तालाब में डूबने से सात वर्षीय बालक की दर्दनाक मौत, गांव में छाया मातम
भभुआ के जमुआंव गांव की घटना, मजदूर परिवार का इकलौता बेटा था मृतक ईश्वर कुमार, बसपा नेता विकास सिंह ने जताया शोक

तालाब में डूबने से सात वर्षीय बालक की दर्दनाक मौत, गांव में छाया मातम
मुख्य बिंदु (Highlights):
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सात वर्षीय बालक की तालाब में डूबने से मौत
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ट्यूशन जाते समय फिसला पैर, गहरे पानी में समाया
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ग्रामीणों ने बचाने की कोशिश की, लेकिन असफल
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मजदूरी करने वाला गरीब परिवार, परिजनों में कोहराम
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बसपा नेता विकास सिंह ने अस्पताल पहुंच संवेदना जताई
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प्रशासन से मुआवजे और सुरक्षा उपायों की मांग
Report By : Rupesh Kumar Dubey (News Era) || Date : 23 July 2025 ||
कैमूर जिले के भभुआ थाना क्षेत्र अंतर्गत जमुआंव गांव में मंगलवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जब सात वर्षीय मासूम बालक की तालाब में डूबने से मौत हो गई। मृतक की पहचान जमुना बिंद के पुत्र ईश्वर कुमार के रूप में हुई है। घटना सुबह करीब सात बजे की है, जब बच्चा रोज की तरह ट्यूशन के लिए घर से निकला था।
बताया जा रहा है कि घर से ट्यूशन जाते समय रास्ते में एक तालाब के किनारे उसका पैर फिसल गया, जिससे वह सीधे गहरे पानी में चला गया। ईश्वर तैरना नहीं जानता था और देखते ही देखते पानी में डूब गया।
स्थानीय लोगों की तत्परता लेकिन नाकाम बचाव
बच्चे को डूबते देख कुछ ग्रामीण तुरंत तालाब की ओर दौड़े और उसे बचाने की कोशिश की। काफी प्रयासों के बाद उसे बाहर निकाला गया और तत्काल भभुआ सदर अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
गरीब मजदूर परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
मृतक के पिता जमुना बिंद खेतों में मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। घटना के समय वे खेत में काम कर रहे थे। सूचना मिलते ही वह घटनास्थल पर पहुंचे। ईश्वर की मां घर में ही थीं और घटना की जानकारी ग्रामीणों से मिली।
पिता ने बताया कि ईश्वर उनका इकलौता पुत्र था और वह उसे पढ़ा-लिखा कर बेहतर भविष्य देना चाहते थे, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।
नेता ने जताई संवेदना, मुआवजे की मांग
घटना की सूचना मिलते ही जिला परिषद सदस्य सह बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश महासचिव विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल सदर अस्पताल पहुंचे। उन्होंने शोकसंतप्त परिवार से मुलाकात कर संवेदना प्रकट की और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
विकास सिंह ने कहा:
“इस दुखद घड़ी में परिवार को सरकारी मदद मिलनी चाहिए। हम प्रशासन से मांग करते हैं कि आपदा राहत कोष से पीड़ित परिवार को शीघ्र आर्थिक सहायता दी जाए। अपने स्तर से भी जो बन पड़ेगा, हम करेंगे।”
प्रशासन की भूमिका और ग्रामीणों की मांग
स्थानीय पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। कागजी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। वहीं ग्रामीणों ने प्रशासन से यह मांग की है कि:
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तालाबों के किनारे बैरिकेडिंग कराई जाए।
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चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं।
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बच्चों के लिए सुरक्षित मार्ग की व्यवस्था हो।
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तैराकी प्रशिक्षण की व्यवस्था गांवों में हो।
समाप्ति: एक मासूम की मौत और कई सवाल
ईश्वर की मौत ने पूरे गांव को झकझोर दिया है। यह घटना न सिर्फ एक परिवार के लिए त्रासदी है, बल्कि स्थानीय व्यवस्था और बच्चों की सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है। क्या अब भी ग्रामीण तालाबों को सुरक्षित बनाने की पहल होगी? यह समय प्रशासन के लिए चेतावनी है कि छोटी लापरवाहियां कभी-कभी जानलेवा साबित हो जाती हैं।