औरंगाबाद, बिहार: करंट लगने से सिपाही की मौत – घर आया था छुट्टी में, सफाई के दौरान हुआ हादसा

औरंगाबाद, बिहार: करंट लगने से सिपाही की मौत – घर आया था छुट्टी में, सफाई के दौरान हुआ हादसा
रिपोर्ट: चितरंजन कुमार |
औरंगाबाद जिले से एक दर्दनाक हादसे की खबर सामने आई है, जहां छुट्टी में घर आए बिहार पुलिस के एक सिपाही की करंट लगने से मौत हो गई। यह घटना सलैया थाना क्षेत्र के जोगड़ी गांव की है, जहाँ घर की सफाई के दौरान संजय कुमार नामक सिपाही बिजली के करंट की चपेट में आ गया। संजय मोतिहारी में बीएमपी (बिहार मिलिट्री पुलिस) में पदस्थापित थे और शनिवार को ही अपने गांव छुट्टी में लौटे थे। लेकिन छुट्टी की यह वापसी उनके लिए आखिरी साबित हुई।
🔹 कैसे हुआ हादसा?
परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार, संजय कुमार शनिवार को जैसे ही घर लौटे, उन्होंने सबसे पहले घर की स्थिति देखी और सफाई का काम शुरू कर दिया। रविवार की सुबह वे इनवर्टर को कपड़े से पोंछ रहे थे, उसी दौरान अचानक करंट की चपेट में आ गए। झटका इतना तेज़ था कि वे मौके पर ही बेहोश होकर गिर पड़े।
परिजन जब तक कुछ समझ पाते, तब तक संजय की हालत गंभीर हो चुकी थी। घरवालों ने बिना देर किए उन्हें मदनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें सदर अस्पताल औरंगाबाद रेफर कर दिया गया।
🔹 अस्पताल में मौत की पुष्टि
औरंगाबाद सदर अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने संजय कुमार की जांच की, लेकिन नस टटोलते ही उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। डॉक्टरों ने स्पष्ट रूप से बताया कि करंट का झटका इतना तेज़ था कि संजय की मौके पर ही मौत हो चुकी थी। अस्पताल परिसर में जैसे ही यह खबर फैली, संजय के परिजनों में कोहराम मच गया।
🔹 पुलिस की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलने के बाद सलैया थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मृतक के शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सौंप दिया गया।
पुलिस के अनुसार, यह स्पष्ट रूप से एक दुर्घटना है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत का कारण करंट लगना ही सामने आया है।
🔹 कौन थे संजय कुमार?
संजय कुमार बिहार पुलिस में 2017 में बीएमपी के जवान के रूप में नियुक्त हुए थे। वे इस समय मोतिहारी में कार्यरत थे। परिजनों के अनुसार, संजय एक जिम्मेदार और सरल स्वभाव के इंसान थे। उनकी पहचान गांव में एक अनुशासित और मिलनसार व्यक्ति के रूप में थी।
उनकी शादी वर्ष 2010 में रेणु देवी से हुई थी। संजय के दो बेटे हैं। उनका पूरा परिवार उनके भरोसे पर था। संजय ही घर के इकलौते कमाने वाले सदस्य थे। ऐसे में उनकी आकस्मिक मृत्यु ने पूरे परिवार को अंधकार में ढकेल दिया है।
🔹 गांव में मातम, पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल
संजय कुमार की मौत की खबर जैसे ही गांव में फैली, पूरे जोगड़ी गांव में मातम पसर गया। अंतिम संस्कार में भारी भीड़ उमड़ी।
पत्नी रेणु देवी, जो अपने पति की सलामती की दुआ कर रही थीं, उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा था कि उनका सुहाग इस तरह अचानक उजड़ जाएगा।
बेटों की हालत भी बेहद दयनीय है—एक मासूमियत से सबकुछ देख रहा है, तो दूसरा बार-बार अपने पिता को पुकार रहा है।
गांव के बुजुर्गों और ग्रामीणों ने इस घटना को बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद बताया। उनका कहना है कि संजय जैसे ज़िम्मेदार जवान की इस तरह असामयिक मौत ने सबको अंदर से झकझोर दिया है।
🔹 अधिकारियों और सहयोगियों की संवेदना
घटना के बाद मोतिहारी से उनके कई सहयोगियों और अधिकारियों ने फोन पर संवेदना जताई। पुलिस विभाग के कई साथी भी औरंगाबाद पहुंचे और अंतिम यात्रा में शामिल हुए।
बिहार पुलिस बल की ओर से भी शोक व्यक्त करते हुए कहा गया है कि “संजय एक समर्पित और कर्तव्यनिष्ठ जवान थे। उनके असमय निधन से विभाग को गहरा दुख पहुंचा है।”
🔹 परिवार के सामने आर्थिक संकट
संजय की मौत ने न सिर्फ परिवार को भावनात्मक रूप से तोड़ा है, बल्कि आर्थिक संकट भी खड़ा कर दिया है। अब दो छोटे बेटों और पत्नी की जिम्मेदारी उनके बिना कैसे चलेगी, यह सबसे बड़ा सवाल है।
परिजनों और ग्रामीणों ने सरकार से मुआवजा और सहायता की मांग की है ताकि इस परिवार को सहारा मिल सके।
🔹 बिजली सुरक्षा को लेकर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर से बिजली उपकरणों की सुरक्षा और सावधानी को लेकर सवाल खड़ा कर दिया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि गीले हाथों से या बिना सुरक्षा उपकरणों के इलेक्ट्रॉनिक सामानों की सफाई या मरम्मत करना बेहद खतरनाक हो सकता है।
ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सेफ्टी प्रोटोकॉल को अपनाना ज़रूरी है।