भभुआ: नुआँव थाना क्षेत्र के महरो गांव में सड़क हादसे में जयप्रकाश यादव की मौत

भभुआ: नुआँव थाना क्षेत्र के महरो गांव में सड़क हादसे में जयप्रकाश यादव की मौत, ज़िला परिषद सदस्य लल्लू पटेल ने जताया शोक, मुआवज़े की मांग
|| न्यूज़ एरा संवाददाता: रुपेश दुबे || भभुआ, कैमूर ||
कैमूर जिले के नुआँव थाना अंतर्गत महरो गांव में मंगलवार देर शाम एक दर्दनाक सड़क हादसे में 47 वर्षीय जयप्रकाश यादव की मौत हो गई। जयप्रकाश यादव, पिता रामजी यादव, खेत से कृषि कार्य कर घर लौट रहे थे, तभी एक अनियंत्रित मोटरसाइकिल ने उन्हें पीछे से जोरदार टक्कर मार दी। हादसे के बाद घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोगों की मदद से घायल जयप्रकाश को तत्काल प्राथमिक उपचार के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें भभुआ सदर अस्पताल रेफर किया गया। दुर्भाग्यवश, भभुआ सदर अस्पताल में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
घटना की सूचना मिलते ही ज़िला परिषद सदस्य विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल रात में ही भभुआ सदर अस्पताल पहुंचे और मृतक के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया। उन्होंने कहा कि
“जयप्रकाश यादव बहुत ही मेहनती और ईमानदार किसान थे। खेत में दिनभर मेहनत कर अपने परिवार की जीविका चला रहे थे। उनकी अचानक इस तरह से मौत पूरे गांव के लिए एक अपूरणीय क्षति है। इस दुःख की घड़ी में मैं पीड़ित परिवार के साथ खड़ा हूं।”
घटनाक्रम का विवरण
मंगलवार की देर शाम जयप्रकाश यादव खेत से घर लौट रहे थे। रास्ते में एक तेज़ रफ्तार और अनियंत्रित बाइक सवार ने उन्हें पीछे से टक्कर मार दी। टक्कर इतनी ज़बरदस्त थी कि जयप्रकाश यादव सिर के बल गिर पड़े और गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के तुरंत बाद ग्रामीणों ने उन्हें बेहोशी की हालत में उठाया और नुआँव अस्पताल पहुंचाया। वहां प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने उन्हें सदर अस्पताल भभुआ भेज दिया, लेकिन रास्ते में ही उनकी हालत और बिगड़ गई। अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
भभुआ पुलिस की कार्रवाई
भभुआ पुलिस को जैसे ही इस दुर्घटना की सूचना मिली, उन्होंने तत्काल सदर अस्पताल पहुंचकर शव का पंचनामा किया। पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी कराई जा रही है। थाना प्रभारी ने बताया कि मोटरसाइकिल सवार की पहचान की जा रही है और इस मामले में जल्द ही उचित कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस ने बताया कि हादसे के समय बाइक सवार काफी तेज गति में था और नियंत्रण खो बैठा, जिससे यह दुर्घटना हुई। ग्रामीणों के अनुसार, इस इलाके में सड़कें संकरी हैं और शाम होते ही रोशनी की व्यवस्था न होने के कारण दुर्घटनाएं बढ़ती जा रही हैं।
ज़िला परिषद सदस्य ने की मुआवज़े की मांग
ज़िला परिषद सदस्य लल्लू पटेल ने राज्य सरकार से मृतक जयप्रकाश यादव के परिवार को आर्थिक सहायता और मुआवज़ा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि
“जयप्रकाश यादव का परिवार पूरी तरह उन पर आश्रित था। सरकार को चाहिए कि अविलंब मुआवज़ा की घोषणा करे ताकि परिवार को इस संकट की घड़ी में कुछ सहारा मिल सके।”
उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे मामलों में संबंधित विभागों को सक्रियता दिखानी चाहिए और सड़क सुरक्षा उपायों पर विशेष ध्यान देना चाहिए, जिससे भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके।
गांव में छाया मातम
घटना की जानकारी जब महरो गांव में पहुंची, तो पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। गांव के लोग बड़ी संख्या में भभुआ सदर अस्पताल पहुंचे और परिजनों को सांत्वना दी। जयप्रकाश यादव की असमय मृत्यु से हर कोई स्तब्ध है। वे गांव के एक कर्मठ किसान के रूप में जाने जाते थे और सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रहते थे।
गांव के वरिष्ठ नागरिक श्यामनारायण यादव ने बताया कि
“जयप्रकाश यादव एक शांत स्वभाव के व्यक्ति थे, जो हमेशा गांव और समाज के लिए खड़े रहते थे। उनकी कमी कभी पूरी नहीं हो सकती।”
परिवार का विलाप
जयप्रकाश यादव के घर में कोहराम मचा है। उनकी पत्नी, बच्चे और परिजन सदमे में हैं। पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है, वहीं बच्चे बार-बार पिता को पुकारते दिखे। परिजनों का कहना है कि वे अब आर्थिक रूप से बेहद असहाय हो गए हैं और सरकार से सहायता की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
परिवार के एक सदस्य ने बताया कि
“जयप्रकाश जी घर के एकमात्र कमाऊ सदस्य थे। अब हम सब बेसहारा हो गए हैं। बच्चों की पढ़ाई और घर चलाना मुश्किल हो जाएगा। सरकार से निवेदन है कि वह जल्द सहायता दे।”
ग्रामीणों ने उठाई सड़क सुरक्षा की मांग
घटना के बाद ग्रामीणों ने प्रशासन से क्षेत्र में सड़क सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि महरो गांव के रास्तों पर स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था नहीं है, साथ ही सड़कें भी जर्जर हैं। स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि इस दिशा में गंभीरता से कार्रवाई करे।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने जताया दुख
घटना की सूचना मिलते ही कई स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी शोक जताया। पंचायत समिति सदस्य, मुखिया प्रतिनिधि, वार्ड सदस्य और अन्य गणमान्य लोगों ने मृतक के घर पहुंचकर शोक संवेदना प्रकट की और परिवार को ढांढस बंधाया।
पूर्व मुखिया रंजीत यादव ने कहा कि
“इस प्रकार की घटनाएं हमारे समाज के लिए चेतावनी हैं कि हमें सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए।”
जयप्रकाश यादव की मौत एक सामान्य सड़क हादसा नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और सड़क सुरक्षा के प्रति उपेक्षा का परिणाम है। एक मेहनतकश किसान जो दिनभर खेत में पसीना बहाता था, उसकी असमय मृत्यु ने एक परिवार को उजाड़ दिया। अब जरूरत है कि सरकार तत्परता से पीड़ित परिवार को मुआवज़ा प्रदान करे और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए सड़क सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू किया जाए।