कैमूर के तेल्हाड़ कुंड पर बनेगा बिहार का दूसरा ग्लास ब्रिज, पर्यटन को मिलेगा नया आयाम
9 करोड़ की लागत से बनेगा आधुनिक ग्लास ब्रिज, झूला पुल और वॉच टावर भी होंगे शामिल; स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार का अवसर

कैमूर के तेल्हाड़ कुंड जलप्रपात पर बनेगा दूसरा ग्लास ब्रिज, पर्यटन को मिलेगा नया आयाम
संक्षिप्त :
बिहार के कैमूर जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए तेल्हाड़ कुंड पर 9 करोड़ की लागत से ग्लास ब्रिज बनाया जाएगा। यह बिहार का दूसरा ग्लास ब्रिज होगा। साथ ही वॉच टावर, झूला पुल और बच्चों के लिए पार्क भी विकसित किए जाएंगे। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार और पर्यटन को नया आयाम मिलेगा।
हाईलाइट :
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कैमूर के तेल्हाड़ कुंड पर बनेगा बिहार का दूसरा ग्लास ब्रिज।
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9 करोड़ रुपये खर्च कर विकसित होगा पर्यटन केंद्र।
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झूला पुल, वॉच टावर और बच्चों के पार्क की भी योजना।
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पर्यटन के साथ-साथ स्थानीय रोजगार को मिलेगा बढ़ावा।
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DM और DFO की निगरानी में तेजी से हो रहा कार्य।
Report By : Rupesh Kumar Dubey (News Era) || Date: 22 July 2025 ||
कैमूर (बिहार): बिहार का कैमूर जिला अब जल्द ही राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर और अधिक मजबूती से उभरेगा। यहां के प्रसिद्ध प्राकृतिक स्थल तेल्हाड़ कुंड जलप्रपात पर दूसरा ग्लास ब्रिज बनाया जाएगा। इस परियोजना के लिए करीब 9 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिल चुकी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की घोषणा के बाद अब इसका निर्माण कार्य जल्द ही शुरू किया जाएगा। इससे न केवल इस क्षेत्र का सौंदर्य और आकर्षण बढ़ेगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैमूर का दौरा किया था, उसी दौरान उन्होंने तेल्हाड़ कुंड के पास ग्लास ब्रिज के निर्माण की घोषणा की थी। इसके बाद बिहार सरकार ने इस परियोजना को हरी झंडी दे दी। कैमूर डीएफओ चंचल प्रकाशम ने जानकारी दी कि ग्लास ब्रिज के साथ-साथ यहां झूला पुल और वॉच टावर जैसी पर्यटक सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी।
“तेल्हाड़ कुंड जलप्रपात पर ग्लास ब्रिज, झूला पुल और वॉच टावर बनाने का कार्य बारिश के बाद शुरू किया जाएगा। वर्ष 2027 के मार्च तक यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा।”
— चंचल प्रकाशम, डीएफओ कैमूर
बारिश के बाद होगा निर्माण कार्य
तेल्हाड़ कुंड जलप्रपात के सौंदर्य और पर्यटक आकर्षण को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि इस परियोजना का निर्माण कार्य बरसात के मौसम के बाद शुरू किया जाएगा। योजना के अनुसार, आने वाले वर्षों में यह क्षेत्र बिहार का एक प्रमुख एडवेंचर टूरिज्म हब बन सकता है।
ग्लास ब्रिज के अलावा, झूला पुल और वॉच टावर जैसी संरचनाएं पर्यटन अनुभव को रोमांचक बनाएंगी। पर्यटक यहां से झरने का शानदार दृश्य देख सकेंगे और सुरक्षित तरीके से प्रकृति के करीब रह पाएंगे।
तेल्हाड़ कुंड जलप्रपात: प्राकृतिक सौंदर्य का अनमोल खजाना
तेल्हाड़ कुंड जलप्रपात भभुआ-औधोरा मार्ग पर स्थित है और यह स्थान दुर्गावती नदी के उद्गम के पास रोहतास पठार में स्थित है। यहां का दृश्य बेहद आकर्षक और शांत वातावरण लिए हुए होता है।
पानी जब ऊंचाई से गिरता है और पत्थरों से टकराता है, तो वह कोहरे का रूप लेकर आसमान में फैल जाता है। इस दृश्य को देखने हर साल हजारों सैलानी यहां पहुंचते हैं।
पर्यटन से बदलेगा स्थानीय जीवन
इस परियोजना से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार का भी बड़ा अवसर प्राप्त होगा।
- गाइड के रूप में काम करने के मौके
- कैफेटेरिया और छोटी दुकानें खोलने का अवसर
- महिलाओं को हस्तशिल्प और स्थानीय उत्पादों की बिक्री का प्लेटफॉर्म
इससे क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी और लोगों का जीवन स्तर ऊपर उठेगा।
कैमूर को मिलेगा नया पर्यटन पहचान
तेल्हाड़ कुंड पर बनने वाला ग्लास ब्रिज बिहार का दूसरा ऐसा पुल होगा। इससे यह स्थल राज्य ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी एक प्रमुख पर्यटक केंद्र बन सकता है। पहले से ही यह क्षेत्र प्राकृतिक प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थान रहा है। अब आधुनिक संरचनाओं के जुड़ने से यह और अधिक आकर्षक हो जाएगा।
राज्य सरकार द्वारा पर्यटन विकास के लिए लगातार उठाए जा रहे कदमों के तहत यह परियोजना एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।
तेल्हाड़ कुंड जलप्रपात पर ग्लास ब्रिज, झूला पुल और वॉच टावर जैसी परियोजनाएं न केवल क्षेत्रीय पर्यटन को नई दिशा देंगी, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार, व्यापार और विकास के नए द्वार खोलेंगी। प्रकृति के सौंदर्य और आधुनिक संरचनाओं के संगम से यह स्थल पर्यटकों के लिए एक नया अनुभव लेकर आएगा।
अब देखना यह है कि इस परियोजना का क्रियान्वयन कितनी तेजी और गुणवत्ता के साथ होता है। लेकिन इतना तय है कि तेल्हाड़ कुंड जल्द ही बिहार के सबसे खास पर्यटक स्थलों में गिना जाएगा।