्याह रंग घोल दिया। पांच साल पुराने चर्चित अवधेश सिंह हत्याकांड के मुख्य गवाह रहे 45 वर्षीय अंजनी सिंह की सोमवार देर शाम गोली मारकर हत्या कर दी गई। जिस चाचा के लिए वे अदालत में गवाही देने जा रहे थे, उन्हीं के कातिलों ने गवाह को मौत के घाट उतार दिया। इस वारदात के बाद इलाके में दहशत का माहौल है और परिजन पुलिस सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।
पाँच साल पुरानी रंजिश बनी वजह
जानकारी के अनुसार, पाँच साल पहले जमीन विवाद को लेकर हैंडेल गांव के रहने वाले अवधेश सिंह की हत्या कर दी गई थी। उस मामले में गांव के ही शशि भूषण सिंह, बृजभूषण सिंह, गौरव भारती, मंजू देवी और रूपा देवी के नाम एफआईआर में दर्ज थे। इस हत्याकांड में अंजनी सिंह प्रमुख गवाह थे और उन्होंने एक बार अदालत में गवाही दी थी। दूसरी गवाही अभी बाकी थी।
परिजनों का कहना है कि इसी गवाही को रुकवाने के लिए लगातार धमकियां दी जा रही थीं। यहां तक कि जेल में बंद मुख्य आरोपी शशि भूषण सिंह की ओर से भी दबाव बनाया जाता रहा।
हत्या की पूरी वारदात
परिजनों और पुलिस सूत्रों के अनुसार, सोमवार की शाम करीब साढ़े सात बजे अंजनी सिंह अपने खेत से लौट रहे थे। इसी दौरान पहले से घात लगाए बैठे हमलावरों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। गोली लगते ही अंजनी सिंह मौके पर गिर पड़े। गांववालों ने आनन-फानन में उन्हें नजदीकी अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
घटना की जानकारी मिलते ही गौरीचक थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए पीएमसीएच भेज दिया गया।
नामजद किए गए तीन आरोपी
मृतक के भाई सुमन कुमार ने गौरीचक थाना में लिखित शिकायत दी है। इसमें उन्होंने शशि भूषण सिंह, बृजभूषण सिंह और गौरव भारती को हत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
एफआईआर के अनुसार, इन तीनों आरोपियों ने पहले ही धमकी दे रखी थी कि अगर गवाही दी तो अंजाम भुगतना पड़ेगा। जेल में रहते हुए भी शशि भूषण सिंह द्वारा मोबाइल के जरिए धमकी दी जाती थी। वहीं बृजभूषण सिंह और गौरव भारती अब जेल से जमानत पर बाहर आ चुके हैं।
गवाही रोकने की साजिश का आरोप
मृतक के परिवार वालों का साफ आरोप है कि हत्या पूरी तरह से गवाही रोकने की साजिश थी। चाचा अवधेश सिंह की हत्या का केस पटना सिविल कोर्ट में चल रहा है। अंजनी सिंह ने एक बार गवाही दी थी और अगली तारीख पर फिर से बयान दर्ज कराना था। इसी से घबराकर आरोपियों ने साजिश रची और हत्या कर दी।
परिवार की हालत बदतर, सुरक्षा की मांग
परिवार पर अब एक बार फिर से डर और मातम का साया छा गया है। अंजनी सिंह के अपने संतान नहीं थी। वे अपने बड़े भाई मनोज कुमार के 15 वर्षीय बेटे राहुल कुमार को पुत्रवत मानते थे। राहुल ने ही उनका अंतिम संस्कार किया।
परिजनों का कहना है कि अब पूरे परिवार को जान का खतरा है। उन्हें पुलिस सुरक्षा दी जाए ताकि कोर्ट में न्याय की लड़ाई जारी रख सकें।
पुलिस का क्या कहना है
एसडीपीओ सत्काम ने बताया कि हत्या के मामले में तीन नामजद आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस की टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं। उन्होंने दावा किया कि जल्द ही हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
एसडीपीओ ने यह भी माना कि पुरानी रंजिश और कोर्ट में गवाही को लेकर धमकी दिए जाने के पहलू की भी गहराई से जांच की जा रही है। पुलिस सभी तकनीकी साक्ष्यों को खंगाल रही है।
इलाके में दहशत, कानून-व्यवस्था पर सवाल
इस घटना के बाद से गांव में तनाव और दहशत का माहौल है। लोग अब कोर्ट में गवाही देने से कतराने लगे हैं। एक तरफ अपराधियों के हौसले बुलंद हैं तो दूसरी ओर गवाहों की सुरक्षा सवालों के घेरे में है।
स्थानीय ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने इस मामले को लेकर पुलिस प्रशासन से त्वरित कार्रवाई और पीड़ित परिवार को सुरक्षा देने की मांग की है।
गौरीचक के हैंडेल गांव में अंजनी सिंह की हत्या ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि गवाहों की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत नहीं है। जब तक कोर्ट में गवाही देने वाले गवाह सुरक्षित नहीं होंगे, तब तक न्यायिक प्रक्रिया के जरिए पीड़ितों को इंसाफ दिलाना मुश्किल रहेगा।
अब देखने वाली बात यह होगी कि पुलिस प्रशासन इस सनसनीखेज हत्याकांड में जल्द से जल्द आरोपियों को पकड़कर कठोर कार्रवाई करता है या नहीं।