
भोजपुरी फिल्म “बेटी बनल विजेता” की शूटिंग सीवान में जारी: बिहार में फिल्म उद्योग को संजीवनी देने की नई पहल
रिपोर्ट निर्मल कुमार शशि || News Era ||
बिहार की धरती ने न केवल इतिहास, साहित्य और राजनीति के क्षेत्र में अनगिनत महान विभूतियों को जन्म दिया है, बल्कि कला और संस्कृति के क्षेत्र में भी इसकी अपनी विशिष्ट पहचान रही है। खासकर भोजपुरी सिनेमा ने बिहार और उत्तर प्रदेश के ग्रामीण जनमानस में एक अलग स्थान बनाया है। लेकिन बीते कुछ वर्षों में यह फिल्म उद्योग संसाधनों की कमी, स्थान की अनुपलब्धता और स्थानीय सहयोग के अभाव के चलते अन्य राज्यों की ओर रुख करता नजर आया। अब एक बार फिर बिहार में फिल्म उद्योग को पुनर्जीवित करने की दिशा में गंभीर प्रयास हो रहे हैं।
इसी क्रम में इन दिनों सीवान जिले के मैरवा गांव एवं इसके आसपास के पर्यटन स्थलों पर भोजपुरी फिल्म ‘बेटी बनल विजेता’ की शूटिंग चल रही है। यह फिल्म नारी सशक्तिकरण, शिक्षा और समाज में जातिगत भेदभाव जैसी समस्याओं के खिलाफ एक सशक्त संदेश देने का कार्य कर रही है। फिल्म की कहानी एक दलित परिवार की बेटी के संघर्षों, उसके सपनों और उसके द्वारा सामाजिक बेड़ियों को तोड़कर विजेता बनने की प्रेरक यात्रा को दर्शाती है।
फिल्म की पृष्ठभूमि और संदेश
‘बेटी बनल विजेता’ केवल एक मनोरंजन प्रधान फिल्म नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक दर्पण भी है जो समाज में व्याप्त असमानता, जातिगत भेदभाव, और लैंगिक असमानता को सामने लाकर इनसे निपटने का संदेश देती है। फिल्म की मुख्य किरदार एक गरीब दलित परिवार की बेटी है, जो तमाम सामाजिक और आर्थिक बाधाओं के बावजूद शिक्षा की रोशनी से अपने जीवन को बदलती है। यह फिल्म न केवल महिलाओं को, बल्कि पूरे समाज को यह प्रेरणा देती है कि अगर हिम्मत और हौसला हो, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं।
निर्माण दल और स्टारकास्ट
यह फिल्म फस्ट टैग क्रियेशन के बैनर तले बन रही है, जिसके निर्माता हैं रमेश गुप्ता, जो पहले भी कई सामाजिक मुद्दों पर आधारित लघु फिल्में और डॉक्यूमेंट्री बना चुके हैं। इस फिल्म की पटकथा और निर्देशन का जिम्मा वीरेन्द्र पासवान ने संभाला है, जिन्होंने ग्रामीण पृष्ठभूमि पर आधारित कई सराहनीय फिल्में बनाई हैं।
फिल्म में नायिका की भूमिका निभा रही हैं सोनालिका प्रसाद, जो एक सशक्त कलाकार हैं और जिन्होंने पहले भी नारी प्रधान फिल्मों में अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है। उनके साथ नायक की भूमिका में हैं प्रेम सिंह और रणविजय, जो भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी अभिनय क्षमता के लिए जाने जाते हैं। फिल्म में नायिका की मां की भूमिका निभा रही हैं सोनी पटेल, जिन्हें भोजपुरी सिनेमा में ‘अस्मिता पाटील’ की उपमा दी जाती है। उन्होंने अब तक कई प्रभावशाली किरदार निभाए हैं और इस फिल्म में भी उनकी भूमिका बहुत अहम है। वहीं, नायिका की बड़ी बहन की भूमिका में सीमा यादव नजर आएंगी, जिनकी सादगी और अभिनय गहराई दर्शकों को निश्चित रूप से प्रभावित करेगी।
बिहार फिल्म निगम का सहयोग
इस फिल्म की सबसे खास बात यह है कि इसे बिहार फिल्म निगम के सहयोग से बनाया जा रहा है। यह एक स्वागत योग्य कदम है, क्योंकि इससे राज्य में न केवल फिल्म निर्माण को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय कलाकारों, तकनीशियनों और प्रतिभाओं को भी रोजगार और पहचान का अवसर मिलेगा। बिहार फिल्म निगम के सहयोग से हो रही यह पहल आने वाले समय में अन्य फिल्मों के निर्माण को भी प्रेरित कर सकती है।
बिहार फिल्म निगम पहले भी कुछ प्रयासों में शामिल रहा है, लेकिन इस बार जो सबसे महत्वपूर्ण बात सामने आ रही है वह यह है कि अब फिल्म निर्माण को सिर्फ पटना या मुजफ्फरपुर तक सीमित नहीं रखा जा रहा, बल्कि जिलों और गांवों तक इसका विस्तार हो रहा है। सीवान के मैरवा जैसे स्थानों पर शूटिंग होना यह दर्शाता है कि अब बिहार के गांव भी फिल्म निर्माण का केंद्र बन सकते हैं।
पर्यटन और संस्कृति को मिलेगा बढ़ावा
इस फिल्म की शूटिंग सीवान जिले के मैरवा और आसपास के पर्यटन स्थलों पर हो रही है। इससे न केवल फिल्म को एक वास्तविक और प्राकृतिक दृश्य पृष्ठभूमि मिलेगी, बल्कि इससे इन स्थलों की भी प्रसिद्धि बढ़ेगी। जब किसी फिल्म में किसी स्थल को दिखाया जाता है, तो वह दर्शकों के मन में एक आकर्षण पैदा करता है और उस स्थान पर पर्यटन बढ़ता है। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा और सांस्कृतिक पहचान को नया विस्तार मिलेगा।
स्थानीय प्रतिभाओं को मिलेगा मंच
‘बेटी बनल विजेता’ में यूपी और बिहार के मंझे हुए कलाकारों के साथ-साथ कई स्थानीय कलाकारों को भी मौका दिया गया है। यह एक सराहनीय पहल है, क्योंकि अक्सर स्थानीय प्रतिभाएं मंच और अवसर के अभाव में पीछे रह जाती हैं। फिल्म की शूटिंग के दौरान कई स्थानीय नवोदित कलाकारों को अभिनय, नृत्य और तकनीकी प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इससे एक नई पीढ़ी तैयार हो रही है जो आने वाले समय में भोजपुरी सिनेमा को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकती है।
सामाजिक प्रभाव और दर्शकों की अपेक्षा
‘बेटी बनल विजेता’ एक ऐसी फिल्म है जो समाज को यह संदेश देती है कि बेटी बोझ नहीं, बल्कि सम्मान और परिवर्तन की वाहक होती है। यह फिल्म एक समाजशास्त्रीय दस्तावेज की तरह काम करेगी, जो आज के युवा वर्ग को सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जागरूक करेगी। दर्शकों को इस फिल्म से न केवल मनोरंजन मिलेगा, बल्कि विचारों को झकझोरने वाला एक गहन अनुभव भी प्राप्त होगा।