News Erapatna Newsदेशपटना न्यूज़बिहार न्यूज़राजनीति

सिवान में राजपूतों की नृशंस हत्या से बिहार आक्रोशित : न्याय मंच

Bihar News

“सिवान में राजपूतों की नृशंस हत्या से बिहार आक्रोशित: न्याय मंच ने प्रशासन को ठहराया जिम्मेदार”

सारांश : 

सिवान के मलमलिया चौक पर राजपूत समाज के तीन लोगों की तलवार से नृशंस हत्या पर न्याय मंच के संस्थापक पवन राठौर ने प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि एक दिन पहले FIR के बावजूद सुरक्षा नहीं मिली। दोषियों की गिरफ्तारी और सख्त सजा की मांग की गई है।

हाईलाइट न्यूज़ :

  • सिवान के मलमलिया चौक पर राजपूत समाज के तीन लोगों की तलवार से हत्या।

  • पीड़ित पक्ष ने घटना से एक दिन पहले ही दर्ज कराई थी प्राथमिकी।

  • न्याय मंच के पवन राठौर ने प्रशासन को ठहराया जिम्मेदार।

  • दोषियों की अविलंब गिरफ्तारी और कड़ी सजा की मांग।

  • पटना में व्यवसायी हत्या पर भी पवन राठौर ने जताई चिंता।

Report By : Bipin Kumar (News Era) || Date : 05 July 2025 ||
बिहार के सिवान जिले से आई नृशंस हत्या की खबर ने पूरे राज्य में आक्रोश फैला दिया है। बीते शुक्रवार रात सिवान के भगवानपुर थाना क्षेत्र के मलमलिया चौक पर एक दर्दनाक और सुनियोजित घटना में राजपूत समाज से संबंधित तीन लोगों की तलवारों से काटकर बेरहमी से हत्या कर दी गई, जबकि दो अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हैं और जिंदगी-मौत की लड़ाई लड़ रहे हैं। वहीं, दो अन्य लोग अभी तक लापता हैं।

इस वीभत्स घटना को लेकर न्याय मंच, बिहार के संस्थापक पवन राठौर ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर प्रशासन और राज्य सरकार पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यह घटना जातिगत दुर्भावना से प्रेरित एक सुनियोजित नरसंहार है, जिसे रोका जा सकता था।

“जाति विशेष के गुंडों ने की नृशंस हत्या” – पवन राठौर

पवन राठौर ने बताया कि यह हमला किसी सामान्य झगड़े का परिणाम नहीं था, बल्कि एक खास जाति विशेष के अपराधियों द्वारा जानबूझकर, पूरी तैयारी के साथ अंजाम दी गई साजिश थी।
उन्होंने कहा कि हत्या का शिकार हुए लोग एक दिन पहले ही उन्हीं लोगों के खिलाफ थाने में प्राथमिकी दर्ज करा चुके थे। लेकिन हैरानी की बात है कि पुलिस ने कोई सख्त कदम नहीं उठाया, न ही किसी को गिरफ्तार किया।

“अगर प्रशासन पहले ही सजग होता, तो इस वीभत्स त्रासदी को रोका जा सकता था। यह प्रशासनिक लापरवाही की पराकाष्ठा है,”
– पवन राठौर, संस्थापक – न्याय मंच।

राजपूत समाज में आक्रोश, न्याय मंच की तीखी प्रतिक्रिया

न्याय मंच ने इस घटना को ‘सामाजिक विद्वेष फैलाने वाली साजिश’ करार देते हुए कहा कि

“यह हमला सिर्फ तीन लोगों की हत्या नहीं, बल्कि पूरे राजपूत समाज के आत्मसम्मान और सुरक्षा पर हमला है।”

घटना के बाद पूरे सिवान समेत राज्य के कई हिस्सों में राजपूत समुदाय के लोगों में भारी नाराजगी देखी जा रही है। न्याय मंच ने साफ किया है कि अगर इस मामले में तत्काल कार्रवाई नहीं होती, तो राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ा जाएगा।

प्रशासनिक विफलता पर उठे सवाल

पवन राठौर ने अपने बयान में कहा कि

“स्थानीय प्रशासन को जब पहले से इन लोगों के खिलाफ शिकायत मिल चुकी थी, तब आखिर रोकथाम के क्या उपाय किए गए?
क्यों नहीं उन अपराधियों को समय रहते गिरफ्तार किया गया?”

उनका मानना है कि इस तरह की घटनाएं प्रशासनिक निष्क्रियता के कारण ही हो रही हैं, जिससे अपराधियों के हौसले बुलंद हैं।

न्याय मंच की मांगें

न्याय मंच ने बिहार सरकार और पुलिस प्रशासन से निम्नलिखित तीन प्रमुख मांगें रखी हैं:

  1. सभी आरोपितों की अविलंब गिरफ्तारी हो।

  2. घायलों का समुचित इलाज एवं सुरक्षा की गारंटी दी जाए।

  3. इस तरह की जातिगत हमलों को रोकने के लिए एक विशेष निगरानी दल का गठन किया जाए।

“हत्या से उपजा सामाजिक तनाव खतरनाक संकेत”

पवन राठौर ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने इस घटना को न्यायोचित और निष्पक्ष तरीके से नहीं सुलझाया, तो इससे बिहार में जातीय संघर्ष और सामाजिक विघटन का खतरा बढ़ सकता है।

उन्होंने कहा,

“हम कानून के दायरे में रहकर न्याय की लड़ाई लड़ेंगे, लेकिन अगर सरकार ने पीड़ित पक्ष को न्याय नहीं दिया, तो जनआक्रोश को रोक पाना कठिन होगा।”

पटना में भी अपराध बेलगाम

प्रेस विज्ञप्ति में पवन राठौर ने राजधानी पटना में हुए उद्योगपति गोपाल खेमका हत्याकांड का जिक्र करते हुए कहा कि

“पटना में प्रशासन के नाक के नीचे एक व्यवसायी की गोली मारकर हत्या कर दी जाती है। इससे साफ है कि राज्य में कानून का डर खत्म हो चुका है।”

उन्होंने यह भी जोड़ा कि व्यवसायी वर्ग असुरक्षित महसूस कर रहा है, जो कि बिहार की आर्थिक सेहत के लिए एक खतरनाक संकेत है।

जनसंपर्क और मीडिया से अपील

पवन राठौर ने बिहार के सभी नागरिक संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों से अपील की कि वे इस न्याय अभियान में निष्पक्षता और मानवाधिकारों के लिए आवाज़ उठाएं।
उन्होंने कहा,

“जब निर्दोष नागरिकों को जातिगत हिंसा का शिकार बनाया जा रहा हो, तब चुप रहना भी अपराध है। न्याय मंच हर पीड़ित के साथ खड़ा है।”

सिवान में हुई यह जातिगत नृशंस हत्या न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि समाज में किस तरह सामूहिक असुरक्षा का माहौल बन रहा है।
राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन पर अब तीव्र दबाव है कि वह शीघ्र और ठोस कार्रवाई करे।

न्याय मंच का स्पष्ट संदेश है—
“हम न्याय के लिए लड़ेंगे, संविधान के दायरे में रहकर… लेकिन चुप नहीं बैठेंगे!”

संपर्क:

पवन राठौर, संस्थापक – न्याय मंच, बिहार
📱 मोबाइल: 9631609251

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!